Home छत्तीसगढ़ दो जिलों को जोड़ने वाली सौ साल पुरानी पुल की स्थिति जर्जर

दो जिलों को जोड़ने वाली सौ साल पुरानी पुल की स्थिति जर्जर

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जवाबदारों की उदासीनता के कारण उसी में भारी वाहनों का आवागमन रात दिन हो रही है

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मस्तूरी। बिलासपुर और जांजगीर जिला को जोड़ने वाली लिलागर नदी में बने सौ साल पुरानी पुल की स्थिति जर्जर होने लगी है, क्षमता से अधिक लोड वाली वाहनों के दिन रात चलने से ऐसी स्थिति बनी हुई है, विभागीय अधिकारियों की उदासीनता हि मुख्य समस्या बन रही,दस वर्ष पहले इस सड़क का मरम्मत हुआ था,जो अब बदहाली की स्थिति में नजर आने लगी है, जिसके कारण अब ग्रामीणों में नाराजगी नजर आ रही है।
बड़ी वाहनों के फोरलेन में न चलकर छोटी सड़क में चलने से बढ़ रहे सड़क हादसे
पिछले 6 महीने से बडे बडे भारी वाहन नेशनल हाईवे एवं बाईपास में ना चलकर छोटे मार्ग मस्तूरी लवन कसडोल, व बिलासपुर शिवरीनारायण मार्ग पर ज्यादा चलने लगी है जिसके वजह से यातायात समस्या के साथ-साथ सड़क दुर्घटना की संख्या बढ़ गई है मस्तूरी थाने से सड़क दुर्घटना की आंकड़े के हिसाब से पिछले 6 माह में 99 से अधिक सड़क दुर्घटना हुई है, जिसमें 45 ऐसे प्रकरण है जिसमें 46 लोगों की जान चली गई है,17 ऐसे प्रकरण है जिसमें 20 लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनके हाथ पैर या फिर शरीर के ऐसे अंग जो हमेशा के लिए खराब हो गए हैं , 24 ऐसे प्रकरण है जिसमें 54 लोग सिर्फ घायल हुए हैं जिन्हें मामूली चोटे आई हैं। और वही 15 ऐसे प्रकरण है जिसमें सिर्फ दुर्घटना हुई हैं वाहन ही क्षतिग्रस्त हुए हैं राहगीरों को कुछ नहीं हुआ है। और इन सभी सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य वजह सिर्फ यह है कि ओवरलोड भारी वाहनों के तेज रफ्तार से चलना, बाईपास फोरलेन सड़क को छोड़कर छोटे मार्गों पर सार्टकार्ट अपनानें,वह मस्तूरी मुख्यालय के समीप में ही फोरलेन सड़क पर टोल प्लाजा में टोल टैक्स काटने की वजह से वाहन चालक छोटे मार्गों का उपयोग करते हैं जिस वजह से ऐसी घटना दुर्घटना बड़ी हुई है।
मस्तूरी क्षेत्र के यह मुख्य जगह है जहां अधिकतर सड़क दुर्घटना ज्यादा होती है
मस्तूरी थाना क्षेत्र के मोहतरा चौक, फोरलेन तिराहा चौक, आम्बेडकर चौक,पेन्डरी जैतखाम मोड़,वेद परसदा के हनुमान मंदिर मोड़, टिकारी के स्कूल मोड, बकरकुदा बुडीखार मोड, धनगंवा मोड़, ये 8 जगह ऐसी है जहां पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है शासन प्रशासन को इस जगह के बारे में जानकारी होते हुए भी यहां पर ,सड़क विभाग, यातायात पुलिस के द्वारा ना ही कोई स्टॉपर एवं कोई प्रकार की सड़क सुरक्षा सूचक रेडीयम ,स्टीकर भी नहीं लगाया गया है।

टोल टैक्स बचाने बड़ी वाहन नेशनल हाईवे क्रमांक 200मे नहीं चल कर नेशनल हाईवे क्रमांक 49 में दौड़ रही

मस्तूरी मुख्यालय में नेशनल हाईवे क्रमांक 49 पर ग्राम पंचायत पराघाट के पास टोल नाका स्थित है, बाईपास होने के नाते वहां वाहनों का आवागमन अधिक है लेकिन बड़ी वाहन टोल टैक्स बचाने के कारण बाईपास में नहीं जाकर पुरानी सड़क नेशनल हाईवे क्रमांक 200मे बिलासपुर शिवरीनारायण मार्ग में ज्यादा चलने लगी है, जबकि बिलासपुर और जांजगीर जिला को जोड़ने वाली कुटीघाट में स्थित लीलागर नदी के पुल बहुत ही पुराने और जर्जर स्थिति में है और लगातार भारी वाहनों के चलने से कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है।

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