On Children’s Day, DAV Mukhyamantri Public School organized a cultural program and science and art exhibition
प्रमोद अवस्थी मस्तूरी
मस्तूरी– बाल दिवस के अवसर पर डी.ए.वी. स्कूल वेदपरसदा में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ‘इंटीग्रेटेड आर्ट थीम केरला’ को मुख्य आकर्षण बनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रांगण में उत्साह और उमंग का वातावरण रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, थे। उनके साथ विशिष्ट अतिथियों में जनपद पंचायत मस्तूरी के उपाध्यक्ष ठा.नितेश सिंह , दामोदर कांत, कांति कुमार साहू, देवेंद्र कृष्णन, ऋतुराज, साहिल मधुकर और गुलशन कुमार उपस्थित रहे, जिन्होंने अपने सान्निध्य से कार्यक्रम की गरिमा में चार चाँद लगाए।विद्यालय की प्राचार्य श्वेता श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में बाल दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “यह दिवस बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और उनकी संपूर्ण प्रतिभाओं को निखारने के संकल्प का अवसर है। हम अपने विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए सदैव प्रयासरत हैं, और हमारे इन प्रयासों का उद्देश्य बच्चों में सृजनात्मकता, खेलकूद और शैक्षणिक योग्यता का संतुलित विकास करना है। विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी के माध्यम से विद्यार्थियों में रचनात्मकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया गया है।”
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को कला एवं शिल्प, खेलकूद, शैक्षणिक उपलब्धियों सहित विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने विज्ञान, पर्यावरण और सामाजिक विषयों पर आधारित मॉडल एवं कलाकृतियाँ प्रस्तुत कीं, जिनसे उनके नवाचार के प्रति झुकाव और कौशल का परिचय मिला।
मुख्य अतिथि मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, जो एक लोक कलाकार भी हैं, ने अपने उद्बोधन में बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आज के बच्चे हमारे समाज और राष्ट्र का भविष्य हैं। इन्हें सही दिशा में प्रेरित करना हमारा कर्तव्य है। विज्ञान एवं कला के क्षेत्र में ये प्रदर्शनी बच्चों के विचारों को नए आयाम देंगी और उन्हें नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगी।” विद्यार्थियों के अनुरोध पर उन्होंने अपना लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी गीत “छत्तीसगढ़ के माटी म तराबो” प्रस्तुत किया, जिसने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और पूरे वातावरण में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की खुशबू बिखेर दी।विद्यालय परिवार और विद्यार्थियों के लिए यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक पर्व था, बल्कि बच्चों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी रहा। इस अवसर ने बच्चों के मनोबल को ऊँचा उठाया और उनके सपनों को नए पंख दिए।