Home Blog आचार्य विद्यासागर जी द्वारा धर्मचर्या हेतु अपने जीवन का लम्बा समय चंद्रगिरि...

आचार्य विद्यासागर जी द्वारा धर्मचर्या हेतु अपने जीवन का लम्बा समय चंद्रगिरि तीर्थस्थल में व्यतीत करना, प्रदेशवासियों का सौभाग्य

0

Acharya Vidyasagar Ji spent a long time of his life in Chandragiri pilgrimage for religious activities, it is the good fortune of the people of the state

संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज आध्यात्मिक चेतना के पुंज – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

Ro.No - 13073/159

डोंगरगढ़ में जैनाचार्य विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर / संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज आध्यात्मिक चेतना के पुंज थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हमेशा आचार्य जी से आशीर्वाद लेते थे, उनसे प्रेरणा ग्रहण करते थे। हम सबका सौभाग्य है कि आचार्य जी ने हमेशा हमें प्रेरित किया। यह छत्तीसगढ़ की भूमि धन्य है कि जिसे आचार्य जी ने इतना प्रेम दिया और संलेखना के लिए प्रदेश की इस धरती को चुना। आज उनकी समाधि स्मृति महोत्सव में दर्शन पाकर सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूँ। मेरी प्रार्थना है कि छत्तीसगढ़ के ऊपर उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहे, प्रदेश में सदैव खुशहाली हो।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थस्थल में जैनाचार्य विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव में सम्मिलित हुए और समाधि के दर्शन किये जहाँ देशभर से पहुंचे अनुयायियों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।

श्री साय ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ वासियों का परम सौभाग्य है कि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने धर्मचर्या के लिए अपने यशस्वी जीवन का लम्बा समय डोंगरगढ़ के चंद्रगिरि तीर्थस्थल में व्यतीत किया। आचार्य जी के विचार और उनका जीवन-दर्शन हम सबको प्रेरणा देते रहेंगे। जैनाचार्य विद्यासागर जी महाराज ने समाज को सत्य, अहिंसा और परमार्थ के मार्ग में चलने के लिए एकजुट किया। बाबा जी का जीवन सर्वजन के लिए अनुकरणीय है।

सीएम साय ने कहा कि आचार्य जी के धार्मिक विचार तो प्रेरित करते ही हैं, भारत के प्रति उनकी सोच भी अनुकरणीय है, जिन्होंने देश के करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है। उन्होंने राष्ट्रहित को हमेशा सर्वोपरि रखा। अपने संदेश से उन्होंने भारत की एकता को लगातार मजबूत करने का काम किया। उनका स्पष्ट मत था कि भारत में भारतीय शिक्षण पद्धति लागू हो और लोगों के बीच बातचीत के लिए भारतीय भाषा में व्यवहार हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से उनके विचारों को मूर्त रूप देने का प्रयास किया है। आज हमारी शिक्षा पद्धति भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों से जुडी हुई है। हमें इस बात कि हार्दिक खुशी है कि आचार्य जी के जीवनकाल में उनका यह स्वप्न मूर्त रूप ले सका।

महोत्सव में पूज्य मुनि संतसागर जी महाराज, देशभर से आए मुनिगण, साध्वीगण, अनुयायी एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here