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100 मीटर लंबा, 1486 मीट्रिक टन लगा लोहा, नीचे से गुजरेगी लोकल रेल गुजरात में दूसरा स्टील ब्रिज लॉन्च, जानें क्यों है खास

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100 meters long, 1486 metric tons of iron, local rail will pass below. Second steel bridge launched in Gujarat, know why it is special.

देश में पहली बुलेट ट्रेन चलने का सपना जल्द साकार होने वाला है. क्योंकि अहमदाबाद-मुंबई के बीच दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है. खास बात यह है कि इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने के लिए कई खास इंतजाम किए जा रहे हैं. इनमें खास रेलवे ट्रैक और ब्रिज समेत अन्य चीजें शामिल हैं. इसी कड़ी में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर एक बड़ा अपडेट दिया है, जिसमें 100 मीटर लंबाई के दूसरे स्टील ब्रिज का काम पूरा होने की जानकारी दी गई. वडोदरा-अहमदाबाद मैन लाइन पर नडियाद के पास बना यह स्टील पुल कई मायनों में खास है.
सबसे खास बात है कि इस पुल पर बुलेट ट्रेन दौड़ेगी जबकि नीचे बिछी रेलवे लाइन वंदे भारत समेत अन्य ट्रेनें गुजरेंगी. आइये आपको बताते हैं इस पुल की अन्य खासियतें.

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कहां बना है ये स्टील ब्रिज

वडोदरा-अहमदाबाद मैन लाइन पर नडियाद के पास बना 100 मीटर यह लंबा स्टील पुल, पुराने रेलवे ट्रैक से करीब 15 मीटर की ऊंचाई पर बना है. 1486 मीट्रिक टन के इस स्टील ब्रिज का निर्माण भुज जिले में स्थित वर्कशॉप में किया गया है. यह पुल भारतीय रेलवे लाइन की पावर ब्लॉक और ट्रैफिक की योजना को देखते हुए बनाया गया है.

70,000 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस ब्रिज में इस्तेमाल स्टील के हर प्रोडक्शन बैच का अल्ट्रासॉनिक टेस्टिंग (UT) के जरिए टेस्ट किया गया है. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए बना जा रहे 28 में से यह दूसरा ब्रिज है. पहला स्टील ब्रिज को सूरत के नेशनल हाईवे 53 पर लॉन्च किया गया है. इन स्टील ब्रिज के निर्माण में 70,000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है. वहीं, इन स्टील ब्रिज स्पैन की लंबाई 60 मीटर से 130 मीटर तक है.

28 स्टील ब्रिज, 7 सुरंग

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. इसके निर्माण पर 1.08 लाख करोड़ खर्च किए जा रहे हैं. इस प्रोजेक्ट पर करीब 24 नदी पुल, 28 स्टील ब्रिज और सात सुरंग बनाई जा रही है. इस प्रोजेक्ट को 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा.

60 मीटर से 130 मीटर तक है स्टील ब्रिज की लंबाई

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के अधिकारियों का कहना है कि स्टील के हर उत्पादन बैच का अल्ट्रासॉनिक टेस्टिंग के जरिए टेस्ट किया गया है. कॉरिडोर के लिए यह 28 में से दूसरा ब्रिज है. जबकि, पहले स्टील ब्रिज को सूरत के नेशनल हाईवे 53 पर लॉन्च किया गया है. इन स्टील ब्रिज के निर्माण में 70,000 एमटी स्टील का इस्तेमाल किया गया है. इन स्टील ब्रिज स्पैन की लंबाई 60 मीटर से 130 मीटर तक है.
अधिकारियों ने ये भी बताया कि रेलवे लाइनों, एक्सप्रेसवे और हाइवे को पार करने में स्टील के ब्रिज सबसे बेहतर हैं. भारत के पास 100 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों के लिए स्टील ब्रिज बनाने की विशेषता है. ऐसे में अब यही विशेषज्ञता को इस्तेमाल कर 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर भी लागू किया जा रहा है.

2017 में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की हुई थी शुरुआत

अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को साल 2017 में शुरू किया गया था. इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 1.08 लाख करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है. इसका उद्देश्य मुंबई से अहमदाबाद की 508 किमी की दूरी महज 2 घंटे में पूरा करना है.

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