After Deepawali, Lakshmi will visit the houses of farmers from 14th November. The amount will be transferred to their bank accounts at the rate of Rs. 3100 per quintal.
जिला जनसम्पर्क कार्यालय उत्तर बस्तर कांकेर
जिले के 149 उपार्जन केन्द्रों मंे धान बेचेंगे 1.04 लाख पंजीकृत किसान
उत्तर बस्तर कांकेर / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश की सरकार एक बार फिर अपना वायदा निभाने जा रही है। दीपावली और देवउठनी एकादशी के उपरांत किसानों के घर धनधान्य की देवी लक्ष्मी एक बार फिर विराजमान होने वाली हैं। ‘मोदी की गारंटी‘ के तहत प्रदेश के मेहनतकश किसानों को 3100 रूपए प्रति क्विंटल के मान से धान के एक-एक दाने की कीमत राज्य सरकार देने जा रही है। खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के अंतर्गत कांकेर जिले के 01 लाख 04 हजार 991 पंजीकृत किसान यहां के 149 धान उपार्जन केन्द्रों में अपना धान बेचेंगे।
धान उपार्जन केन्द्रों में खरीदी की तैयारियां अंतिम चरण में
जिला खाद्य अधिकारी श्री जन्मेजय नायक ने बताया कि कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देशानुसार सभी 149 खरीदी केन्द्रों में आवश्यक तैयारियां अंतिम चरण में हैं। उन्होंने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 हेतु जिले के पंजीकृत किसानों से 5 लाख 44 हजार 224 मेट्रिक टन धान उपार्जित किए जाने का लक्ष्य है। इस हेतु 01 लाख 43 हजार 211 हेक्टेयर पंजीकृत रकबा है जिसकी गिरदावरी और भौतिक सत्यापन का कार्य पूर्ण हो चुका है। यह भी बताया गया है कि गत वर्ष 2023-24 की तुलना में इस वर्ष 3 हजार 754 कृषक और 01 हजार 731 रकबा में वृद्धि हुई है।
धान बेचने कृषकों को मिलेंगी 04 तरह की सुविधाएं
खाद्य अधिकारी ने बताया कि किसानों को धान विक्रय करने की प्रक्रिया और अधिक सरलीकृत किया गया है जिसके तहत चार प्रकार से किसान अपना धान सकेंगे। अर्थात् किसान स्वयं जाकर अथवा उनके नहीं आ पाने की दशा में नाॅमिनी के माध्यम से धान बेच सकेगा। इसके अलावा बाॅयोमेट्रिक मशीन के माध्यम से अपने अंगूठे या आंखों की आइरिश मैचिंग के जरिए भी धान विक्रय कर सकता है। इसी तरह ट्रस्टेड पर्सन (विश्वसनीय व्यक्ति) अथवा ओटीपी के माध्यम से भी किसान धान बेच पाएंगे। किन्तु इन सभी माध्यमों का उपयोग करते समय विक्रेता के पास किसान किताब (ऋण पुस्तिका) का होना अनिवार्य है। धान विक्रय का इंद्राज इसी आधार पर किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि धान बेचने हेतु टोकन दो तरह से काटे जाएंगे। पहला, किसान स्वयं संबंधित समिति में जाकर टोकन कटवा सकता है अथवा आॅनलाइन माध्यम से यानी ‘टोकन तुंहर हाथ‘ नामक एप अपने मोबाइल में इंस्टाल करके आॅनलाइन टोकन प्राप्त कर सकेगा।
लघु व सीमांत कृषक अधिकतम दो और बड़े किसान तीन बार ले सकेंगे टोकन
इस बार लघु या सीमांत कृषक जिनका खेत 05 एकड़ से कम है, वे अपना धान बेचने अब अधिकतम दो बार टोकन प्राप्त कर सकते हैं, जबकि बड़े किसान अर्थात् 05 एकड़ अधिक कृषि भूमि वाले किसान अधिकतम तीन टोकन प्राप्त कर सकते हैं। इसके तहत इस बार एक और सुविधा दी गई है जिसमें बड़े किसानों को 30 प्रतिशत और छोटे किसानों को 70 फीसदी टोकन जारी किया जाएगा।
इस तरह छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य है जहां के किसानों को उनके धान के एक-एक दाने की कीमत दी जा रही है। शासन द्वारा 31 सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों से धान खरीदी की जाएगी, जिसमें समर्थन मूल्य पर मोटा धान 2300 रूपए प्रति क्विंटल और पतला धान 2320 रूपए प्रति क्विंटल से खरीदा जाएगा, शेष राशि किसानों को प्रोत्साहन स्वरूप उनके बैंक खातों में एकमुश्त अंतरित की जाएगी।