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विधानसभा में गलत जानकारी देकर सदन की गरिमा को प्रभावित करने वाले प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती पर कार्यवाही की मांग…… विधायक साहू ने ध्यानाकर्षण सूचना से उठाया मामला

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Ro No- 13047/52

सक्ती। प्रदेश के नवनिर्वाचित युवा और सक्रिय विधायक बालेश्वर साहू जो विगत दिनों सम्पन्न विधानसभा के बजट सत्र में सबसे ज्यादा प्रश्न पूछने वाले में शामिल है इन्होंने नियम 138(1) के तहत ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 326 दिनांक 22 .02.2024 ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 382 दिनांक 26 .0 2 .2024 विधानपटल पर माननीय स्कूल शिक्षा मंत्री के सम्मुख प्रस्तुत कर विधानसभा प्रश्नों , ध्यानाकर्षण सूचनाओं का गलत जानकारी देकर सदन को भ्रमित करने वाले प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी शक्ति पर कार्रवाई की मांग किया है उन्होंने सदन को अवगत कराया है कि अतारांकित प्रश्न क्रमांक 630 उत्तर दिनांक0 9 .02 .2024 अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1979 दिनांक 16 .02 .2024 विगत विधानसभा के बजट सत्र 2023 ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 110 के उत्तर में गलत ,भ्रामक, अधूरी एवं वास्तविक तथ्यों को छुपाकर जवाब प्रस्तुत किया गया है इसी प्रकार से ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 327 दिनांक 22 .02 .2024 ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 358 दिनांक 23 .02.2024 के उत्तर में भी वास्तविक तथ्यों को छुपाकर ,गलत जानकारी प्रस्तुत कर ,अधूरी जानकारी देकर सदन को गुमराह करने का प्रयास किया है इन प्रश्नों और ध्यानाकर्षण सूचनाओं के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत जिला शिक्षा अधिकारियों के विरूद्ध अनियमितता ,भ्रष्टाचार और गबन किए जाने की शिकायत ,जांच और कार्यवाही के संबंध में जानकारी चाहा गया था ।प्रदेश में सजेस विद्यालयों में राज्य शासन और जिला प्रशासन के बिना लिखित आदेश एवं निर्देश के चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत पद के विरूध्द दैनिक समाचार पत्रों में बिना विज्ञापन के कलेक्टर दर पर आकस्मिक निधि कर्मचारियों की की गई नियुक्ति ,शिक्षकों की पदोन्नति एवं पदस्थापना में की गई गड़बड़ी पर कार्यवाही ,14 माह तक अनुपस्थित परीवीक्षाधीन व्याख्याता को इस अवधि का वेतन भुगतान कर शासन को वित्तीय हानि पहुंचाना जैसे भ्रष्टाचार एवं अनियमितता से जुड़े प्रकरणों को स्कूल शिक्षा मंत्री के ध्यान में लाया गया था वर्तमान प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी शक्ति ने अपने पत्र क्रमांक 128 दिनांक 13 .0 3 .2023 पत्र क्रमांक 39 दिनांक 24 .01 .2024 पत्र क्रमांक 154 दिनांक 26 .02.2024 पत्र क्रमांक 152 दिनांक 23.02. 2024 में जानकारी दिया है कि शक्ति जिले में पदस्थ किसी भी जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध कोई शिकायत नहीं किया गया है किसी डीईओ के खिलाफ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जांच संस्थापित नहीं किया गया है शक्ति जिले में शिक्षकों के पदोन्नति एवं सजेस स्टाफ भर्ती शासन के निर्देशानुसार किया गया है ।