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सरकार ने बताया किस दिन पेश होगा बजट, 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा Budget Session,

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The government told on which day the budget will be presented, the Budget Session will run from 22 July to 12 August,

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को भारत सरकार की सिफारिश पर बजट सत्र, 2024 के लिए संसद के दोनों सदनों को 22 जुलाई से 12 अगस्त तक बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय बजट, 2024-25 23 जुलाई को लोकसभा में पेश किया जाएगा।
वहीं, संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पर ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी है।

इस बार ऐतिहासिक होगा बजट

बता दें कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा। इस बजट से देश के सभी वर्गों की कई उम्मीदें जुड़ी हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी कह चुकी हैं कि यह बजट कई मामलों में ऐतिहासिक होगा। राष्ट्रपति मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि प्रमुख सामाजिक और आर्थिक निर्णय बजट का मुख्य आकर्षण होंगे।
अप्रैल-जून में हुए लोकसभा चुनावों की वजह से इस साल अंतरिम बजट फरवरी में पेश किया गया था।
दोनों सदनों का हाल ही में हुआ था सत्रावसान

इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई सरकार के गठन के बाद पहले सत्र के संपन्न होने पर संसद के दोनों सदनों का गुरुवार को सत्रावसान कर दिया था. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि राष्ट्रपति ने संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की सिफारिश पर संसद के दोनों सदनों का सत्रावसान कर दिया. अठारहवीं लोकसभा के पहले सत्र के बाद दो जुलाई को संसद के निचले सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. वहीं राज्यसभा का 264वां सत्र तीन जुलाई को स्थगित कर दिया गया था.

1 फरवरी 2024 को पेश हुआ था अंतरिम बजट

इस साल अप्रैल, मई में लोकसभा चुनाव होने थे, लिहाजा सरकार ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था। निर्मला ने अपने बजट को गरीब, महिला, युवा और अन्‍नदाता यानी किसान पर फोकस किया था।
निर्मला नया रिकॉर्ड बनाएंगी, मोरारजी देसाई ने लगातार छह बार पेश किया था
निर्मला 23 जुलाई को बजट पेश करते ही लगातार सातवीं बार ऐसा करने वाली देश की पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी। इससे पहले मोरारजी देसाई ने लगातार छह बजट पेश किए थे। हालांकि मोरारजी ने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया।

उनके बाद पी. चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी ने 9 बार, यशवंत राव चव्हाण, सीडी देशमुख और यशवंत सिन्हा ने 7 बार बजट पेश किया। मनमोहन सिंह और टी. कृष्णमचारी 6 बार बजट पेश कर चुके हैं।

अब बजट की पूरी प्रोसेस को समझिए

1. सबसे पहले वित्त मंत्रालय एक सर्कुलर जारी कर सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, स्वायत्त संस्थाओं को नए साल के लिए एस्टिमेट बनाने के लिए कहता है। उन्हें नए साल के लिए अनुमान देने के अलावा पिछले साल के खर्च और आमदनी का ब्योरा भी देना होता है।
2. एस्टिमेट मिलने के बाद केंद्र सरकार के आला अफसर उसकी पड़ताल करते हैं। इस पर संबंधित मंत्रालयों और व्यय विभाग के अधिकारियों की गहन चर्चा होती है। इसके बाद आंकड़ों को सिफारिशों के साथ वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है।
3. वित्त मंत्रालय सभी सिफारिशों पर गौर करने के बाद विभागों को उनके खर्च के लिए राजस्व का आवंटन करता है। राजस्व और आर्थिक मामलों का विभाग हालात को गहराई से समझने के लिए किसानों और छोटे कारोबारियों के प्रतिनिधियों और विदेशी संस्थागत निवेशकों से संपर्क करता है।
4. प्री बजट मीटिंग में वित्त मंत्री संबंधित पक्षों के प्रस्ताव और मांगों को जानने के लिए उनसे मिलते हैं। इनमें राज्यों के प्रतिनिधि, बैंकर, कृषि विज्ञानी, अर्थशास्त्री और कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। प्री-बजट मीटिंग खत्म होने के बाद वित्त मंत्री सभी मांगों पर अंतिम फैसला लेते हैं। बजट को अंतिम रूप दिए जाने से पहले वित्त मंत्री प्रधानमंत्री से भी बात करते हैं।
5.बजट पेश होने से कुछ दिन पहले हलवा सेरेमनी होती है। एक बड़ी सी कढ़ाई में तैयार किया जाने वाला हलवा वित्त मंत्रालय के स्टाफ में बांटा जाता है। इसी के साथ बजट की छपाई प्रक्रिया शुरू होती है। प्रक्रिया में लगे अधिकारी और सपोर्ट स्टाफ बजट पेश होने तक मंत्रालय में ही रहते हैं। इस वित्त वर्ष के बजट की प्रिंटिंग नहीं हुई और संसद सदस्यों को उसकी सॉफ्ट कॉपी दी गई।
6.वित्त मंत्री आम बजट को लोकसभा में पेश करते हैं। 2016 तक यह फरवरी के अंतिम दिन पेश होता था। 2017 से यह हर साल 1 फरवरी को पेश होने लगा। इस साल पहली बार बजट के सभी दस्तावेज Union Budget मोबाइल पर उपलब्ध कराए गए।

 

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