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यात्री ध्‍यान दें, गरीब रथ एक्सप्रेस में सफर करने वाले , पांच दिन नहीं चलेगी यह ट्रेन; चेयरकार की बुकिंग बंद

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Passengers please note, those traveling in Garib Rath Express, this train will not run for five days; booking of chair car closed

नई दिल्ली। गरीब रथ एक्सप्रेस में अब यात्रा और अधिक सुरक्षित व सुविधाजनक होगी। इस ट्रेन में अब चेयरकार कोच नहीं लगेंगे। एक अगस्त 2024 से इसकी बुकिंग बंद कर दी गई है।
अब पारंपरिक आईसीएफ (इंटिग्रेटेड कोच फैक्ट्री) की जगह अब एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) रैक लगेंगे। इसके सभी कोच थर्ड एसी इकोनॉमी श्रेणी के होंगे। गरीब रथ में लगने वाले थर्ड एसी कोच में 72 बर्थ होते हैं। थर्ड एसी इकोनॉमी में इसकी जगह 81 बर्थ उपलब्ध होगी।

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थर्ड एसी से कम होगा किराया

इससे एक कोच में नौ और पूरी ट्रेन में 162 बर्थ की संख्या बढ़ जाएगी। इससे अधिक यात्री यात्रा कर सकेंगे। इससे पूर्व दिशा की ट्रेनों में कंफर्म टिकट न मिलने में होने वाली परेशानी दूर होगी। थर्ड एसी से इसका किराया भी आठ से 10 प्रतिशत कम होता है।

कब शुरू हुई थी गरीब रथ एक्सप्रेस?

अधिकारियों का कहना है कि पुराने हो चुके गरीब रथ के रैक को बदलने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2006 में लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए गरीब रथ ट्रेनों की शुरुआत की थी। पूरे देश में अलग-अलग रूट पर 26 गरीब रथ एक्सप्रेस चलती हैं। शुरुआत से इसमें पारंपरिक रैक लगाए जा रहे हैं। इन्हें बदलने की कई बार चर्चा हुई।
अब इन पुराने रैक को बदलकर एलएचबी रैक लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस कारण चेयर कार की बुकिंग बंद की गई है। अधिकांश गरीब रथ ट्रेनों में सिर्फ थर्ड एसी के कोच लगते हैं। सहरसा-अमृतसर सहित कुछ ट्रेनों में चेयरकार भी लगाए जाते हैं।

पांच दिन रद्द रहेगी ट्रेन

एक अगस्त से यात्रियों को चेयरकार में यात्रा करने की सुविधा नहीं मिलेगी। सहरसा-अमृतसर गरीब रथ में 31 जुलाई तक थर्ड एसी और चेयरकार दोनों के टिकट मिल रहे हैं। एक से पांच अगस्त तक यह ट्रेन निरस्त कर दी गई है। उसके बाद छह अगस्त से चेयरकार का टिकट नहीं मिल रहा।

यात्रियों को मिलेगी बेहतर सुविधा

थर्ड एसी इकोनॉमी श्रेणी के कोच में अग्निरोधक उपकरण, फोल्डेबल स्नैक टेबल, आधुनिक शौचालय, रीडिंग लाइट और यूएसबी चार्जिंग पाइंट रहते हैं।

इन सुविधाओं से लैस होगी नई एसी कोच

रेल मंत्रालय ने पुराने हो चुके गरीब रथ कोचों को नया रूप देने का फैसला किया है, जो 2006 में अपनी स्थापना के बाद से 18 वर्षों से अपनी सेवा दे रहे हैं. इस बदलाव में पुराने कोचों को एलएचबी कोचों से बदला जाएगा और नए डिजाइन वाले इकॉनमी एसी कोचों को शामिल किया जाएगा. नए इकॉनमी एसी कोच में यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं होंगी, जिसमें प्रति कोच 81 बर्थ (72 से ऊपर), बर्थ में अग्निरोधक सामग्री, फोल्डेबल स्नैक टेबल, आधुनिक शौचालय, रीडिंग लाइट और यूएसबी चार्जिंग पॉइंट शामिल हैं. इन अपग्रेड्स का उद्देश्य गरीब रथ ट्रेनों में यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाना है.

यहां तैयारी हो रहे हैं नए कोच

इन नए इकॉनमी एसी कोचों का उत्पादन फिलहाल में कपूरथला में रेल कोच फैक्ट्री, चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री और रायबरेली मॉडर्न कोच फैक्ट्री में चल रहा है. यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी बुकिंग इसी जानकारी के अनुसार योजना बनाएं. क्योंकि गरीब रथ ट्रेनों में द्वितीय एसी और चेयर कार सीटों को आरक्षित करने का विकल्प आने वाले महीनों में धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा.

अगले महीने नहीं बुक कर पाएंगे ये सीट

अगले महीने से इन ट्रेनों के लिए रिजर्वेशन बुक करते समय एसी चेयर कार और सेकंड एसी के ऑप्शन की उपलब्धता में बदलाव हो सकता है। भारतीय रेलवे गरीब रथ ट्रेनों के कोच विन्यास को संशोधित करने की योजना बना रहा है। वर्तमान में, लगभग 52 मार्गों पर 26 गरीब रथ ट्रेनें चल रही हैं।
ये ट्रेनें साप्ताहिक या हफ्ते में कई बार चलती हैं। गरीब रथ ट्रेनों में यात्रा करने का किराया नियमित ट्रेनों में थर्ड एसी और चेयर कार के किराए से कम है। यह अनुमान है कि गरीब रथ कोच का किराया इकोनॉमी एसी थर्ड क्लास से लगभग 8 से 10 प्रतिशत कम रहेगा।

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