Nivaskhar became such a village where the villagers took the responsibility of protecting the forest themselves
मुंगेली जिला से हरजीत भास्कर की रिपोर्ट







मुंगेली– अचानकमार टाइगर रिजर्व अंतर्गत सुरही परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम निवासखर के ग्रामीणों ने स्वस्फूर्त ढंग से बैठक लेकर अपने सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के अंतर्गत आने वाले समस्त क्षेत्र की सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी स्वयं लेने का प्रण लिया और इस बाबत प्रस्ताव पारित किया गया। उक्त बैठक का आयोजन ग्राम के सरपंच रामकुमार आर्मो की अध्यक्षता और सामुदायिक वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्रहलाद सिंह के पहल पर लिया गया। उक्त बैठक में गांव से महिला और पुरुष सहित लगभग 200 ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी उपस्थित ग्रामीणों ने मिल कर जंगल सुरक्षा हेतु अनेक निर्णय लिए। जो निम्नानुसार है:
१) गांव के जंगल को पेड़ो की कटाई और अतिक्रमण से पूर्ण रूपेण सुरक्षा करना।
२) जंगल में आग लगाने वालों पर 2000/- रुपए जुर्माना लगाना l
३)प्रतिदिन 20-25 के समूह में जंगल में भ्रमण और आग लगने की स्थिति में नियंत्रण करना। साथ ही किसी व्यक्ति द्वारा अगर सुरक्षा हेतु भ्रमण नहीं किया जाता है तो उस पर 200/- रुपए का जुर्माना लगाना।
४) जल संरक्षण हेतु नदी में दो स्थानों पर बोरी बंधान बनाने प्रस्ताव।
इसके अतिरिक्त पूर्ण शराब बंदी कर, दोषियों पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया। उपरोक्त बैठक में परिक्षेत्र अधिकारी सुरही विक्रांत कुमार भी उपस्थित रहे। उन्हें ग्रामीणों द्वारा भूअभिलेख में सुधार करने आवश्यक कदम उठाने हेतु अनुरोध किया गया। साथ ही पुराने वनरक्षक भवन को सामुदायिक वन प्रबंधन समिति के संचालन हेतु देने हेतु ज्ञापन दिया गया। विदित हो कि यह वन अधिकार अधिनियम 2006 के लागू होने के बाद यह पहली बार है जब एटीआर सहित पूरे बिलासपुर संभाग में इस प्रकार स्वस्फूर्त ढंग से ग्रामीणों द्वारा निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार का प्रयास अगर अन्य ग्राम के ग्रामीणों द्वारा लिया गया तो यह प्रयास जंगल और वन्य जीवों की सुरक्षा में मिल का पत्थर साबित होगा। इस दौरान परिक्षेत्र सहायक राजक और जकड़बंधा, परिसर रक्षक राजक सहित पैदल गार्ड और अधिक संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।