अमेरिका ने 9/11 हमले में शामिल अल-जवाहिरी को काबुल में घुसकर मारा

US kills al-Zawahiri involved in 9/11 attacks in Kabul

अमेरिका ने 9/11 हमले में शामिल अल-जवाहिरी को काबुल में घुसकर मारा
Ro No. 12652/149

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(US kills al-Zawahiri involved in 9/11 attacks in Kabul)


अमेरिका ने अल-जवाहिरी के खात्मे के लिए अपनी खतरनाक निंजा मिसाइल के नाम से मशहूर हेलफायर आर9एक्स हथियार का इस्तेमाल किया.

अमेरिका ने अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी अभियान में मोस्ट वॉन्टेड ग्लोबल टेरररिस्ट और अल-कायदा के चीफ अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसकी पुष्टि की है.

अधिकारियों ने कहा कि जवाहिरी एक सुरक्षित घर की बालकनी में थे जब ड्रोन ने उस पर दो मिसाइलें दागीं. अल-जवाहिरी पर 25 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित था. अमेरिका को इसकी तलाश काभी समय से थी. अल-जवाहिरी अमेरिका में हुए 9/11 आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता था. इसके अलावा उसके पर कई और दूसरी आतंकी वारदातों को अंजाम देने का भी आरोप था. 

अमेरिका ने 6 महीने पहले ऑपरेशन शुरू किया

अमेरिका ने 6 महीने पहले अल-जवाहिरी के खिलाफ ऑपरेशन की शुरूआत कर दी थी. ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए दो महीने पहले ही जवाहिरी को तलाश को और तेज कर दिया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिका ने अपनी खतरनाक निंजा मिसाइल आई9एक्स हथियार का इस्तेमाल किया है. बता दें कि ये वही हथियार है, जिससे अल-कायदा के वरिष्ठ नेता अबू अल-खैर अल-मसरी को मार दिया गया था. 

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए पिछले कई हफ्तों से काबुल में डेरा जमाए अलकायदा सरगना अल-जवाहिरी पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए थी. अमेरिकी अधिकारी जवाहिरी के हर एक कदम की जानकारी अपने पास रखते थे. व्हाइट हाउस और पेंटागन में बैठे अधिकारी उसके खात्मे के लिए मौके की तलाश में थे. 

अमेरिका ने ऐसे दिया ऑपरेशन का अंजाम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अल कायदा का चीफ अल जवाहिरी अपने परिवार के साथ काबुल के शेरपुर इलाके में स्थित एक मकान में रहता था. ये इलाका घनी आबादी वाला है. जिस घर में जवाहिरी को मार गिराया गया वो कई मंजिला बना हुआ है. जानकारी के मुताबिक, जवाहिरी 31 जुलाई को काबुल के शेरपुर स्थित घर में अपने परिवार से मिलने के लिए पहुंचा हुआ था.

अमेरिका ने दो हेलफायर मिसाइलों का इस्तेमाल करके अल कायदा प्रमुख को मार गिराया गया. ड्रोन स्ट्राइक 31 जुलाई सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर किया गया. जिस वक्त काबुल में ड्रोन स्ट्राइक की जवाहिरी के अलावा वहां उसके परिवार के लोग भी मौजूद थे लेकिन किसी अन्य सदस्य को नुकसान नहीं हुआ है.