After the marriage of Shiva-Parvati in Paraghat, the immersion of Gaura-Gauri was done. Villagers and women came out dancing and singing.
सरपंच प्रदीप सोनी ने की अभूतपूर्व स्वागत
मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम पाराघाट में गौरा गौरी उत्सव का एक अलग महत्व है। प्रत्येक वर्ष दीपावली और लक्ष्मी पूजा के बाद मनाया जाता है। विशेष तौर पर भगवान शिव पार्वती की पूजा-अर्चना और उनके विवाह की रस्म निभाई गई भक्त बड़ी संख्या में धूमधाम से खुद बाराती बनकर माता पार्वती और शिव जी के विवाह उत्सव में शामिल हुए तीन दिनों तक चलने वाले इस पर्व के बाद गौरा-गौरी की विसर्जन यात्रा निकाली गई। इस दौरान महिलाएं, बच्चे सब उनकी धुन और मगन में झूमते हुए निकले। तीन दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत धनतेरस के दिन हुई थी। इस दौरान शिव-पार्वती के विवाह की रस्म निभाई गई और श्रद्धा पूर्वक पूजन किया गया इस दौरान ग्राम के सरपंच प्रदीप सोनी ने गौरा गौरी के साथ ग्राम वासियों का आतिशबाजी के साथ अभूतपूर्व स्वागत कर सभी ग्राम वासियों को शुभकामनाएं दिए तथा विधिपूर्वक विसर्जन किया गया।
इस विसर्जन में ग्राम प्रधान प्रदीपसोनी प्रेम सागर मरकाम पंच गण तथा भारी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।