IPS Rajiv Ratan died during morning walk, died during treatment in hospital, know the reason of death
तेलंगाना कैडर के सीनियर आईपीएस राजीव रतन को मंगलवार सुबह मॉर्निंग वॉक के दौरान हार्ट अटैक आ गया। अचानक उन्होंने अपने साथ चल रहे प्रहरी को सीने में दर्द की शिकायत की। जिस पर उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने कार्डियक अरेस्ट के चलते उनकी मौत की वजह बताई है।
56 वर्षीय राजीव रतन तेलंगाना कैडर के 1991 बैच के आईपीएस अफसर थे। वह वर्तमान में तेलंगाना सतर्कता प्रवर्तन विंग के डीजी के पद पर कार्यरत थे। प्रदेश के बहुत चर्चित कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई योजना के मेदिगड्ढा बैराज के निर्माण में भ्रष्टाचार की जांच सरकार ने राजू रतन को सौंपी थी। वर्तमान में उसी की जांच कर रहे थे। आज मॉर्निंग वॉक के दौरान सीने में दर्द की शिकायत पर उन्हें हैदराबाद के निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। डॉक्टरानिक कार्डियक अरेस्ट के चलते उनके जान जाने की बात कही।
रतन ने अपने 33 साल के लंबे करियर के दौरान एसपी करीमनगर, अग्निशमन सेवाओं के महानिदेशक, पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (संगठन) और आईजी हैदराबाद क्षेत्र और एसपी करीमनगर के रूप में काम किया है। पिछले महीने हाईवे अखिल भारतीय पुलिस गोल्फ टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए शिलांग गए थे।
उनकी मौत पर उनके बैचमेट्स के अलावा तेलंगाना के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने 1991 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी राजीव रतन की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने राजीव रतन द्वारा लंबे समय तक राज्य में पुलिस विभाग को दी गई विशिष्ट सेवाओं को याद किया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना समाज उन अधिकारियों को कभी नहीं भूलेगा, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को कुशलतापूर्वक और ईमानदारी से निभाया।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक सीवी आनंद ने भी अपने बैचमेट राजीव रतन के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कियाा, “अभी पिछले महीने ही हम अखिल भारतीय पुलिस गोल्फ टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए शिलांग गए थे और दो रविवार पहले हम बोल्डर हिल्स में खेले थे। उनकी पत्नी और बेटे के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। अब उनकी केवल यादें ही बची हैं।”