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अमिताभ कांत ने कहा कि भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा,देश को 30 सालों तक 10 फीसदी की विकास दर चाहिए

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Amitabh Kant said that India will become the third largest economy by 2027, surpassing Japan and Germany, the country needs a growth rate of 10 percent for 30 years.

भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत को 2047 तक 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए अगले तीन दशक में 9-10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत है. अमिताभ कांत ने कहा कि भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

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2047 तक हम 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनें- अमिताभ कांत
अमिताभ कांत ने कहा, “हमारी महत्वाकांक्षा यह होनी चाहिए कि 2047 तक हम न केवल 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनें, बल्कि हम प्रति व्यक्ति आय को वर्तमान के 3,000 डॉलर से बढ़ाकर 18,000 डॉलर तक पहुंचाने में सक्षम हों.” फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था 3,600 अरब डॉलर की है. कांत ने कहा कि भारत को ग्रोथ (वृद्धि) का चैंपियन बनने के लिए कम से कम 12 राज्यों की जरूरत है, और उन्हें 10 फीसदी से ज्यादा की दर से बढ़ोतरी करनी होगी.

देश को 30 सालों तक 10 फीसदी की विकास दर चाहिए

अमिताभ कांत ने निजी समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ’ के सम्मेलन में कहा, “भारत को उच्च दर से वृद्धि करनी चाहिए. भारत को तीन दशक तक हर साल 9-10 प्रतिशत की दर से वृद्धि करनी चाहिए.” अक्टूबर-दिसंबर, 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले डेढ़ साल का सबसे ऊंचा स्तर है. इससे चालू वित्त वर्ष के वृद्धि दर के अनुमान को 7.6 प्रतिशत तक ले जाने में मदद मिली है.

झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों की विकास दर ऊंची हो- अमिताभ कांत
उन्होंने कहा कि झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों की विकास दर ऊंची होनी चाहिए. “यदि ये राज्य 10 फीसदी से ज्यादा की दर से वृद्धि करें, तो भारत 10 फीसदी से अधिक की दर से आगे बढ़ेगा.” अमिताभ कांत ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद भारत को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में भारी सुधारों की शुरुआत करनी चाहिए.

कोर उद्योगों की दर में बढ़ोतरी उत्साहजनक

भारत में आठ प्रमुख उद्योगों ने पिछले साल के इसी महीने की तुलना में इस साल फरवरी में 6.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है. गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है और इसके जरिए ये भी पता चला है कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में शामिल वस्तुओं का शेयर आठ प्रमुख उद्योगों में 40.27 प्रतिशत है. इसलिए यह समग्र औद्योगिक विकास दर का एक अच्छा संकेत देता है.
Indian Economy भारत 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कदम उठा रहा है। भारत के विकास को लेकर भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनने के लिए अगले तीन दशकों तक 9-10 प्रतिशत की दर से विकास बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा भारत में प्रति व्यक्ति में भी तेजी आने की जरूरत है।

भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनने के लिए भारत को कड़ी मेहनत करनी होगी। 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को अगले तीन दशकों तक 9-10 प्रतिशत की दर से विकास बढ़ाने की जरूरत है।

पीटीआई एजेंसी के अनुसार एक मीडिया समिट में अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को उच्च दर से विकास करना चाहिए। इसके लिए भारत को साल दर साल 9-10 प्रतिशत की दर से विकास करने की आवश्यकता है।

प्रति व्यक्ति आय में हो इजाफा

देश के विकास में प्रति व्यक्ति आय भी बहुत जरूरी है। ऐसे में प्रति व्यक्ति आय को लेकर अमिताभ कांत का कहना है कि 2047 तक 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के साथ हमारे उद्देश्य प्रति व्यक्ति आय को वर्तमान 3,000 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 18,000 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना भी होना चाहिए।
इसके आगे वह कहते हैं कि भारत को विकास का चैंपियन बनने के लिए कम से कम 12 राज्यों की आवश्यकता है, और उन्हें 10 प्रतिशत से अधिक की दर से विकास करना होगा।

यह देखते हुए कि झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे पूर्वी राज्यों को उच्च दर से बढ़ने की जरूरत है। अगर ये राज्य 10 प्रतिशत से अधिक की दर से विकास करें, तो भारत 10 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ेगा।
लोकसभा चुनाव के बाद भारत को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में व्यापक सुधारों की शुरुआत करनी चाहिए।

वह कहते हैं कि अगर राज्य स्तर पर शासन और कार्यान्वयन की गुणवत्ता में सुधार होता है, तो आप भारत की विकास कहानी में बड़े पैमाने पर बदलाव देखेंगे।
भारत को विकास के लिए कई बड़ी कंपनियों की जरूरत है, क्योंकि जब बड़ी कंपनियां आती हैं, तो वे टियर 2 और टियर 3 शहरों में अपनी आपूर्ति श्रृंखला तैयार करती हैं।

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