Delhi University will do research on the culture and economy of Ayodhya, 40 teachers visited Ramnagari.
अयोध्या में जब से प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हुए हैं. तब से अयोध्या नित्य नए आयाम स्थापित कर रही है. अयोध्या की संस्कृति तथा अर्थव्यवस्था पर अब दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र शोध करेंगे. इसको लेकर विश्वविद्यालय के शिक्षकों की एक टीम दो दिवसीय सांस्कृतिक शोध यात्रा पर शनिवार को अयोध्या पहुंची. सभी सदस्यों ने रामलला का आशीर्वाद लेने के बाद अयोध्या के पौराणिक और ऐतिहासिक मठ-मंदिरों के दर्शन किए और और अयोध्या की प्राचीनता और वर्तमान में हो रहे बदलावों को बारीकी से अध्ययन किया.
आपको बताते चलें कि जब से प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हुए हैं तब से पूरे देश-दुनिया के राम भक्त अयोध्या पहुंचकर दर्शन पूजन कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र अयोध्या की संस्कृति तथा अर्थव्यवस्था पर एक शोध करेंगे और सैद्धांतिक नियमों के आधार पर डाटा संग्रह के बाद शोध रिपोर्ट तैयार की करेंगे.
40 शिक्षकों ने किया अयोध्या का दौरा
गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज की प्रो़ पूनम कुमरिया के नेतृत्व में महाविद्यालय के 40 शिक्षकों ने अयोध्या नगरी और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ का अवलोकन किया. शिक्षकों ने सरयू नदी की भौगोलिक एवं पर्यावरणीय स्थिति का भी अध्ययन किया. प्रोफेसर पूनम ने बताया कि अयोध्या में काफी बदलाव हुए हैं . अयोध्या में संसाधन बढ़े हैं और अयोध्या दिन प्रतिदिन नए आयाम लिख रही है.
चंपत राय ने बताई अयोध्या की पौराणिकता
प्रो़ पूनम ने बताया कि यात्रा के दूसरे दिन रविवार को बड़ा भक्तमाल में एक कार्यक्रम भी आयाेजित किया गया जिसमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या नगरी के संदर्भ में व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ के संदर्भ में शिक्षकों के मन में उत्पन्न विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान किया। उन्होंने अयोध्या की पौराणिकता की जानकारी दी। अयोध्या के बदलाव में आई चुनौतियां भी साझा कीं।
इन विषयों पर होगा रिसर्च
इस दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय की टीम ने अयोध्या के पुराने मंदिरों की कलाकृति, शैली के चित्र लिए. इन चित्रों के आधार पर शोध होगा. साथ ही अयोध्या के स्थापत्य पर शोध होगा. किस तरह से विकास व रोजगार बढ़े हैं. अर्थव्यवस्था कितनी बढ़ी है, उस पर शोध किया जाएगा. प्रो़ पूनम कुमरिया ने बताया कि अयोध्या का विकास एक उदाहरण बनेगा. नई पीढ़ी को अयोध्या को समझना चाहिए. इसलिए एक किताब तैयार की जाएगी जो युवाओं के लिए मददगार बनेगी.