Budget 2024 LIVE: Finance Minister said in the budget speech, ‘The government’s focus is on the poor, women, youth and farmers
वित्त मंत्री सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संकेत दिया है कि वह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए कदमों की घोषणा करेंगी, जो देश के विकास इंजन का एक हिस्सा हैं। एमएसएमई को राहत मिलने से रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण (Manufacturing) में खास तौर पर वृद्धि की गुंजाइश है।
बजट (Union Budget 2024) पेश होने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा, “यह बजट अमृत काल का महत्वपूर्ण बजट है। हमारे पास जो पांच साल हैं, यह बजट उस यात्रा की दिशा तय करेगा और साथ ही 2047 में विकसित भारत के सपने को पूरा करने की नींव रखेगा।
4 अलग-अलग जातियों पर मोदी सरकार का ध्यान: निर्मला सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा,”जैसा कि अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया है, हमें 4 अलग-अलग जातियों, गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि किसानों के लिए हमने सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा की है, जो लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन के वादे को पूरा करते हैं। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को 5 साल के लिए बढ़ाया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए।”
लोकसभा में बजट पेश कर रहीं वित्त मंत्री
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश कर रही हैं। उन्होंने बजट पेश करते हुए कहा कि देशवासियों को मोदी सरकार पर भरोसा है।
देश की दिशा व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ रही: गजेंद्र सिंह शेखावत
बजट पेश होने से पहले संसद पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “2014 से पीएम मोदी की सरकार का संकल्प है कि भारत आत्मनिर्भर बने और जिस तरह से देश इस दिशा में व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ रहा है, इस बार भी बजट उसी प्रारूप में घोषित किया गया है।”
बजट में 9 प्राथमिकाताओं पर फोकस
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘भारत की आर्थिक ग्रोथ तेजी से बढ़ रही है। ये आने वाले सालों में आगे भी बढ़ती रहेगी। भारत की महंगाई दर कम रहने की उम्मीद है। खाने-पीने की महंगाई भी कमी है। अंतरिम बजट में बताया गया था कि हम चार बड़े समूह गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता का जिक्र किया गया था। अन्नदाता के लिए हमने एमएसपी बढ़ाया था। कॉस्ट से 50 फीसदी मार्जिन बढ़ाई गई थी। पीएम अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया गया था। इस बजट में 9 प्राथमिकाताओं पर ध्यान दिया जा रहा है। रोजगार और स्किल पर ध्यान दिया जा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर, नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इन प्राथमिकताओं को पूरी करने के लिए हम पूरी तैयारी से जुटे हैं। विकसित भारत के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं। एग्रीकल्चर के क्षेत्र में सरकार बड़ी योजना बना रही है।
क्या किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए खजाना खोलेगी सरकार?
चुनाव से पहले विपक्षी दलों ने किसानों, बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं, महिलाओं और नौकरीपेशा लोगों की परेशानियों से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरा और वे बहुत हद तक अपने मकसद में सफल भी रहे। ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि इन वर्गों के लोगों को सरकार इस बार के बजट में क्या तोहफा देती है। जानकारों का मानना है कि अपने तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में सरकार महिलाओं-किसानों और युवाओं के लिए खजाना खोल सकती है। युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाने के नए उपाय बजट में दिखाई दे सकते हैं, तो महिलाओं को लखपति बनाने की भाजपा की योजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार भारी निवेश की घोषणा कर सकती है। बजट से पहले इन वर्गों के लोगों की सरकार से अपनी-अपनी अपेक्षाएं हैं। आइए उस पर एक नजर डालते हैं।
किसान और कृषि क्षेत्र
अंतरिम बजट में किसानों से जुड़े क्या एलान किए गए?
इस बार किसानों को बजट से क्या अपेक्षाएं हैं यह जानने से पहले यह जानने की कोशिश करते हैं कि इसी साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में किसानों के लिए क्या-क्या घोषणाएं की गईं थीं। लोकसभा चुनावों से पहले पेश हुए अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने ग्रामीण विकास पर जोर देते हुए अपने बजट भाषण में बताया था कि किसान हमारे ‘अन्नदाता’ हैं। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने का एलान किया था। इसके साथ ही सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में नैनो-डीएपी के इस्तेमाल के विस्तार की बात कही गई थी। तिलहनों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए ‘आत्मनिर्भर तिलहन अभियान’ शुरू करने का एलान किया गया था। डेयरी विकास के लिए व्यापक कार्यक्रम बनाने की बात भी वित्त मंत्री ने की थी। इसके साथ ही जलीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने, निर्यात दोगुना करने और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने की चर्चा की गई। मत्स्य पालन के क्षेत्र के लिए पांच एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित करने का भी एलान वित्त मंत्री ने किया था।
इस बार कृषि क्षेत्र को बजट से क्या अपेक्षाएं हैं?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से पहले किसानों के प्रतिनिधियों, कृषि विशेषज्ञों और कृषि से जुड़े विभागों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और उनके सुझाव लिए। वित्त मंत्री ने कृषि और किसानों को मजबूत बनाने के लिए उनके विचार समझे। किसानों की बजट से अपेक्षाओं के बारे में बात करते हुए कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा ने अमर उजाला से कहा कि उदारीकरण के बाद से केंद्र सरकारों का पूरा ध्यान बाजारों और बड़ी कंपनियों के विकास की ओर केंद्रित रहा है। इसका असर यह हुआ है कि देश का बहुसंख्यक युवा आज भी बेरोजगार है, किसानों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हुई है। इसका असर हुआ है कि रोजाना किसान खेती छोड़ने पर मजबूर हो रहा है। वह मजदूर के रूप में जीवन यापन करने को मजबूर हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि देश की आर्थिक तस्वीर बदलनी है, तो केंद्र सरकार की प्रमुखता में कृषि होनी चाहिए, जो आज भी हमारे देश की लगभग 60 फीसदी आबादी के जीवनयापन का मुख्य जरिया है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराकर किसानों को बड़ी मदद दी जानी चाहिए।