इन दो देशों में छिड़ गई जंग, सेना ने कई पहाड़ियों पर किया कब्जा
The war broke out in these two countries the army captured many hills

(The war broke out in these two countries, the army captured many hills)
चीन और ताइवान के बीच जारी तनाव और जंग के खतरे के बीच दुनिया के दो अन्य देशों में जंग शुरू हो गई है. नागोर्नो-काराबाख इलाके को लेकर अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच फिर तनानती शुरू हो गई है. दोनों ही देश सोवियत संघ का हिस्सा रहे हैं, लेकिन 80 के दशक के आखिर में जब USSR का पतन शुरू हुआ तो उसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ा. 1991 में भी दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनी थी. अर्मेनिया और अजरबैजान पड़ोसी मुल्क हैं.
चीन और ताइवान के बीच जारी तनाव और जंग के खतरे के बीच दुनिया के दो अन्य देशों में जंग शुरू हो गई है. अजरबैजान और अर्मेनिया के बीच एक बार फिर तनातनी शुरू हो गई है. अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उन्होंने विवादित क्षेत्र नागोर्नो-काराबाख की कई पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया है. अजरबैजान के मुताबिक तनानती की शुरुआत तब हुई, जब अर्मेनिया के सैनिकों ने विवादित क्षेत्र में उनके एक सैनिक को मार दिया. बता दें कि इस इलाके में रूस के शांति सैनिक भी तैनात हैं.
अर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने अजरबैजान के हमले में दो सैनिकों की मौत की पुष्टि की है. लड़ाई में अब तक अर्मेनिया के 19 सैनिक घायल हो गए हैं. इनमें से 4 की हालत गंभीर है. इलाके में तैनात रूस की शांति सेना ने अजरबैजान के सैनिकों के तीन बार संघर्ष विराम उल्लंघन करने की जानकारी दी है.
दोनों देशों के बीच क्यों छिड़ी है जंग?
ये पूरा विवाद नागोर्नो-काराबाख इलाके को लेकर है, जो अभी अजरबैजान में पड़ता है, लेकिन अभी अर्मेनिया की सेना का यहां कब्जा है. दोनों ही देश सोवियत संघ का हिस्सा रहे हैं, लेकिन 80 के दशक के आखिर में जब USSR का पतन शुरू हुआ तो उसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ा. ये पूरा विवाद नागरनो-काराबख इलाके के लिए है, जो अर्मेनिया और अज़रबैजान के बॉर्डर इलाके पर है. 1991 में भी दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनी थी.
पहाड़ी इलाके पर कब्जे को लेकर लड़ाई
तीन साल के संघर्ष के बाद रूस ने दखल दिया और 1994 में सीज़फायर हुआ. मौजूदा वक्त में ये इलाके यूं तो अज़रबैजान में पड़ता है, लेकिन यहां अर्मेनिया के हिस्से के लोग अधिक हैं ऐसे में अर्मेनिया की सेना ने इसे अपने कब्जे में लिया हुआ है. करीब चार हजार वर्ग किमी. का ये पूरा इलाका पहाड़ी है, जहां तनाव की स्थिति बनी रहती है. मौजूदा तनाव 2018 में शुरू हुआ था, जब दोनों सेना ने बॉर्डर से सटे इलाके में अपनी सेनाओं को बढ़ा दिया था.
कहां बसे हैं ये दोनों देश?
अर्मेनिया और अजरबैजान पड़ोसी मुल्क हैं, जो एशिया में ही आते हैं. पूर्व में दोनों ही सोवियत संघ का हिस्सा रहे हैं और यूरोप के बिल्कुल करीब हैं. भारत से करीब चार हजार किमी. की दूरी पर मौजूद अर्मेनिया और अजरबैजान ईरान और तुर्की के बीच में आते हैं.