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अक्षय/आंवला नवमी पर पूर्वांचल भोजपुरी समाज ने श्रद्धा से किया आंवला वृक्ष पूजन

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On Akshaya/Amla Navami, the Purvanchal Bhojpuri community worshipped the Amla tree with devotion

रायगढ़। रविवार को कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की नवमी के अवसर पर परंपरागत रूप से पूर्वांचल भोजपुरी समाज रायगढ़ द्वारा आंवला नवमी का उत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया। इस मौके पर दो दर्जन से अधिक परिवारों ने एकजुट होकर परसदा स्थित डॉ प्रशांत पांडेय के फार्म हाउस में आंवला वृक्ष के नीचे सामूहिक पूजा-अर्चना और भोजन का आयोजन किया। महिलाएं सुबह से ही पूजन सामग्री के साथ आंवला वृक्ष के चारों ओर एकत्रित हुईं और विधि -विधान से पूजा-अर्चना की। पूजन के बाद सभी परिवारों ने आंवला वृक्ष के नीचे बने भोजन का आनंद लिया।
इस तरह से हर साल आयोजित होने वाले इस प्रकार के आयोजन समाज में एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करते हैं, जिसमें लोगों को अपने परिवार और समाज के साथ समय बिताने का मौका मिलता है।

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पूजन की परंपरा और विधि

आंवला नवमी के इस आयोजन में पहले वृक्ष की विधिवत पूजा की गई। महिलाओं ने आंवला वृक्ष को तिलक कर सूत लपेटा, और अक्षय पुण्य की प्राप्ति की कामना करते हुए प्रार्थना की। इसके बाद, पूजा के दौरान बनाए गए भोजन का भोग वृक्ष को अर्पित किया गया। इस परंपरा का महत्व यह है कि आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने से जीवन में समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है। पूर्व में यह परंपरा अधिकतर परिवारों में देखी जाती थी जब लोग पूरे कार्तिक मास में भोजन आंवला वृक्ष के नीचे किया करते थे।

सामूहिक भोजन और पिकनिक का आयोजन

पूजा-अर्चना के उपरांत भोजपुरिया समाज के लोग आंवला वृक्ष के नीचे टेंट लगाकर एक साथ भोजन के लिए बैठे। इस अवसर पर बड़े-बुजुर्गों के साथ बच्चे भी उपस्थित थे, जिन्होंने विभिन्न खेलों का भी आनंद उठाया। बच्चों के लिए क्रिकेट और अन्य खेलों की व्यवस्था की गई थी, जबकि बुजुर्ग और युवा होजी और बैडमिंटन खेल में शामिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया था और एक टेंट भी लगाया गया ताकि सभी लोग आराम से बैठकर भोजन का आनंद ले सकें।

संरक्षक डॉ प्रशांत पांडेय और उमेश उपाध्याय के नेतृत्व में सफल आयोजन

इस पूरे कार्यक्रम का श्रेय समाजसेवी उमेश उपाध्याय को जाता है, जिन्होंने संरक्षक डॉ प्रशांत पांडेय के मार्गदर्शन में इस आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न किया। आयोजन के दौरान समाज के कई वरिष्ठ सदस्यों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इनमें प्रमुख रूप से घनश्याम सिंह (मामा जी), एन.सी. झा, एस.एल. यादव, अमरनाथ सिंह, मनोज यादव, शैलेंद्र दुबे, ऋषिकांत पांडे, बजरंग दीक्षित, अरविंद पांडे, दीपक उपाध्याय, अजय सिंह जैसे गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। कार्यक्रम में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिनमें मोना यादव, अंजू यादव, अर्चना मिश्रा, रीना उपाध्याय, साधना पांडेय, विनीता सिंह, सुमन उपाध्याय, कंचन पांडेय समेत कई अन्य महिलाएं शामिल थीं।

आंवला नवमी की सामाजिक महत्वता

यह कार्यक्रम भोजपुरिया समाज की पुरानी परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस आयोजन से समाज के लोग एकजुट होते हैं और अपनी पुरानी परंपराओं से जुड़ाव महसूस करते हैं। आंवला वृक्ष की पूजा जहां धार्मिक आस्था का प्रतीक है, वहीं इसके नीचे बैठकर भोजन करना एकता और सामूहिकता का संदेश देता है।