Air Force has ordered a court of inquiry into the incident. Both pilots are safe.
भारतीय वायु सेना के एक अपाचे हेलीकॉप्टर को लद्दाख में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। इस दौरान उतार-चढ़ाव वाले इलाके और अधिक ऊंचाई के कारण हेलीकॉप्टर को नुकसान पहुंचा है। हालांकि इसमें सवार दोनों पायलट सुरक्षित हैं। वायुसेना ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना बुधवार को हुई।
वायु सेना ने घटना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए हैं। आईएएफ ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘आईएएफ के अपाचे हेलीकॉप्टर ने 3 अप्रैल को लद्दाख में एक परिचालन प्रशिक्षण उड़ान के दौरान एहतियाती लैंडिंग की। इस लैंडिंग की प्रक्रिया के दौरान, उतार-चढ़ाव वाले इलाके और उच्च ऊंचाई के कारण इसे नुकसान हुआ।’
कैसे हुआ हादसा?
वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि हादसे का प्रथमदृष्टया जो कारण सामने आया है, उसमें लद्दाख क्षेत्र (AOR) में उतार-चढ़ाव वाले इलाके और उच्च ऊंचाई से उत्पन्न चुनौतियां शामिल हैं। हादसे के बाद भले ही पायलट सुरक्षित हैं, लेकिन हेलीकॉप्टर को क्षति पहुंची है। बता दें कि सितंबर, 2015 में अमेरिका के साथ 13,952 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिनमें भारतीय वायुसेना ने इनमें से 22 उन्नत हेलीकॉप्टरों को शामिल किया।
अपाचे हेलिकॉप्टर की खासियत
अपाचे हेलिकॉप्टरों को अटैक के मामले में दुनिया में सबसे मारक माना जाता है। मई 2019 में अमेरिकी कंपनी बोइंग ने भारत को एरिजोना में पहला अपाचे हेलिकॉप्टर सौंपा था। अपाचे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि दुश्मन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है। रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि अपाचे युद्ध के समय ‘गेम चेंजर’ की भूमिका निभा सकता है। किसी भी तरह का मौसम हो, किसी भी तरह की परिस्थिति हो, अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर दुश्मनों को नहीं बख्शता।
365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार
अपाचे हेलीकॉप्टर 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है। इतनी तेज गति होने की वजह से यह दुश्मन के टैंकों के परखच्चे आसानी से उड़ा सकता है। अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर में हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें लगी हैं और दोनों तरफ 30mm की दो गनें हैं। इन मिसाइलों का पेलोड इतने तीव्र विस्फोटकों से भरा होता है कि दुश्मन का बच निकलना नामुमकिन होता है।