बीजापुर@रामचन्द्रम एरोला – बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी ने शुक्रवार को कलेक्टर बीजापुर को एक पत्र लिखा है विधायक ने अपने पत्र में कहा है कि बीजापुर जिले में कई आश्रम, छात्रावास और आवासीय पोटाकेबिन संचालित है। जिसमें आदिवासी बहुल्य दूरस्थ अंचलों के सैकड़ो आदिवासी गरीब बच्चे अध्ययनरत् है। कलेक्टर बीजापुर को लिखे पत्र में विधायक विक्रम मंडावी ने जिले के चिंताकोंटा और चेरामंगी की घटना का उल्लेख करते हुए लिखा है कि विकासखण्ड उसूर के चिन्ताकोंटा में 06/03/2024 दिन बुधवार को बांस से बने प्री फैब्रिकेटेड आवासीय विद्यालय (पोटाकेबिन) में देर रात करीब 2.00 बजे शार्ट सर्किट से आग लग गई जिसमें सो रहे 308 बच्चों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया जिसमें एक 04 वर्षीय कुमारी लिप्सा उईका पिता आयतु उईका का आग से झुलसने से दर्दनाक मौत हो गई। इसी तरह विगत् 27/02/2024 दिन मंगलवार को प्री-मेट्रिक बालक छात्रावास चेरामंगी, विकासखण्ड उसूर में अध्ययनरत कक्षा 7-वीं के छात्र जेवियर कुजूर, उम्र 13 वर्ष पिता ललीत कुजूर के द्वारा छात्रावास में अपने ही कमरे में फांसी लगा ली थी जिससे यह प्रतीत होता है कि आश्रम, छात्रावास और आवासीय पोटाकेबिनों में बच्चों के बुनियादी सुविधाओं में अव्यवस्था होने के कारण अप्रत्याशित घटनाएं घटित हो रही है। जिससे दूरस्थ अंचलों के बच्चों में अध्ययन करने एवं परिजनों में मानसिक प्रभाव पड़ सकता है। आश्रम, छात्रावास और आवासीय पोटाकेबिनों में आवश्यक सुधार करने की अत्यंत आवश्यकता है। विधायक ने अपने पत्र में आश्रम-छात्रावास-आवासीय पोटाकेबिनों में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति ना हो, इसके लिये उचित पहल करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने की माँग कलेक्टर बीजापुर से करी है।
![](https://readerfirst.com/wp-content/uploads/2024/07/1.jpg)
![](https://kirandoot.com/wp-content/uploads/2024/06/1.jpg)
![](https://kirandoot.com/wp-content/uploads/2023/12/1-1-750x567.jpg)
![](https://kirandoot.com/wp-content/uploads/2024/01/4.jpg)