Why do earthquakes occur? Know what is the meaning of the center and intensity of an earthquake?
जापान में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इस बार भूकंप का केंद्र होंशू के पूर्वी तट के पास था। भूकंप के बाद, लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। पिछले दिन ही ताइवान में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे कई इमारतें झुक गईं और कई ढह गईं। जापान में गुरुवार को आये भूकंप की तीव्रता 6.3 रिक्टर पैमाने पर दर्ज की गई।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, गुरुवार, 4 अप्रैल को जापान में होंशू के पूर्वी तट पर 6.3 तीव्रता का भूकंप आया। इस भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के जान या माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
इसके साथ ही जापान के सेंदाई-शि से लगभग 117 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में भी सुबह ही 6.0 तीव्रता का भूकंप आया। यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र 37.7196 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 141.924 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था।
ताइवान में मची तबाही के एक दिन बाद गुरुवार को जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई। फिलहाल किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। इससे पहले ताइवान में 25 वर्षों में आए सबसे भीषण भूकंप में बुधवार को 9 लोगों की मौत हो गई थी और 1000 से ज्यादा घायल हो गए थे। इस दौरान दो भारतीयों के लापता होने की खबर है, जिनमें एक महिला है। भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी, जबकि अमेरिकी सर्वेक्षण ने इसे 7.4 बताया। इसके चलते 70 लोग विभिन्न जगहों पर फंस गए। इसका केंद्र हुलिएन में जमीन से 35 किमी नीचे था।
ताइवान के साथ खड़ा है भारत: पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने ताइवान में आए भूकंप से लोगों की मौत पर शोक जताया और कहा कि भारत दुख की इस घड़ी में ताइवान के लोगों के साथ खड़ा है। सोशल मीडिया में उन्होंने कहा, आज ताइवान में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत दुखी हूं।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
कैसे मापा जाता है भूकंप की तिव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।