ग्राम बड़े रबेली में आयोजित गुरु घासी दास जयंती समारोह में शामिल हुए विधायक रामकुमार यादव
सक्ती। नवीन जिला सक्ती के मालखरौदा विकास खंड क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बड़े रबेली इस बार तीन दिवसीय गुरु घासी दास जयंती समारोह का आयोजन किया जा रहा है यह कार्यक्रम 5 जनवरी से 7 जनवरी तीन दिवसीय होने वाला है जिसमे द्वितीय दिन के कार्यक्रम में इस बार चंद्रपुर के विधायक रामकुमार यादव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए जिनका ग्रामीणों ने बड़ी ही धूम धाम से स्वागत किया है। ग्राम बड़े रबेली के सतनाम जयंती में शामिल हुए विधायक रामकुमार यादव ने गुरु गद्दी व जैतखाम का पूजा अर्चना कर क्षेत्र के समृद्घि व खुशहाली का कामना किया । इस दौरान उन्होंन कहा कि 18 दिसंबर 1756 को गुरु घासीदास का जन्म ऐसे समय हुआ जब समाज में ऊंच-नीच, छुआछूत, झूठ और कपट का बोलबाला था।,उनका जन्मस्थान छत्तीसगढ; के रायपुर जिले में गिरौद नामक ग्राम में बताया जाता है। पिता मंहगू दास तथा माता अमरौतिन के घर जन्मे गुरु घासीदास ने समाज को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी। उनकी सत्य के प्रति अटूट आस्था थी, उसी कारण उन्होंने बचपन में कई चमत्कार दिखाए, जिसका लोगों पर काफी प्रभाव पडा, घासीदास ने जहां समाज में एकता बढाने का कार्य किया, वहीं भाईचारे और समरसता का संदेश भी दिया। उन्होंने न सिर्फ सत्य की आराधना की, बल्कि समाज में नई जागृति पैदा करने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है।
अपनी तपस्या से प्राप्त ज्ञान और शक्ति का उपयोग उन्होंने मानवता के सेवा कार्य के लिए किया। उनके इस व्यवहार और प्रभाव के चलते लाखों लोग उनके अनुयायी बन गए और इस तरह छत्तीसगढ़ में ‘सतनाम पंथ’ की स्थापना हुई। समाज के लोगों को उनके द्वारा दिया गया प्रेम, मानवता का संदेश और उनकी शिक्षा आज भी प्रासंगिक है। उनके भक्त मानते हैं कि गुरु घासीदास द्वारा बताया गया रास्ता अपना कर ही अपने जीवन तथा परिवार की उन्नति हो सकती है।
गुरु घासीदास के मुख्य रचनाओं में उनके सातवचन सतनाम पंथ के ‘सप्त सिद्घांत’ के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इसलिए सतनाम पंथ का संस्थापक भी गुरु घासीदास को ही माना जाता है। इस तरह से सतनाम जयंती समारोह बड़े रबेली में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे