Home Blog गणतंत्र दिवस के अवसर ‘हल्बी बालबोधिनी’ पुस्तक का प्रधानमंत्री करेंगे विमोचन

गणतंत्र दिवस के अवसर ‘हल्बी बालबोधिनी’ पुस्तक का प्रधानमंत्री करेंगे विमोचन

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Prime Minister will release the book ‘Halbi Balbodhini’ on the occasion of Republic Day

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भाषा शिक्षण के लिए तैयार की गयी है ” हल्बी बालबोधिनी” पुस्तक

RO NO - 12784/140

रायपुर 24 जनवरी 2024/गणतंत्र दिवस के अवसर पर ‘हल्बी बालबोधिनी’ पुस्तक का विमोचन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी करेंगें। राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति 2020 एवं राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा 2022 के अंतर्गत तीन से आठ साल तक के बच्चों को मातृभाषा, घर की भाषा, तथा आंचलिक भाषा में शिक्षा दान की व्यवस्था की गई है। भारत के आदिवासी बहुल क्षेत्रों के बच्चों को पठन-पाठन में कठिनाई होती है। बच्चों के ज्ञानात्मक स्तर व सामान्य बोली भाषा को ध्यान में रखते हुए भाषा शिक्षण पुस्तक ‘हल्बी बालबोधिनी’ तैयार की गयी है।

हल्बी बालबोधिनी में अंग्रेजी के शब्दों के साथ चित्र एवं कविता के माध्यम से वर्णमाला, बारहखड़ी, गिनती का है समावेश

हल्बी बालबोधिनी में मातृभाषा हल्बा के साथ हिंदी और अंग्रेजी के शब्दों के साथ चित्र एवं कविता के माध्यम से वर्णमाला, बारहखड़ी, गिनती आदि का समावेश है। यह पुस्तक हल्बा जनजाति क्षेत्र विशेषकर छत्तीसगढ़ के साथ मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा और असम में नया शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को उपलब्ध कराई जाएगी।

शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के मार्गदर्शन में भारतीय भाषा संस्थान मैसूर के डायरेक्टर प्रोफेसर शैलेन्द्र मोहन एवं पूर्वी क्षेत्रीय भाषा केन्द्र भुवनेश्वर के प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर, डॉ विनय पटनायक शिक्षा विशेषज्ञ एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य परामर्शदाता भारत सरकार के मार्गदर्शन में हल्बी भाषा में स्थानीय गीत, कविता, कहानियां, वार्तालाप एवं चित्र को वर्ण और शब्दों के माध्यम से बच्चों को ध्वनि परिचय, वर्ण परिचय, पढ़ने एवं लेखन अभ्यास के लिए भाषा शिक्षण पुस्तक हल्बी बालबोधिनी का निर्माण कृष्णपाल राणा, आदिम जनजाति शोधकर्ता, एवं महासचिव अखिल भारतीय आदिवासी हल्बा समाज छत्तीसगढ़ महासभा, दामेसाय बघेल, व्याख्याता, आदिम जनजाति शोधकर्ता एवं संरक्षक हल्बा समाज पखांजूर एवं हेमलता बघेल प्रधानाध्यापक के द्वारा किया गया है।

इस पुस्तक की रचना में लतेलराम नाईक अध्यक्ष आदिवासी हल्बा समाज छत्तीसगढ़ महासभा, शिवकुमार पात्र पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक हल्बा समाज छत्तीसगढ़ महासभा, बिरेंद्र चनाप अध्यक्ष छत्तीसगढ़ महासभा, एवं डॉ रतिराम साहनी का विशेष सहयोग रहा। हल्बी बालबोधिनी पुस्तक रचना करने के लिए कृष्णपाल राणा, दामेसाय बघेल और हेमलता बघेल को भारतीय भाषा संस्थान शिक्षा मंत्रालय, उच्चतर शिक्षा विभाग भारत सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर भुवनेश्वर में सम्मानित किया है।

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