Home Blog पूर्वांचल भोजपुरी समाज द्वारा मातृ शिशु अस्पताल में निःशुल्क भोजन वितरण

पूर्वांचल भोजपुरी समाज द्वारा मातृ शिशु अस्पताल में निःशुल्क भोजन वितरण

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Free food distribution in Maternity and Child Hospital by Purvanchal Bhojpuri Samaj

रायगढ़। नवरात्रि के पावन अवसर पर पूर्वांचल भोजपुरी समाज, रायगढ़ द्वारा समाज सेवा की एक अद्वितीय पहल की गई। समाज ने मातृ शिशु अस्पताल में मरीजों के परिजनों को निःशुल्क भोजन वितरित करने का पुण्य कार्य किया जा रहा है। इस आयोजन में “मां अन्नपूर्णा रसोई” के माध्यम से सैकड़ों लोगों को पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराया गया, जिसका उद्देश्य मरीजों के परिजनों को राहत देना और उनका ध्यान रखना था। समाप्ति

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पूर्वांचल भोजपुरी समाज रायगढ़ की यह पहल आने वाले समय में भी समाज के लिए प्रेरणादायक साबित होगी। समाज के सभी पदाधिकारी और सदस्य इस प्रकार की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, जिससे रायगढ़ के नागरिकों को समय-समय पर मदद मिलती रहे।

घनश्याम सिंह की प्रमुख भूमिका

इस आयोजन में समाजसेवी घनश्याम सिंह ने अग्रणी भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में भोज का वितरण सुचारू रूप से किया गया, जिससे अस्पताल में उपस्थित लोगों को समय पर भोजन मिल सका। उनकी यह सेवा न केवल नवरात्रि की धार्मिक भावना को प्रकट करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज के कमजोर वर्गों की मदद करना कितना आवश्यक है।

समाज के प्रमुख पदाधिकारियों की उपस्थिति

इस अवसर पर पूर्वांचल भोजपुरी समाज रायगढ़ के संरक्षक द्वय डॉ. प्रशांत पांडेय एवं प्रेम नारायण मौर्य, अध्यक्ष उमेश उपाध्याय, बजरंग दीक्षित, सुरेश शुक्ला, राकेश ठक्कर, सोमेश ठक्कर, रावत, और सोनू पंडित सहित समाज के अन्य प्रतिष्ठित सदस्य उपस्थित थे। इन सभी ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को सफल बनाया और समाज की एकता और सेवा भाव को और मजबूत किया।

मां अन्नपूर्णा रसोई: सेवा का प्रतीक

मां अन्नपूर्णा रसोई, पूर्वांचल भोजपुरी समाज रायगढ़ की एक विशेष पहल है, जिसके माध्यम से समाज समय-समय पर जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराता है। नवरात्रि के पवित्र अवसर पर इस रसोई के माध्यम से किया जा रहा है भोजन वितरण, समाज की सेवा भावना का प्रतीक है। इस आयोजन में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखा गया, ताकि उन्हें पौष्टिक भोजन मिल सके और वे स्वास्थ्य लाभ ले सकें।

समाज सेवा और धार्मिक भावना का संगम – डॉ प्रशांत पांडेय

यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि समाज सेवा का भी एक उत्तम उदाहरण है। नवरात्रि का यह पर्व शक्ति की आराधना का प्रतीक है, और पूर्वांचल भोजपुरी समाज ने इस अवसर का उपयोग मानवता की सेवा के रूप में किया। ऐसे आयोजनों से समाज में एक सकारात्मक संदेश जाता है और जरूरतमंदों की सहायता करने की प्रेरणा मिलती है।

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