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जानिए मौसम की एजेंसी स्काई मेट वेदर ने क्या कहा बिजली गिरने और अलग-अलग जगहों पर ओलावृष्टि के साथ हल्की बारिश संभव है।

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Know what weather agency Sky Met Weather said: Light rain with lightning and hailstorm is possible at isolated places.

रायपुर। मार्च महीने के अंतिम सप्ताह से ही गर्मी में काफी बढ़ोतरी हुई है। दोपहर के बाद से ही तेज गर्मी से लोग परेशान दिख रहे। अभी से ये हाल है तो अप्रैल, मई और जून की गर्मी में क्या होगा। इस बीच केंद्रीय मौसम विभाग ने राहत भरी खबर दी है। मौसम विभाग के मुताबिक, कल शनिवार को मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग की माने तो आने वाले 24 घंटो के दौरान जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब में बिजली गिरने के साथ साथ बर्फबारी और बारिश हो सकती है। इधर, छत्तीसगढ़, झारखंड, यूपी, मध्यप्रदेश सहित कुछ राज्यों के भी हल्की बारिश हो सकती है।

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जानिए मौसम की एजेंसी स्काई मेट वेदर ने क्या कहा

पश्चिमी विक्षोभ मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में अपनी धुरी 5.8 किमी के साथ अब लगभग 22° उत्तर अक्षांश के उत्तर में 56 डिग्री पूर्व देशांतर के साथ चल रहा है। आपके उत्तर-पश्चिमी राजस्थान और पाकिस्तान के आसपास के क्षेत्रों में एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण।

दक्षिणी असम और आसपास के इलाकों पर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। ट्रफ/हवा का विच्छेदन दक्षिण आंतरिक कर्नाटक से लेकर मध्य प्रदेश के मध्य भागों तक समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है।
अगले 24 घंटों के दौरान मौसम

जम्मू कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान, लद्दाख और मुजफ्फराबाद में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी के साथ कुछ स्थानों पर भारी बर्फबारी हो सकती है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तथा सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी संभव है।

पंजाब और उत्तरी हरियाणा में बिजली गिरने और अलग-अलग जगहों पर ओलावृष्टि के साथ हल्की से मध्यम बारिश संभव है। दक्षिणी हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत में हल्की बारिश हो सकती है।

केरल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिणी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। 30 मार्च को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में हल्की बारिश संभव है। विदर्भ और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति संभव है।

मध्य और ऊपरी स्तरों पर पछुआ हवाओं में एक ट्रफ के रूप में लगातार जारी है। इसके कारण बना एक चक्रवाती प्रसार उत्तर पश्चिमी राजस्थान और निकटवर्ती पाकिस्तान के निचले स्तरों पर बना हुआ है।

मौसम विभाग ने उपरोक्त मौसम संबंधी गतिविधियों को देखते हुए 29 से 31 मार्च के दौरान जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद तथा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में गरज के साथ हल्की बारिश तथा ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने की संभावना जताई है, इन राज्यों में 0.1 मिमी से 15.5 मिमी तक बारिश हो सकती है।

वहीं, 29 और 30 मार्च को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद तथा हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश तथा बर्फबारी होने की आशंका जताई गई है। इन सभी राज्यों में 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक बारिश का अनुमान लगाया गया है।

वहीं उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के मौसम संबंधी पूर्वानुमान देखें तो 29 से 31 मार्च के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिम उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने, गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
वहीं, 29 और 30 मार्च को राजस्थान और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी बरसेंगे बादल, इन हिस्सों में 15.6 मिमी से 64.4 मिमी तक बारिश हो सकती है।

कहां गिरेंगे ओले?

आज, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि होने के आसार हैं, 29 से 31 मार्च के दौरान उत्तराखंड में, 29 और 30 मार्च को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी ओले गिरने की आशंका जताई गई है।
पूर्वोत्तर भारत तथा देश के अन्य हिस्सों में मौसम संबंधी बदलावों की बात करें तो, एक चक्रवाती प्रसार दक्षिण असम के निचले स्तरों पर जारी है। इसके कारण आज, यानी 29 मार्च को अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के अलग-अलग हिस्सों में गरज के साथ बारिश व बर्फबारी तथा वज्रपात होने के आसार हैं।

30 मार्च से तीन अप्रैल के दौरान अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है, वहीं, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा तथा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अलग-अलग हिस्सों में भी बादलों के जमकर बरसने की आशंका जताई गई है। पूर्वोत्तर के इन राज्यों में 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक बारिश हो सकती है।

29 मार्च से एक अप्रैल के दौरान पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों और ओडिशा में बिजली गिरने तथा गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, यहां 15.6 मिमी से 64.4 मिमी तक बारिश होने का पूर्वानुमान है।
वहीं, 29 और 30 मार्च को बिहार में और 30 और 31 मार्च को झारखंड में भी गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा वज्रपात की आशंका जताई गई है। इन दोनों राज्यों में भी15.6 मिमी से 64.4 मिमी तक बारिश हो सकती है।

तापमान में उतार-चढ़ाव

देश के अलग-अलग हिस्सों में तापमान में उतार चढ़ाव संबंधी पूर्वानुमान देखें तो कल, विदर्भ के कई इलाकों, मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात और रायलसीमा के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जो कि तीन से चार डिग्री सेल्सियस ऊपर है।

वहीं, बिहार को छोड़कर भारत के प्रायद्वीप के इलाके और पूर्वी भारत के कई हिस्सों, राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों और झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में अधिकतम तापमान 36 से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक से दो डिग्री सेल्सियस ऊपर है। जबकि पंजाब के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान 30 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जो सामान्य के करीब है।

मौसम विभाग की मानें तो कल, जिन हिस्सों में अधिकतम तापमान में 95 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई उनमें दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तरी मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्से शामिल है जहां अधिकतम तापमान दो से चार डिग्री सेल्सियस और मराठवाड़ा में चार से छह डिग्री सेल्सियस की सीमा में रहा।

कल, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर मध्य महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में न्यूनतम तापमान में 95 प्रतिशत की गिरावट के साथ यहां तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की कमी देखी गई।
मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान गुजरात में, अगले 48 घंटों में पूर्वी राजस्थान में और अगले तीन दिनों के दौरान दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और पश्चिम मध्य प्रदेश में तापमान के ऐसे ही बने रहने का अनुमान है।
अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है और उसके बाद कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।

वहीं, अगले 24 घंटों के दौरान मध्य और पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के आसार हैं और उसके बाद कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है।

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