Navneet Rana is BJP candidate from Amravati Lok Sabha seat. High Court’s decision canceled in the caste certificate case.
जाति प्रमाण पत्र मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अमरावती सांसद नवनीत कौर राणा को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट का जाति प्रमाण पत्र रद्द करने का फैसला रद्द कर दिया. इसी के साथ अमरावती अनुसूचित जाति आरक्षित सीट से 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए राणा के नामांकन का रास्ता साफ भी साफ हो गया. नवनीत राणा अमरावती लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार हैं.
![](https://readerfirst.com/wp-content/uploads/2024/07/1.jpg)
![](https://kirandoot.com/wp-content/uploads/2024/06/1.jpg)
![](https://kirandoot.com/wp-content/uploads/2023/12/1-1-750x567.jpg)
![](https://kirandoot.com/wp-content/uploads/2024/01/4.jpg)
हाईकोर्ट ने निष्कर्ष निकाला था कि रिकॉर्ड से संकेत मिलता है कि वह ‘सिख-चमार’ जाति से थीं. जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की बेंच का जो फैसला आया है, उससे नवनीत राणा को बड़ी राहत मिली है. नवनीत कौर राणा ने अपना जाति प्रमाणपत्र रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी है. निर्दलीय सांसद महाराष्ट्र के अमरावती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने जून, 2021 में नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र को खारिज करते हुए उन पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. जाति प्रमाण पत्र खारिज किए जाने के बाद नवनीत की सांसदी भी खतरे में आ गई थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें राहत तो मिली है, साथ ही उनके आगे अमरावती सीट से चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया है. इस बार लोकसभा चुनाव में नवनीत बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर अमरावती से मैदान में उतरने वाली हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 8 जून 2021 को कहा था कि नवनीत ने मोची जाति का प्रमाण पत्र फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी से हासिल किया था. कोर्ट ने कहा था कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह सिख-चमार जाति से थीं, हाईकोर्ट ने उन पर 2 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया था.
फर्जी जाति प्रमाणपत्र के जरिए चुनाव लड़ने का आरोप
नवनीत कौर पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के जरिए चुनाव लड़ा था। नवनीत कौर ने 2019 लोकसभा चुनाव में अमरावती (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट) पर शिवसेना के उम्मीदवार आनंदराव अडसुल को हराया था। आनंदराव की ही याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवनीत कौर के जाति प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया था। नवनीत के माता-पिता मूलतः पंजाब से थे।