*आर्य समाज स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने पर भव्य समारोह आयोजित*
नई दिल्ली, 6 अप्रैल:
आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में नई दिल्ली स्थित तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर पूरे देशभर से आर्य समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।



छत्तीसगढ़ प्रान्तीय आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से सभा के प्रधान डॉ. राम कुमार पटेल ने कार्यक्रम में प्रतिनिधित्व किया। इस कार्यक्रम में देशभर के आर्य समाज से जुड़े प्रमुख वक्ताओं, विचारकों और समाजसेवियों ने अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम की एक विशेष बात यह रही कि इस दौरान महर्षि दयानंद सरस्वती जी के वंशज पार्थ जयन्ति लाल जी से डॉ. पटेल की सौजन्य भेंट हुई। यह मुलाकात सभी उपस्थितजनों के लिए एक भावुक और प्रेरणादायक क्षण रही।
*महर्षि दयानंद सरस्वती के परिवार की जानकारी भी आई सामने*
कार्यक्रम के दौरान महर्षि दयानंद सरस्वती जी के पारिवारिक इतिहास से जुड़े कई तथ्य भी साझा किए गए। बताया गया कि उनकी सबसे छोटी बहन प्रेमा बहन का विवाह मंगल जी रावल से गोंडल गांव में हुआ था।
महर्षि जी के परिवार में अन्य कोई सदस्य न रहने के कारण करसन जी ने अपनी बेटी और दामाद को अपने साथ रखा। मंगल जी के पुत्र बोघा जी, उनके पुत्र कल्याण जी, और फिर उनके पुत्र पोपटलाल जी को आर्य समाज द्वारा सर्वप्रथम सम्मानित किया गया था।
पोपटलाल जी के पुत्र जयन्ति लाल जी, जो टंकारा गुरुकुल से जुड़े रहे, के पुत्र पार्थ रावल जी वर्तमान में हमारे बीच हैं और आर्य समाज के कार्यों से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।
*समारोह ने दिया एकता और ज्ञान का संदेश*
यह आयोजन आर्य समाज के सिद्धांतों—सत्य, ज्ञान और कर्म—को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रेरणास्त्रोत सिद्ध हुआ। इस अवसर पर महर्षि दयानंद सरस्वती जी के विचारों की प्रासंगिकता पर भी विस्तृत चर्चा हुई।