NEET-UG 2024: Modi government does not want to cancel NEET-UG exam, said big things by filing an affidavit in the Supreme Court
राष्ट्रीय प्रवेश-सह पात्रता परीक्षा (NEET)-UG 2024 के पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। इसमें सरकार ने कहा कि वह पूरी परीक्षा को रद्द नहीं करना चाहती है। जब तक यह सबूत नहीं मिल जाता कि पूरे भारत में पेपर लीक हुआ है, तब तक पूरी परीक्षा को रद्द करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। सरकार ने कहा कि परीक्षा रद्द करना लाखों परीक्षार्थियों के साथ धोखाधड़ी होगी।
सरकार ने दिया सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले का हवाला
सरकार ने परीक्षा रद्द नहीं किए जाने पर जोर देते हुए सुप्रीम कोर्ट के 2021 के सचिन कुमार बनाम DSSB में जारी फैसले का हवाला भी दिया। सरकार ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को बेहतर बनाने और परीक्षाओं को सही तरीके से कराने के सुझाव के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है। वह 2 महीने में मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेगी। पेपर लीक गिरोह और सरगना का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
पेपर लीक गिरोह को जल्द ही होगा पर्दाफाश
सरकार ने हलफनामे में दावा किया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जांच में मिले सुरागों के आधार पर आगे बढ़ रही है। पेपर लीक के पीछे किस-किस का हाथ है, इसका जल्द ही पर्दाफाश कर दिया जाएगा। सभी पहलू पर गौर करते हुए तथ्यों को जांच की जा रही है। कई आरोपियों को दबोचा जा चुका है और उनके बयानों के आधार पर अन्य आरोपियों का पता लगाया जा रहा है। सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने नए परीक्षा कानून का भी हवाला दिया
सरकार ने हाल ही में लागू किए गए सार्वजनिक परीक्षा कानून का भी हवाला देते हुए कहा कि भविष्य में ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्ती से निपटने के लिए सरकार सख्त कानून लेकर आई है। इससे परीक्षा पूरी सुरक्षा और पारदर्शिता के साथ आयोजित की जा सकेगी। बता दें कि सरकार की ओर से शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक वरुण भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है।
सरकार ने दिखाई प्रतिबद्धता
सरकार ने कहा कि सरकार और उसके निकाय परीक्षाएं सही और पारदर्शी तरीके से कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। परीक्षाओं के मद्देनजर प्रश्न पत्रों को गोपनीय रखना सरकार की बड़ी प्राथमिकता है। प्रश्न पत्रों की गोपनीयता भंग करने वालों को कठोर सजा दिलाई जाएगी। सरकार ने कहा कि जिन लाखों परीक्षार्थियों ने मेहनत करके परीक्षा दी है और अच्छे अंक हासिल किए हैं, उन्हें और उनके परिजनों को बेवजह परेशानी से बचाने के लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है।
NEET-UG को लेकर क्या है पूरा विवाद?
NEET-UG परीक्षा का आयोजन 5 मई को हुआ था। उस दौरान 8 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए थे। परीक्षा वाले दिन पटना से जले हुए प्रश्न पत्र भी बरामद किए गए थे। जब परिणाम जारी हुआ तो उसमें रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने ऑल इंडिया रैंकिंग (AIR-1) हासिल की थी। सभी के 720 में से 720 अंक आए थे। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसकी अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
CBI कर रही है मामले की जांच
बता दें कि सरकार ने पिछले महीने इस मामले की जांच CBI को सौंप दी थी। उसके बाद 23 जून को CBI ने भारतीय दंड संहिता (IPC) धारा 420, 419, 409, 406, 201, 120B और PC एक्ट की धारा 13(2), 13(1) में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मामले में अब तक झारखंड के हजारीबाग में एक स्कूल के प्रधानाचार्य और उप-प्रधानाचार्य समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और पूछताछ जारी है।
नीट कैंसिल करवाने के खिलाफ क्यों है सरकार?
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी 2024 को लेकर एफिडेविट दायर किया है. उसके जरिए स्पष्ट कहा गया है- पूरी परीक्षा रद्द करना उन लाखों ईमानदार उम्मीदवारों के प्रयासों को गंभीर रूप से खतरे में डाल देगा, जिन्होंने यह परीक्षा अपनी मेहनत से पास की है. जब तक पूरे भारत में हुए NEET Exam 2024 में गोपनीयता के उल्लंघन का कोई प्रमाण नहीं मिलता, तब तक पूरी परीक्षा और घोषित परिणामों को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा.
8 जुलाई को होगी सुनवाई
स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में 2 तरह की याचिकाएं दायर की हैं. कुछ स्टूडेंट्स नीट यूजी परीक्षा फिर से आयोजित किए जाने के पक्ष में हैं, जबकि कुछ इसके खिलाफ हैं. नीट पर अंतिम फैसला 8 जुलाई की सुनवाई के बाद लिया जाएगा. एमसीसी नीट यूजी काउंसलिंग 2024 शेड्यूल 6 जुलाई (शनिवार) को जारी कर सकती है. मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) की ऑफिशियल वेबसाइट mcc.nic.in पर नोटिस से संबंधित लेटेस्ट अपडेट्स चेक कर सकते हैं.
नीटस यूजी पर हलफनामे में केंद्र ने क्या कहा है?
दरअसल, शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके नीट एग्जाम रद्द की मांग का विरोध किया था. सरकार ने हलफनामे में कहा है कि कथित गड़बड़ी केवल पटना और गोधरा केंद्रों में हुई थी और व्यक्तिगत उदाहरणों के आधार पर पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए. अनुचित साधनों और पेपर लीक के व्यक्तिगत उदाहरणों से पूरी परीक्षा खराब नहीं हुई है. अगर परीक्षा प्रक्रिया रद्द कर दी जाती है तो यह लाखों छात्रों के शैक्षणिक करियर से जुड़े बड़े सार्वजनिक हित के लिए ज्यादा हानिकारक होगा. पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच कर रही है. ये बातें शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर वरुण भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामें कही हैं.
हलफनामे से भड़के कांग्रेस अध्यक्ष
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर सरकार के बयान का विरोध किया है. उन्होंने लिखा, ‘मोदी सरकार ने माननीय सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि NEET-UG में कोई पेपर लीक नहीं हुआ है! लाखों युवाओं से ये सफ़ेद झूठ बोला जा रहा है. उनके भविष्य को बर्बाद किया जा रहा है. शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि “केवल कुछ जगहों पर अनियमितताएं/चीटिंग हुई हैं” — ये गुमराह करने वाली बात है. BJP-RSS ने पूरी शिक्षा प्रणाली को अपने क़ब्ज़े में रखकर शिक्षा माफ़िया को बढ़ावा दिया है. NCERT की किताबें हों या परीक्षा में Leekage — मोदी सरकार हमारी शिक्षा व्यवस्थाओं को तबाह करने पर तुली है.’ इसके साथ ही उन्होंने NEET UG री-एग्जाम और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पेपर लीक घोटालों की जांच की मांग दोहराई.
सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई को होनी है अहम सुनवाई
NEET पेपर लीक केस, परीक्षा रद्द की मांग और अनियमितताओं आदि याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की गुजारिश के बाद सुप्रीम कोर्ट नीट मामले की सभी याचिकाओं एक साथ जोड़कर सुनवाई की जाएगी. देश के लाखों नीट एस्पिरेंट्स, पेरेंट्स और कोचिंग टीचर्स की नजरें इस सुनवाई पर हैं. सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अगुआई वाली पीठ में सीजेआई के साथ जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र हैं.