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केंद्र के सामने उठाएंगे दोनों राज्यों का मुद्दा, असम में बाढ़ तो मणिपुर में हिंसा पीड़ितों से मिले राहुल गांधी, बाढ़ पीड़ितों का भी जाना दुख-दर्द

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Will raise the issue of both the states in front of the center, Rahul Gandhi met the flood victims in Assam and violence victims in Manipur, also knew the pain and suffering of the flood victims

सिलचर। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज संघर्ष प्रभावित मणिपुर का दौरा किया। कुंभीरग्राम हवाई अड्डे पर पहुंचे राहुल का असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा और राज्य एवं जिला पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने स्वागत किया।

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केंद्र के सामने मुद्दा उठाने का आग्रह

असम पहुंचे राहुल को बोरा ने एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उनसे आग्रह किया गया कि वे विनाशकारी बाढ़ के मुद्दे को विशेष मामले के रूप में केंद्र के समक्ष उठाएं, ताकि बाढ़ के कारण हुए भारी नुकसान के लिए पर्याप्त राहत और मुआवजा मिल सके।

मणिपुर में हिंसा पीड़ितों से की मुलाकात

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसके बाद कछार जिले के फुरेथल में एक राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। जिसके बाद वो मणिपुर के लिए रवाना हुए। मणिपुर पहुंचकर उन्होंने हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की।

राहुल गांधी का शेड्यूल

राहत शिविर की अपनी यात्रा के बाद, राहुल गांधी सड़क मार्ग से मणिपुर के जिरीबाम जाएंगे, जहां वह जिरीबाम हायर सेकेंडरी स्कूल में राहत शिविर का दौरा करेंगे. वहां से वह सड़क मार्ग से सिलचर लौटेंगे और मणिपुर की राजधानी इंफाल के लिए स्पेशल फ्लाइट लेंगे.

राज्यपाल से होगी मुलाकात

इम्फाल पहुंचने पर, वह सड़क मार्ग से चुराचांदपुर जिले की यात्रा करेंगे और तुइबोंग के मंडप में राहत शिविर का दौरा करेंगे. बाद में दिन में, वह सड़क मार्ग से मैतेई बहुल मोइरांग जाएंगे और फुबाला हाई स्कूल में एक अन्य राहत शिविर का दौरा करेंगे. गांधी इंफाल जाएंगे जहां वह राजभवन में राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करेंगे.

मणिपुर हिंसा के कारण 67 हजार लोग विस्थापित हुए

मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।

मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।

मार्च 2023 में मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति (ST) में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार को सिफारिशें भेजने के लिए कहा था। इसके बाद कुकी समुदाय ने राज्य के पहाड़ी जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था जो अभी भी जारी है।

असम में 28 जिलों के लगभग 22.70 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित

असम में बाढ़ से 28 जिलों के लगभग 22.70 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक बाढ़, भूस्खलन और तूफान के कारण राज्य में कुल 78 मौतें हो चुकी हैं। यहां के काजीरंगा नेशनल पार्क का बड़ा हिस्सा बाढ़ में डूब गया है। इससे 15 लाख सक ज्यादा जानवर भी प्रभावित हुए हैं। 6 गैंडे समेत 131 जानवरों की मौत हो चुकी है। 97 जानवरों को रेस्क्यू किया गया है।

 

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