बमबारी की तस्वीरें की जारी
बीजापुर@रामचन्द्रम एरोला – दक्षिण बस्तर डिवीजन भाकपा ( माओवादियों( के प्रवक्ता गंगा ने 9 अप्रैल को प्रेस नोट जारी करते कहा कि पामेड़ इलाके में 07 अप्रैल 2024 को बीजापुर-सुकमा जिलों के सीमावर्ती इलाके पालागुड़ा, इत्तागुड़ा, जिलोरगड्डा, गोम्मगुड़ा, कंचाल आदि गांवों एवं जंगलों को निशाना बनाते रात 11:45 बजे से करीबन आधा घंटा तक रॉकेट लांचरों से भीषण बमबारी की गयी. आगे कहा हमारी पार्टी दक्षिण बस्तर डिविजन कमेटी इस भीषण बमबारी की कड़ी शब्दों में निंदा करती है. साथ ही देश के तमाम मजदूरों, किसानों, छात्रों, युवाओं, प्रगतिशील जनवादी बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार संगठनों, सामाजिक संगठनों तथा मजदूर वर्ग व मेहनतकश, मध्य वर्ग की जनता से अपील करती है कि वे पुलिस, अर्ध-सैनिक एवं सैन्य बलों द्वारा संयुक्त रूप से संचालित ‘कगार हमलों के तहत आदिवासी जनता पर जारी इस भीषण रॉकेट बमबारी के खिलाफ आवाज बुलंद करें, इन गांवों और जंगलों में कईयों जगह रॉकेट लांचरों द्वारा 30 से अधिक हाई एक्सप्लोजिव बम दागे गये हैं. जहां-जहां ये बाम गिरा है वहां 100-200 वर्ग मीटर इलाके की पेड़, पौधें तथा जानवर नष्ट हो गये. कई जगह लोग बाल बाल बचे है. भागकर वे अपनी जान बचाये हैं. पूरे इलाके में भय व डर का माहौल बना हुआ है. दिन-रात तरह तरह के ड्रोन, टोही आसमान में मंडराते हुए देखकर और कब कहां बम गिरेगी की स्थिति बनी हुई है. आप सभी लोग जानते हैं कि आदिवासी जंगलों पर निर्भर होकर अपना जीवनयापन करती है. इन दिनों जंगलों, खेतों में महुआ बिनने का काम जोरों पर है जोकि आदिवासियों की आय का प्रमुख स्रोत है. महुआ फूल को जंगली और पालतु जानवर खाने से बचाने के लिए लोग रात को महुआ पेड़ों के नीचे ही सोते है और दिन-रात जंगलों ही ज्यादा समय अपना जीवन बिताते हैं. इस तरह की बमबारी के कारण सभी तरह की जंगली वनोपजों की संग्रहण से जनता वंचित हो रही है,
एक तरफ माओवादी पार्टी से शांतिवार्ता करने का ढिंढोरा पीटते हुए, लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तारीके से संपन्न करने की बात करते हुए दूसरी तरफ लोकसभा चुनावों से पहले हमारी पार्टी व पार्टी के नेतृत्व में जारी जनयुद्ध को उन्मूलन का दुष्ट लक्ष्य के साथ जनता का सफाया करने की योजना पर केंद्र राज्य की ब्राह्मणीय हिंदुत्व फासीवादी सरकार के दिशा निर्देशन पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जोर लगा रहे हैं. इसकी तैयारियां इस साल शुरू से और जोरों पर कर रही है. दक्षिण बस्तर डिविजन (बीजापुर-सुकमा जिला) में बीते 4 महीनों के अन्दर 11 फॉर्वड ऑपरेशनल बेस कैम्पस खोले गये हैं. इन कैम्पों में सीआरपीएफ़, कोबरा, एसटीएफ, डीआरजी अन्य सैन्य बल आदि को तैनात किया गया. सभी कैम्पों में कई किस्म के ड्रोन्स रखे हैं. ट्रकों से भर-भर कर अत्याधुनिक हथियार, गोला-बारूद लाकर रखें हैं और भी लाया जा रहा हैं. पहले से तैनात बलों के अलावा अतिरिक्त बलों की तैनाती की जा रही है. की आदिवासी बाहुल जनजाति पर भीषण युद्ध और तेज करने के लिए ही इन क्षेत्रों में इतनी बड़ी संख्या में कैम्पों, लाखों की संख्या में सशस्त्र बलों की तैनाती से साफ दिखाई देता है कि केंद्र राज्य सरकारें आदिवासी इलाके में भीषण युद्ध चलाकर जनता का सफाया करना चाहती है. हर 2-3 किलो मीटर के दायरे में एक कैंप बिठाते हुए पूरे दक्षिण बस्तर को ही एक पुलिस कैम्प में तब्दील किए है। इनमें तैनात पुलिस व अर्धसैनिक बलों द्वारा गांवों पर पाशविक हमलें – बेदम पिटाई, लूटपाट, झूठे केसों में गिरफ्तार कर जेलों में ठूंसना, झूठी मुठभेड़ों में हत्याएं बेरोकटोक जारी है। महिलाओं के साथ शोषण की घटनाएं बढ़ रही. आखिरी में अपील करते दक्षिण बस्तर डिवीजन ने कहा राज्य और देश के सभी जनवादी, प्रगतिशील, देशभक्त ताकतों, लेखकों, सांस्कृतिक कर्मियों व किसान, मजदूर, छात्र, युवा, महिला संगठनों, वामपंथी पार्टियों व ताकतों, मानवाधिकार संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, आदिवासी सामाजिक संगठनों तथा प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कर्मियों से शोषक शासक वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाली केंद्र राज्य की ब्राह्मणीय हिंदुत्व फासीवादी भाजपा सरकारों द्वारा देश की ही जनता पर जारी युद्ध के तहत जमीनी व हवाई, रॉकेट हमलों के खिलाफ आगे आयें, आवाज बुलंद करें, विरोध दर्ज करें, इलाके का दौरा करके हालत का जायजा लेवें। और यहां का जनता की अस्तित्व और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए व्यापक जन आंदोलन का निर्माण करें. हर खबर को लोगों तक पहुंचना ही हमारा मकसद, हम इसकी पुष्टि नहीं करते जांच का विषय है ।