‘Khela’ happened in Himachal amid Rajya Sabha elections, 9 MLAs did cross voting
हिमाचल प्रदेश की सियासत में बड़ी हलचल हुई है. प्रदेश के छह कांग्रेस विधायकों सहित कुल 9 एमएलए भाजपा के संपर्क में हैं. इन सभी विधायकों को लेकर भाजपा चंडीगढ़ गई है.
सूत्रों के हवाले से यह खबर है. जानकारी मिली है कि ये 9 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं. इनमें कांग्रेस के 6 तीन विधायक हैं. साथ ही तीनों निर्दलीय विधायकों को लेकर भी भाजपा नेता चंडीगढ़ गए हैं.
हिमाचल प्रदेश में राज्य सभा की एक सीट के लिए मंगलवार को मतदान हुआ। इस चुनाव से पहले संख्या बल के आधार पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित थी। लेकिन बीजेपी ने हर्ष महाजन को मैदान में उतारकर दिलचस्प बना दिया। इसी बीच सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। इन सभी विधायकों ने बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया है। हालंकि इसमें कितनी सच्चाई है इसका पता शाम को 5 बजे के बाद पता चल पाएगा। शाम को 5 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी और विजेता का पता चलेगा। हिमाचल के 68 के 68 विधायकों ने वोट डाल दिया है। कांग्रेस के विधायक सुदर्शन कुमार बबलू ने सबसे अंत में वोट डाला। वो बीमार थे। उन्हें वोट डालने के लिए चॉपर से लाया गया। इसी बीच बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन ने कहा है कि अगर मैं जीता तो यहां सिक्खू सरकार गिर जाएगी।
सीएम ने एडवोकेट जनरल को बुलाया
कार्यवाही के बाद सीएम सुक्खू ने कहा कि मंगलवार के सत्र के लिए व्हिप जारी किया गया था, लेकिन कुछ विधायक सदन में मौजूद नहीं रहे. ऐसे में अब उन पर कार्यवाही की जा सकती है. इसी बीच, सीएम सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के एडवोकेट जनकर अनूप रत्न को भी विधानसभा बुलाया है.
सीएम सुक्खू ने क्रॉस वोटिंग पर कही ये बात
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने क्रॉस वोटिंग पर कहा कि अगर कोई विधायक बिका नहीं होगा तो कांग्रेस जीत जाएगी। सभी 40 विधायकों से बात हो गई है। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस की विचारधारा और कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनकर आए हैं वह कांग्रेस प्रत्याशी को ही वोट देंगे। वहीं मतदान के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जीत का दावा करते हुए कहा कि सभी विधायकों ने पार्टी की विचारधारा पर अपने मत का इस्तेमाल किया है। पार्टी पूरी तरह से एकजुट है। सभी कांग्रेस विधायक सरकार के साथ हैं। विपक्षी भाजपा पैसे की अंतरात्मा की बात कर रही है। क्योंकि भाजपा की कोई अंतरात्मा नहीं है पैसा ही उनकी अंतरात्मा है। अगर कोई पार्टी की सोच से हटकर वोट डालता है तो उसमें सौदेबाजी का अंदेशा होता है।
मंत्रियों और विधायकों को सदन से बाहर ले गए सीएम सुक्खू
कटौती प्रस्ताव के दौरान विपक्ष के और से जोरदार तरीके से पक्ष रखा गया कि मतदान होना चाहिए। उसके बाद दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विधानसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित होने से पहले सदन के भीतर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सभी मंत्रियों और विधायकों को सदन से बाहर ले जाते हुए दिखे।