एक-एक शव पर कई परिवारों का दावा,ओडिशा हादसे में मारे गए 100 शवों की पहचान फंसी तो परिवार का DNA Test शुरू

ओडिशा में 2 जून को हुए बेहद दर्दनाक ट्रेन दुर्घटना को भूल पाना आसान नहीं है. ट्रेन हादसे में अब तक 278 लोगों की मौत हुई है। इनमें में से 101 लाशों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। हावड़ा एडीएम जितिन यादव ने बताया कि लाशों की पहचान में हमें सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ शवों पर कई पक्ष दावे कर रहे हैं। हालांकि, भुवनेश्वर AIIMS का कहना है कि उन्होंने इस परेशानी से निपटने के लिए डीएनए सैंपलिंग शुरू कर दी है। 10 डीएनए सैंपल्स दावा कर रहे परिवारों से लिए गए हैं।
170 शव सौंपे गए
ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने कहा कि 170 शव बालासोर और भुवनेश्वर से सौंपे गए। कई लोग सुबह से देर रात तक इंतजार करते रहे लेकिन उन्हें अपनों के शव नहीं मिल सके। एम्स भुवनेश्वर के मुर्दाघर में शवों को संरक्षित किया गया है। भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) आयुक्त विजय अमृता कुलंगे ने कहा, हम कुछ शवों की पहचान करने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं क्योंकि शव बहुत खराब स्थिति में हैं और चेहरों की ठीक से पहचान नहीं हो पा रही है।
'मुआवजे के लिए हो सकता है झूठा दावा'
पश्चिम बंगाल के एक वृद्ध व्यक्ति ने कहा, हमने हमारे (परिजन के) शव पर दावा करने के लिए स्थानीय प्राधिकरण के समक्ष संबंधित दस्तावेज जमा किए हैं। लेकिन किसी और ने उसी शव पर दावा करते हुए शिकायत दर्ज कराई है। इसलिए, हमें शव नहीं मिल सका है। अधिकारियों ने कहा कि हो सकता है कि मुआवजे की वजह से कुछ लोग झूठा दावा करें इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।
इन राज्यों के हैं सबसे मृतक
पश्चिम बंगाल और ओडिशा प्रशासन ने साथ मिलकर एम्स भुवनेश्वर में हेल्पडेस्क की शुरुआत की है। एक अधिकारी ने बताया कि अधिकतर पीड़ित पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा राज्य के रहने वाले थे। सीबीआई, रेलवे सुरक्षा कमिश्नर और जीआरपी ने ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है। खुर्दा डीआरएम रिंकेश रॉय को आशंका है कि उपकरणों के साथ छेड़छाड़ की गई है, जिस वजह से इतना बड़ा हादसा हो गया।
Many families claim each dead body, the identity of 100 dead bodies killed in the Odisha accident stuck, then the family's DNA test started