For the first time, a public problem resolution camp was organized in the remote area of village Mahala
शिविर लगाकर दी गई शासन की योजनाओं की जानकारी, प्राप्त 309 आवेदनों में से 147 का मौके पर निराकरण
उत्तर बस्तर कांकेर, 16 अक्टूबर 2024/ आमजनता तक शासन-प्रशासन की योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करने प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों में जनसमस्या निवारण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ ले सकें। इसी क्रम में कलेक्टर श्री नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देश पर जिले के सुदूरवर्ती कोयलीबेड़ा विकासखंड की ग्राम पंचायत परतापुर के आश्रित ग्राम महला में जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर लगाया गया। शिविर में ग्रामीणों की ओर से विभिन्न मांगों और समस्याओं के समाधान हेतु कुल 309 आवेदन प्राप्त हुए। जिनमें से 147 का निराकरण शिविर स्थल में ही किया गया। जनसमस्या निवारण शिविर में पहुंचे कलेक्टर श्री नीलेश महादेव क्षीरसागर ने ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि सुदूर वनांचल क्षेत्र के ग्रामीण अब विकास की मूल धारा से जुड़कर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं और आने वाले दिनों में वे अपने अधिकार से वंचित नहीं रहेंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि ग्राम महला, परतापुर इलाके के विकास हेतु जो भी संभव है, जिला प्रशासन पूरी इच्छाशक्ति के साथ पूरा करेगा। इस दौरान उन्होंने ग्राम महला में सामुदायिक भवन निर्माण की घोषणा भी की। साथ ही दीपावली पर्व से पहले प्रत्येक घर में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही। कलेक्टर ने यह भी बताया कि परतापुर क्लस्टर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 200 से अधिक स्वीकृत प्रकरण हेतु पहली किश्त की राशि जारी कर दी गई है। इसके अलावा अन्य मांगों पर भी सार्थक निराकरण करने का आश्वासन कलेक्टर ने शिविर स्थल में ग्रामीणों को दिया। इसके पहले, जिला पंचायत के सीईओ श्री सुमित अग्रवाल ने ग्रामीणों से शिविर के माध्यम से विभिन्न विभागों में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने की अपील की। उन्होंने शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंक खाते खुलवाने, आधार अद्यतन कराने और अन्य प्रकार के आवश्यक दस्तावेज बनवाने की समझाइश ग्रामीणों को दी। इस दौरान ग्राम पंचायत परतापुर के सरपंच श्री राजाराम कोमरा ने स्थानीय मांगों और समस्याओं से कलेक्टर श्री क्षीरसागर को अवगत कराया। इसके पहले, कलेक्टर ने पखांजूर के हायर सेकेंडरी स्कूल में स्व. विक्रम सिंह बेसरा स्मृति में आयोजित सम्मान समारोह में शामिल होकर निबंध प्रतियोगिता में विजेता रहे छात्र छात्राओं को सम्मानित किया।
आयुष्मान कार्ड हेतु मौके पर 121 का किया गया पंजीयन
जिले के दूरस्थ अंचल में स्थित ग्राम महला में आयोजित जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर में काफी संख्या में ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर अपनी मांगों से जिला प्रशासन को अवगत कराया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के स्टाल में 121 ग्रामीणों का आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड के लिए त्वरित पंजीयन किया गया। इसी तरह शिविर में मुख्यतः पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को 145, खाद्य विभाग को 36, वन विभाग को 23 आवेदन प्राप्त हुए। इस दौरान कलेक्टर ने 04 हितग्राहियों को मौके पर किसान किताब वितरित की, साथ ही 03 हितग्राहियों को राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन का स्वीकृति पत्र सौंपा।
2009-10 में वीरान हो चुके ग्राम में 17-18 में पुनः विस्थापित हुए ग्रामीण
कोयलीबेड़ा ब्लॉक के संवेदनशील ग्राम पंचायत परतापुर के आश्रित ग्राम महला में आज जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया। ग्राम महला के ग्रामीण माओवादियों के भय के से वर्ष 2009-10 में पलायन कर पखांजूर चले गए और पूरा गांव वीरान हो चुका था। बाद में स्थिति सामान्य होने पर ग्रामीण 2017-18 में एक-एक करके यहां वापस विस्थापित हो गए। इसके बाद ग्रामीणों को शासन की योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जनपद पंचायत कोयलीबेड़ा के सीईओ ने बताया कि वर्तमान में ग्राम महला में 47 परिवार निवासरत हैं जिनकी कुल जनसंख्या 197 है। उन्होंने बताया- चूंकि इस ग्राम के ग्रामीण पूर्व में पखांजूर में अस्थाई रूप से विस्थापित हो चुके थे, इसलिए अधिकांश के शासकीय दस्तावेज पखांजूर के नाम से दर्ज हैं। वर्तमान में उनके नाम पखांजूर से विलोपित कर ग्राम महला में सूचीबद्ध किया गया है। यह भी बताया गया कि 26 ग्रामीणों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए जा चुके हैं, 57 ग्रामीणों के पास वन अधिकार मान्यता पत्र है। शासन की अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने शासन द्वारा विशेष पहल की जा रही है। इस अवसर पर क्लस्टर के सरपंच, अन्य ग्राम प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे।