Zomato company increased the platform fees by 25 percent, also stopped a service, increased it to Rs 5 per order, now you will have to pay more fees.
ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) से खाना मंगाना अब और महंगा हो गया है. कंपनी ने सालभर के भीतर अपने प्लेटफॉर्म की फीस को दूसरी बार बढ़ाया है. अब ग्राहक को हर ऑर्डर पर 25 फीसदी ज्यादा प्लेटफॉर्म फीस देनी होगी. इसके अलावा कंपनी ने दो शहरों के बीच की अपनी सर्विस भी बंद कर दी है. इस सर्विस को इंटरसिटी लीजेंड नाम से चलाया जा रहा था.
जोमैटो की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब ग्राहक को हर ऑर्डर पर 25 फीसदी (5 रुपये तक) ज्यादा प्लेटफॉर्म फीस चुकानी होगी. इसके अलावा कंपनी ने इंटरसिटी फूड डिलीवरी की सर्विस भी बंद कर दी है. जोमैटो अगले सप्ताह के अंदर अपने तिमाही परिणाम भी जारी करने वाली है. इससे पहले अगस्त, 2023 में भी जोमैटो ने 2 रुपये प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाई थी. इससे पहले जनवरी में 1 रुपये से लेकर 4 रुपये तक फीस बढ़ा दी थी, जबकि दिसंबर 31 को प्लेटफॉर्म फीस में 9 रुपये की बढ़ोतरी की थी.
हर साल 90 करोड़ ऑर्डर
जोमैटो हर साल करीब 85 से 90 करोड़ ऑर्डर डिलीवर करता है. जाहिर है कि फीस में 1 रुपये की बढ़ोतरी से भी कंपनी की कमाई 90 करोड़ बढ़ जाएगी. इसका कंपनी के EBITDA पर भी असर पड़ेगा और उसका EBITDA 5 फीसदी मजबूत हो जाएगा. हालांकि, कीमतों में हुई यह बढ़ोतरी अभी कुछ ही शहरों के लिए लागू की गई है.
इंटरसिटी डिलीवरी भी बंद
जोमैटो ने इंटरसिटी सर्विस भी बंद कर दी है. इस सर्विस के तहत किसी अन्य शहर में स्थित टॉप रेस्तरां से दूसरे शहरों में रहने वाले ग्राहक भी खाना ऑर्डर कर सकते हैं. इसके लिए प्लेटफॉर्म पर लीजेंड टैब होता है. कंपनी ने फिलहाल इस सर्विस को बंद कर दिया है. जोमैटो अपने ग्राहकों के लिए सब्सक्रिप्शन प्लान भी देती है, जिसमें डिलीवरी चार्ज नहीं लगता है. हालांकि, प्लेटफॉर्म फीस इसमें भी देनी पड़ती है.
मजबूत हो रहा कंपनी का बिजनेस
जोमैओ और उसकी सहयोगी कंपनी ब्लिंकिट का बिजनेस लगातार मजबूत होता जा रहा है. कंपनी ने दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर बिजनेस 30 फीसदी बढ़ने की बात कही थी. इस दौरान कंपनी का कुल रेवेन्यू 2,025 करोड़ रुपये था, जबकि ब्लिंकिट का रेवेन्यू डबल होकर 644 करोड़ रुपये पहुंच गया. एक साल पहले दिसंबर तिमाही में जहां जोमैटो को 347 करोड़ का घाटा हुआ था, वहीं इस बार दिसंबर तिमाही में कंपनी ने 138 करोड़ का शुद्ध मुनाफा लिया है.
2 रुपये से शुरू की थी प्लेटफॉर्म फीस
जोमैटो ने अगस्त, 2023 में 2 रुपये से अपनी प्लेटफॉर्म फीस की शुरुआत की थी. यह फैसला कंपनी द्वारा अपना लाभ बढ़ाने और प्रॉफिट कमाने के लिए लिया गया था. इसके बाद कंपनी ने प्लेटफॉर्म फीस को 3 रुपये किया और 1 जनवरी को इसे बढ़ाकर 4 रुपये कर दिया गया था. जोमैटो ने 31 दिसंबर को फीस को अस्थायी रूप से 9 रुपये भी किया था. वहीं, अब आपको हर ऑर्डर पर 5 रुपये एक्स्ट्रा चुकाने होंगे. जनवरी में फीस बढ़ने के बाद जोमैटो के शेयरों में उछाल आया था. जानकारों का मानना है कि बढ़ी हुई प्लेटफॉर्म फीस के चलते अब डिलीवरी चार्ज पर लगने वाला जीएसटी भी बढ़ जाएगा.
85 से 90 करोड़ रुपए की होगी एक्स्ट्रा कमाई
जोमैटो हर साल लगभग 85 से 90 करोड़ ऑर्डर डिलीवर करती है. एक रुपये फीस बढ़ने से कंपनी को लगभग 85 से 90 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्त होंगे. साथ ही कंपनी का एबिटा भी लगभग 5 फीसदी बढ़ जाएगा. हालांकि, बढ़ी हुई फीस फिलहाल सिर्फ कुछ ही शहरों में लागू की गई है. कंपनी ने एक अन्य निर्णय में अपनी इंटरसिटी लेजेंड्स सर्विस को भी बंद करने का फैसला लिया है. इसके तहत कंपनी बड़े शहरों के टॉप रेस्टोरेंट से अन्य शहरों में खाना डिलीवर करती थी. जोमैटो के एप पर अब लेजेंड्स टैब काम नहीं कर रहा है.
लगातार उछल रहे शेयर
दिसंबर तिमाही में जोमैटो का रेवेन्यू 30 फीसदी बढ़कर 2,025 करोड़ रुपये रहा था. साथ ही ब्लिंकिट का रेवेन्यू भी दोगुना होकर 644 करोड़ रुपये हो गया है. यही वजह है कि जोमैटो का शेयर लगातार उछल रहा है. जोमैटो को एक साल पहले 347 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ था लेकिन, दिसंबर तिमाही में उसे 138 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था