Home Blog Brain Detox कर रहे बागेश्वर धाम बाबा, Rishikesh में लोगों का ,...

Brain Detox कर रहे बागेश्वर धाम बाबा, Rishikesh में लोगों का , कहा- ‘इसकी सबसे ज्यादा जरूरत नेताओं को’

0

Bageshwar Dham Baba is doing brain detox of people in Rishikesh, said- ‘Leaders need this the most’

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि सिर्फ पर्चा बनाने या चमत्कार दिखाने से देश का भला नहीं हो सकता। इसलिए विश्व को शांति के लिए कुछ बड़ा देकर जाएंगे। कहा कि इसके लिए विलुप्त हो रही ब्रेन डिटॉक्स (मस्तिष्क शुद्धि) पद्धति को निकाला गया है। जो विश्व में क्रांति लाएगी। आने वाले 10 साल बाद भारत को मुस्कुराता हुआ भारत बनाएगी।

Ro No - 13028/44

शुक्रवार को परमार्थ निकेतन में धीरेंद्र शास्त्री ने पत्रकारों से वार्ता की। कहा कि वह तीन दिनों के लिए उत्तराखंड आए हैं। करीब 600 साधकों ने तीन दिन तक यहां अनुष्ठान किया। अभी तक दुनिया में बॉडी डिक्टास पर बहुत लोग काम कर रहे हैं। लेकिन हमने पहली बार बागेश्वर धाम व दूसरी बार परमार्थ निकेतन में ब्रेन डिटॉक्स पर साधना का कार्य किया है। जिसमें कई देशों से डाक्टरों सहित 100 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।

एक शोध के अनुसार आज विज्ञान के युग में हर आदमी दिन में करीब 6 घंटे स्क्रीन पर व्यतीत कर रहा है। जिसका प्रभाव उसके बुद्धि और मस्तिष्क पर पड़ रहा है। इसलिए विलुप्त हो रही ब्रेन डिटॉक्स पद्धति को निकाला गया है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि राजनेताओं की इस पद्धति की सबसे अधिक आवश्यकता है।

दुकानों पर अपना नाम लिखने संबंधी आदेश पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि इस आदेश पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। हम सब को इसका पालन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अपनी पहचान बताना गलत नहीं है। पहचान छुपाना गलत है। शास्त्री ने कहा कि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चारों धाम के नामों के काॅपीराइट के लिए जो कानून बनाया है वह बहुत अच्छा है। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती भी मौजूद रहे।

ब्रेन डिटाॅक्स में हर समस्या का समाधान

स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन में पत्रकारों से बातचीत में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि ब्रेन डिटाॅक्स में हर समस्या का समाधान करने की क्षमता है। कहा कि उन्होंने इस पद्धति का पहला प्रशिक्षण शिविर बागेश्वर धाम में लगाया था, अब दूसरा शिविर परमार्थ निकेतन में लगाया गया है। कहा कि आज बच्चे व बड़े प्रतिदिन औसतन छह घंटा मोबाइल फोन प्रयोग करते हैं, जिससे मानसिक व अन्य विकार उत्पन्न हो रहे हैं।

मनुष्यों के विचारों में अशुद्धि व व्यक्तित्व का पतन हो रहा है। ऐसे में ब्रेन डिटॉक्स पद्धति मनुष्य को ध्यान साधना के माध्यम से आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे मनुष्य के मन-मस्तिष्क में सकारात्मक विचार व ऊर्जा उत्पन्न होते हैं। उन्होंने उत्तराखंड में अपने अनुभवों पर कहा कि देश-दुनिया में अनेक पर्वत हैं, लेकिन केदारनाथ सिर्फ उत्तराखंड में है। ऐसे ही गंगा नदी भी सिर्फ उत्तराखंड में है। ध्यान साधना के लिए इससे पवित्र स्थल कोई नहीं।

हमारे दरवाजे सब राजनीतिक दलों के लिए खुले

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे दरवाजे सभी राजनीतिक दलों के लिए खुले हैं, क्योंकि संत किसी पार्टी विशेष का नहीं होता है। उसके लिए सब राजनीतिक दल एकसमान हैं। कहा कि उनका सभी राजनीतिक दलों से यह भी आग्रह है कि जब राष्ट्र के विकास, शिक्षा व युवाओं की बात आए तो राजनीति से ऊपर उठकर सोचें। धर्म-जाति, क्षेत्र की राजनीति व फूट डालो नीति से कोई लाभ नहीं होगा।

ऋषिकेश है उत्तराखंड की आंखें

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि में कंकड़-कंकड़ शंकर-शंकर है। विश्व के देशों के पास पहाड़ तो हैं लेकिन उनके पास केदारनाथ नहीं है। नदियां तो बहुत सारी हैं लेकिन उनके पास गंगा नहीं है। विदेशों में साधन तो बहुत हैं लेकिन साधना नहीं है। व्यक्ति बहुत हैं लेकिन व्यक्तित्व नहीं है। भारत का सिर अगर उत्तराखंड है तो उत्तराखंड की आंखें ऋषिकेश हैं।

दवाइयां महंगी हो तो चलता है भभूति का चमत्कार

धीरेद्र शास्त्री ने कहा कि एक बार किसी पत्रकार ने उनसे पूछा कि आपके पास इतनी भीड़ क्यों रहती है तो हमने एक विचित्र जवाब दिया कि जिस देश में डाक्टर लापरवाह और दवाइयां महंगी होती हैं उस देश में भभूति का चमत्कार चलता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here