Home Blog क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे?क्या हुआ था इस दिन?,जानिए खास बातें…

क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे?क्या हुआ था इस दिन?,जानिए खास बातें…

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Why is Good Friday celebrated? What happened on this day? Know special things…

गुड फ्राइडे को ईसाई धर्म में एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इसे गुड फ्राइडे के अलावा ब्लैक फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे या होली फ्राइडे भी कहा जाता है। हालां​कि गुड फ्राइडे को धूमधाम से नहीं बल्कि शांति और शोक के रूप में ईसाई धर्म के लोग मनाते है। इस बार गुड फ्राइडे कल यानी 29 मार्च शुक्रवार को है। आइए जानते हैं गुड फ्राइडे, इस दिन शोक क्यों मनाया जाता है…

जानिए गुड फ्राइडे

गुड फ्राइडे का दिन प्रभु यीशु के बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ही यीशू को सूली पर चढ़ाया गया था. भले ही इसे गुड फ्राइडे कहा जाता है लेकिन आपको बता दें यह खुशी का दिन नहीं है. बल्कि शांति और शोक मनाते है। ये दिन उनके लिए बहुत मायने रखता है। इस दिन ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में जाकर प्रार्थना करते हैं। लोग यीशू के लिए उपवास भी रखते हैं। उपवास को करने के बाद मीठी रोटी बनाकर खाई जाती है। लोग दान-पुण्‍य करते हैं और बढ़-चढ़कर अच्‍छे काम करते हैं। साथ ही इस दिन प्रभु यीशु के उपदेशों का स्मरण किया जाता है। ईसाई धर्म में पवित्र सप्ताह की मान्यता है। इस सप्ताह में 3 फेस्टिवल मनाए जाते हैं। सबसे पहले रविवार को पाम संडे कहते हैं। कहते हैं इसी दिन प्रभु यीशु ने यरुशलम में प्रवेश किया था। इस सप्ताह में आने वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे कहते हैं और इसके बाद आने वाले रविार को ईस्टर संडे कहते हैं।

बाइबल में बताया गया है कि करीब 6 घंटों तक ईसा मसीह को कीलों से ठोका गया था। इसके बाद उन्हें सूली पर लटकाया गया था। यह सब होने के आखिरी 3 घंटे में चारों तरफ अंधेरा हो गया था और जैसे ही यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए, तब कब्रे टूटने की आवाजें आने लगीं। माना जाता है कि मरने के करीब 3 दिन बाद रविवार के दिन ईसा मसीह का दोबारा जन्म हुआ। ऐसे में यह दिन ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाने लगा।

क्या है गुड फ्राइडे से जुड़ी मान्यता?

बताया जाता है कि इसी दिन यहूदी समुदाय के लोगों ने रोम के शासक पिलातुस के कहने पर ईसा मसीह को सूली पर चढ़ा दिए थे। इसलिए कुछ लोग इस दिन को गुड फ्राईडे या ब्लैक फ्राईडे और ग्रेट फ्राइडे के रूप में भी जानते हैं। मान्यता है कि यरूशलम प्रांत में ईसा मसीह लोगों को इंसानियत के संदेश दे रहे थे जिसे सुनकर लोग उन्हें ईश्वर मानने लगे और उनकी पूजा करने लगे। ईसा मसीह के प्रति लोगों के इस बर्ताव को देखते हुए वहां के धर्म गुरु उनसे गुस्सा हो गए और उनकी शिकायत रोम के शासक से कर दी जिसने उन्हें सूली पर चढ़ाने का संदेश दे दिया। इन धर्मगुरुओं ने रोम के शासक से शिकायत की थी कि ईसा मसीह खुद को खुदा का बेटा बता रहे हैं। जिस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया वो दिन फ्राईडे का था इसीलिए इस दिन को काला दिवस या गुड फ्राईडे कहा जाता है।

जानिए क्या-क्या करते हैं गुड फ्राइडे पर?

इस दिन ईसाई धर्म के लोग चर्च में इकट्ठा होते हैं और विशेष प्रार्थना करते हैं। साथ ही साथ यीशु के उपदेशों को याद करते है। कई लोग प्रभु की याद में इस दिन फास्ट यानी उपवास भी रखते हैं। इस दिन चर्च में घंटे नहीं बल्कि लकड़ी से बने विशेष वाद्य यंत्र बजाए जाते हैं। साथ ही लोग गरीबों को दान देते हैं।

इस साल 29 मार्च को गुड फ्राइडे है. गुड फ्राइडे ईसा मसीह की याद में मनाया जाता है. यह दिन ईसाई धर्म के लोगों के लिए शोक का दिन होता है.
हर साल गुड फ्राइडे मनाया जाता है. इस साल 29 मार्च को गुड फ्राइडे है. गुड फ्राइडे ईसा मसीह की याद में मनाया जाता है. चलिए जानते हैं ईसाई धर्म में क्या है गुड फ्राइडे का महत्व. साथ ही, इस दिन क्या किया जाता है.

क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे?

गुड फ्राइडे का दिन ईसाई धर्म के लोगों के लिए शोक का दिन होता है, क्योंकि इस दिन यहूदी शासकों ने ईसा मसीह को तरह-तरह की यातनाएं देकर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया. जिस दिन यह घोर अन्याय हुआ था, उस दिन शुक्रवार था. इस कारण से ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे का खास महत्व है.

क्या हुआ था इस दिन?

बाइबल में बताया गया है कि करीब 6 घंटों तक ईसा मसीह को कीलों से ठोका गया था. इसके बाद उन्हें सूली पर लटकाया गया था. इसके आगे बताया गया कि यह सब होने के आखिरी 3 घंटे में चारों तरफ अंधेरा हो गया था और जैसे ही यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए, तब कब्रे टूटने की आवाजें आने लगीं. माना जाता है कि मरने के करीब 3 दिन बाद रविवार के दिन ईसा मसीह का दोबारा जन्म हुआ. ऐसे में यह दिन ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाने लगा.

 

 

 

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