पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर जी की 300वीं जयंती के अवसर पर रायगढ़ जिले के रामलीला मैदान में शक्ति स्वरूपा समागम कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समर्पण सेवा समिति के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति, मातृशक्ति और सनातन परंपराओं का संरक्षण और प्रसार करना था।
आकर्षक साज-सज्जा ने खींचा ध्यान
कार्यक्रम स्थल भगवा ध्वजों और मां महिषासुर मर्दिनी के भव्य चित्रों से सुसज्जित था। मंच पर भारतीय संस्कृति के प्रतीकात्मक चिह्नों के साथ शक्ति और शौर्य का प्रतिनिधित्व करने वाली कला प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम स्थल पर सजीव और भव्य दृश्य ने उपस्थित जनसमूह को भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रति गर्व महसूस कराया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुई। छात्र-छात्राओं ने लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर के जीवन दर्शन को नृत्य और नाट्य रूपांतरण के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति ने उनके त्याग, धर्मनिष्ठा और समाज सुधार की प्रेरक गाथाओं को जीवंत कर दिया।
दीप प्रज्वलन और राज्य गीत के साथ शुभारंभ
कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ डॉ. माधवी लता (हैदराबाद) और अन्य प्रमुख अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। राज्य गीत ने पूरे आयोजन स्थल को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक चेतना से भर दिया।
डॉ. माधवी लता ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में मातृशक्ति, भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा पर जोर दिया। उन्होंने उपस्थित लोगों को भारतीय परिधान, स्वभाषा और स्वशिक्षा के महत्व को समझाने के साथ-साथ भारतीय वीरांगनाओं और महापुरुषों के आदर्शों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उनके उत्साही वक्तव्य ने श्रोताओं में ऊर्जा का संचार किया।
महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र पाठ का ऐतिहासिक आयोजन
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मां महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का सामूहिक पाठ था। इस आयोजन में जिले के विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों से आईं 3500 छात्राओं ने एक स्वर में स्तोत्र का पाठ किया। पूरे आयोजन स्थल में “मां महिषासुर मर्दिनी” के स्तुति गान से आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह हुआ।
डॉ. माधवी लता ने भी इन छात्राओं के साथ मिलकर स्तोत्र का पाठ किया, जिससे इस आयोजन को और भव्यता प्राप्त हुई। यह आयोजन भारतीय संस्कृति और मातृशक्ति के महत्व को उजागर करने में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने बढ़ाया आयोजन का गौरव
कार्यक्रम में रायगढ़ विधायक एवं वित्त मंत्री ओमप्रकाश चौधरी, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप, समिति संरक्षक डॉ. प्रकाश मिश्रा, प्रांत प्रचार प्रमुख संजय तिवारी, समिति अध्यक्ष संतोष टिबरेवाल, सतनामी समाज की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉली टंडन, सुनील लेंधरा, सुशील रामदास , अनुषा कातोरे , स्नेहा तिवारी, और प्रियंका भट्ट सहित कई प्रमुख व्यक्तित्वों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उनकी भागीदारी ने आयोजन की सफलता को चार चांद लगा दिए।
डॉ. माधवी लता का प्रेरणादायक संदेश
डॉ. माधवी लता ने अपने भाषण में भारतीय वीरांगनाओं और महापुरुषों के त्याग और योगदान पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “भारतीय संस्कृति, मातृशक्ति और सनातन परंपराएं हमें जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढऩे की प्रेरणा देती हैं।” उन्होंने सभी को भारतीय परंपराओं और संस्कृति के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम का उद्देश्य और संदेश
इस भव्य आयोजन ने लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर जी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए मातृशक्ति के महत्व को उजागर किया। इसने भारतीय संस्कृति और परंपराओं की महिमा को पुनस्र्थापित करने का प्रयास किया।
कार्यक्रम की सफलता में समर्पण सेवा समिति और उनकी प्रचार प्रमुख भारती स्वाईं का विशेष योगदान रहा। भारती स्वाईं ने कार्यक्रम की हर गतिविधि को बखूबी संचालित किया और इसकी अद्यतन जानकारी प्रस्तुत की।
यह आयोजन रायगढ़ जिले में संस्कृति और परंपराओं की एक नई शुरुआत का प्रतीक बना। यह स्पष्ट किया कि भारतीय समाज आज भी अपनी जड़ों और मूल्यों के प्रति समर्पित है। शक्ति स्वरूपा समागम ने रायगढ़ जिले के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया।