Home Blog Nag Nagin In Koriya: दर्शन और दूध पिलाने उमड़ रही भीड़, बैकुंठपुर...

Nag Nagin In Koriya: दर्शन और दूध पिलाने उमड़ रही भीड़, बैकुंठपुर में एक की मौत फिर भी नहीं चेते लोग,

0

Nag Nagin In Koriya: Crowds are gathering for darshan and feeding milk, one died in Baikunthpur, yet people are not alert,

कोरिया। सांप को लेकर सामान्‍य मानवीय प्रवृत्ति है कि कोई भी इंसान सांप को देखते ही भाग खड़ा होता है। सांप भी इंसानों से दूर ही रहने का प्रयास करता है, लेकिन कोरिया जिला के बैकुंठपुर की यह कहानी और नाजारा दोनों ही अलग है। वहां एक नाग लोगों के साथ इतना फ्रेंडली हो गया है कि वह बड़े आराम से लोगों के बीच घुम रहा। लोग दर्शन करने और दूध पिलाने पहुंच रही है। इस दौरान सांप के डसने से एक व्‍यक्ति की मौत हो चुकी है फिर भी लोग मान नहीं रहे हैं।

Ro No - 13028/44

मामला कोरिया जिले के बैकुण्ठपुर जनपद अंतर्गत ग्राम चारपारा का है। वहां स्थित तालाब में गांव के कुछ लड़कों ने नाग के जोड़े दिखा, उनमें से एक नाग पूरे तालाब में घूमता रहता है। लोग नाग देवता के दर्शन के लिए पहुंच रहे, सुबह शाम काफी भीड़ होती है। 3 दिन पहले नाग ने गांव के अमरसिंह डंस लिया था जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई है। इसके बावजूद तालाब पर लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है।

नाग के डसने से एक की हो चुकी है मौत 

किस्सा यहीं खत्म नहीं होता.नाग के दूध पीने के बाद कुछ और लोगों को इससे भी आगे बढ़ने की सूझी. लिहाजा नाग को छूने का सिलसिला शुरु हुआ. अब लोग नाग को दूध पिलाने के साथ सेल्फी भी लेने लगे.वो भी नाग को छूकर. नाग को भी शायद लोगों की इस हरकत का बुरा नहीं लगा,इसलिए तो उसने खुद को छूने का विरोध किसी भी गांव वाले को चूमकर नहीं दिया.लेकिन एक शराबी ने थोड़ी हिम्मत दिखाई और नशे में उसने नाग को अपने गले का हार बना डाला.यहां तक तो ठीक था लेकिन जैसे ही शराबी ने नाग को तालाब से दूर ले जाने की कोशिश की तो नाग नाराज हो गया और वही किया जो उसका काम है.नाग के पप्पी लेते ही शराबी का नशा काफूर हुआ और जनाब का काम तमाम.इसके बाद चुपचाप नाग देवता अपने तालाब में वापस आ गए.

मौत के बाद भी नहीं हुई आस्था कम 

नाग के डसने के बाद लोगों के बीच मौत का डर फैलना था,लेकिन हुआ इसके ठीक उलटा.ग्रामीण ये मानने लगे कि शराबी ने गलती की इसलिए उसकी सजा उसे मिली.यदि वो नाग को तालाब से दूर ले जाने की कोशिश नहीं करता तो शायद आज सांसें ले रहा होता. मौत के बाद भी इस तालाब के चारों तरफ लोगों की भीड़ जमा रहती है.कुछ तो नाग के दर्शन करने के लिए आते हैं.लेकिन कुछ नाग को दूध पिलाने.लेकिन एक बात ये भी है कि नाग हर किसी के हाथ से दूध नहीं पीते. अब ग्रामीण तालाब किनारे नाग देवता का मंदिर बनाने की बात कह रहे हैं.

सांप को ना पिलाएं दूध 

भले ही बैकुंठपुर के चारपारा में नाग को दूध पिलाने का सिलसिला शुरु हुआ हो.लेकिन हकीकत में नाग को दूध पिलाना यानी उसकी मौत को दावत देना होता है. शोध की माने तो नाग की आंतें दूध को नहीं पचा सकती.ज्यादा मात्रा में दूध पीने से नाग की आंतों में संक्रमण होता है.जिससे वो जल्दी मृत्यु को प्राप्त हो सकता है.अब यहां जिस तरीके से नाग को दूध पिलाया जा रहा है,उससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इसका अंजाम क्या होगा. भले ही लोग इसे आस्था से जोड़कर देख रहे हो लेकिन सवाल आस्था के साथ एक जीव के जीवन का भी है.इसलिए यदि सांप को लंबे समय तक गांववालों को जीवित देखना है तो उसे दूध पिलाना बंद करना होगा.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here