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जिले के इस थाना में नवीन आपराधिक कानून की धारों पर दर्ज किया गया पहला अपराध

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The first crime registered under the new criminal law in this police station of the district

भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में एक्सीडेंट करने वाले बाइक चालक पर अपराध दर्ज

Ro No- 13047/52

आकस्मिक मृत्यु की सूचना पर धारा 194 BNSS के तहत दर्ज किया गया मर्ग प्रकरण

पुलिस ने घर पर उत्पात मचाने वाले युवक की शिकायत पर की बीएनएसएस के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई

रायगढ़ । 01 जुलाई 2024 से लागू नवीन धाराओं के तहत रायगढ़ जिले के थाना जूटमिल में प्रथम अपराधिक मामला सड़क दुर्घटना का दर्ज किया गया है ।

जानकारी के अनुसार आज सुबह रिपोर्टकर्ता सुनील भास्कर पिता जवाहर भास्कर निवासी सरसिंवा जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ हाल मुकाम छोटे भंडार पुसौर द्वारा थाना जूटमिल में उसके रिस्तेदार (साढू) सुभाष नारंग निवासी ग्राम रामभांठा सरसिंवा के एक्सीडेंट की जानकारी देकर रिपोर्ट दर्ज कराया । रिपोर्टकर्ता ने बताया कि सुबह इसकी साली प्रीति नारंग मोबाइल पर कॉल कर बताई कि आज सुबह अपने पति सुभाष नारंग, बच्चों के साथ मोटरसाइकिल में गांव से रायगढ़ आ रहे थे । कोड़ातराई और पटेलपाली के मध्य सुबह करीब 07:15 बजे से सामने से आ रहे एक एचएफ डीलक्स मोटर सायकल के चालक द्वारा तेज और लापरवाही चलते हुए सामने से ठोंकर मार कर भाग गया जिससे तीनों बाइक समेत नीचे गिर गए । दुर्घटना से पति (सुभाष नारंग) को चोटें आई है जिन्हें आर.एल. अग्रवाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है । थाना जूटमिल में दुर्घटना कारित करने वाले आरोपी एचएफ डीलक्स मोटरसाइकिल के चालक पर अपराध क्रमांक 314/2024 धारा 281, 125(ए) भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है । पूर्व में सड़क दुर्घटना के इस अपराध में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता धारा 279, 337 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया जाता था ।

इसी प्रकार पूर्व में आकस्मिक मौत की मृत्यु की सूचना पर धारा 174 सीआरपीसी के तहत मर्ग पंजीबद्ध किए जाते थे । आज थाना लैलूंगा और कापू में आकस्मिक मौत की सूचना पर धारा 194 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत मर्ग कायम कर जांच कार्यवाही में लिया गया है l वहीं घरेलू मारपीट झगड़ा की शिकायत पर थाना प्रभारी पुसौर द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 170, 126, 135(3) के तहत अनावेदक के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है जिसे पूर्व में धारा 151, 107, 116(3) सीआरपीसी के तहत की जाती थी ।

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