हिन्दू, आदिवासी, इसाई समुदाय के 105 जोड़े ने अपनी पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार एक दूसरे का बने जीवन साथी
बीजापुर@रामचन्द्रम एरोला – आवापल्ली में 55 जोड़े जिसमे 2 इसाई 6 हिन्दू, 47 आदिवासी रीति से सामुदायिक भवन के सामने एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय में सम्पन्न हुवा । भोपालपट्टनम में सामुदायिक भवन परिसर में 50 जोड़े जिसमे 5 इसाई, हिन्दू 2 आदिवासी 43 जोड़ो का विवाह आयोजन सम्पन्न हुवा। आयोजन के दौरान आवापल्ली में समाज प्रमुख एवं अनुविभागीय अधिकारी एवं भोपालपट्टनम में जनप्रतिनिधि, सामाजिक प्रमुखों गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में विवाह सम्पन्न हुआ। इस प्रकार से कुल 105 जोड़े दंपति ने छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत एक दूसरे के जीवन साथी बने। जिला प्रशासन एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में नवदंपतियों का विवाह उत्साह, उमंग और पारंपरिक बाजे-गाजे के आयोजन के साथ सम्पन्न हुआ। अधिकारी , जनप्रतिनिधियों, समाज प्रमुखों ने नवदंपति को सुखद वैवाहिक जीवन की आशीष दी। इस दौरान नवदंपतियों को राज्य शासन की ओर से 21-21 हजार रूपए का चेक प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना गरीब माता-पिता के लिए एक बेहद सुखमय योजना है। जिससे माता-पिता को अपने बेटियों के विवाह, दहेज जैसे कु-प्रथा से निजात दिलाती है आज के भारी-भरकम खर्च वाले विवाह आयोजन से गरीब माता-पिता को निजात मिली। इस योजना से प्रत्येक जोड़े को 50 हजार का अनुदान स्वीकृत किया जाता है। जिसमें से 21 हजार रूपए को वित्तीय सहायता के रूप में बैंक खाते के माध्यम से राशि का भुगतान किया जाता है। इसी तरह 15 हजार रूपए का उपहार सामग्री, 6 हजार रूपए का वर-वधु का श्रृंगार एवं वस्त्र इत्यादि तथा 8 हजार रूपए विवाह आयोजन पर व्यय किया जाता है। इस तरह प्रत्येक जोड़ों को 50 हजार रूपए की राशि स्वीकृत की जाती है।