संजय सिंह राठौर पिता हिम्मत राठौर को कंप्यूटर शिक्षक के पद पर नियुक्ति नहीं दी गई है पल्लव भट्टाचार्य की नियुक्ति नियमानुसार हुई है श्रीमती गंगाबाई चंद्र ने एच पद विलोपित किए जाने संबंधी कोई शिकायत नहीं किया है ,जिले के सजेस शक्ति ,डबरा, चंद्रपुर , जैजैपुर और मालखरौदा में दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कर कलेक्टर दर पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति की गई है। पूर्व में संचालित हिंदी मध्य विद्यालय के अंशकालीन सफाई कर्मचारी को सजेस विद्यालयों में साफ सफाई करने रखा गया है ।शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अड़भार में 3 वर्ष की परीवीक्षाधीन पर नियुक्त व्याख्याता को माननीय न्यायालय में दायर याचिका क्रमांक डब्लू पी एस 2754 /2022 पारित आदेश दिनांक 28 .03 .2023 के अनुक्रम में 14 माह से अनुपस्थितअवधि का वेतन भुगतान किया गया है परंतु सच्चाई यह है कि छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन शक्ति के जिला अध्यक्ष ने पत्र दिनांक 0 6 .12 .2022 द्वारा प्रधान पाठक पदोन्नति में जिला शिक्षा अधिकारी शक्ति द्वारा भारी भ्रष्टाचार और अनियमितता करने ,60 से 70 विद्यालय के एच पद को काउंसलिंग में नहीं दिखाने सहित 6 बिंदुओं में जांच की मांग किया था जांच अधिकारी एवं संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर ने अपने पत्र क्रमांक पी 2163 दिनांक 02.0 2. 2023 द्वारा जांच प्रतिवेदन संचालक को भेजकर शिक्षकों की पदोन्नति एवं पदस्थापना में अनियमितता किए जाने का दोषी मानते हुए छ ग सिविल सेवा आचरण 1965 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा किया है श्रीमती गंगाबाई चंद्रा ने पत्र दिनांक 21. 12 .2022 द्वारा शिकायत दर्ज कर काउंसलिंग दिनांक 15 .11 .2022 में शासकीय प्राथमिक विद्यालय पिरदा में एच एम पद को विलोपित करने एवं काउंसलिंग दिनांक 17 .11. 2022 में एच एम पद को दूसरे शिक्षकों को आवंटित करने की शिकायत की थी कलेक्टर कलेक्टर शक्ति के के आदेश क्रमांक 4050 दिनांक 28 .10 .2022 के सरल क्रमांक 04 में सजेस् अड़भार में संजय सिंह राठौर पिता हिम्मत राठौर की नियुक्ति कंप्यूटर शिक्षा की पद पर की गई थी संबंधित ने 15 दिन तक कार्य भी किया है जो संस्था के रिकॉर्ड में दर्ज है कंप्यूटर शिक्षक की जारी मेरिट सूची के अनुसार पहले एवं तीसरे क्रम के आवेदक को नियुक्ति दिया गया था दूसरे क्रम के आवेदिका आस्था द्विवेदी एवं अन्य प्रकरण में राकेश कुमार देवांगन की शिकायत के आधार पर कलेक्टर के आदेश क्रमांक 781 एवं आदेश क्रमांक 782 दिनांक 16 .11. 2022 द्वारा साक्षात्कार का कोरम पूर्ण नहीं होने के कारण कंप्यूटर शिक्षक पद की नियुक्ति को निरस्त कर शिकायतकर्ता की नियुक्ति किया गया था और एक अनारक्षित वर्ग की आवेदिका श्रीमती खुशबू साहू सहायक शिक्षक संविदा नियुक्ति को अन्य पिछड़ा वर्ग में नियुक्ति देने के आधार पर नियुक्ति निरस्त किया गया था हालांकि श्रीमती खुशबू साहू ने ऑनलाइन आवेदन में अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत ही आवेदन किया था ।कंप्यूटर शिक्षक लिखित परीक्षा के परिणाम में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्री भरत लाल खरे के हस्ताक्षर हैं जिसके सरल क्रमांक 24 पर पल्लव भट्टाचार्य पिता भारत भट्टाचार्य का नाम है इस प्रकार प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी शक्ति अपने पुत्र की भर्ती प्रक्रिया में शामिल रहते हैं सजेस सक्ती और मालखरौदा में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती में दैनिक समाचार पत्रों में कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया था इस प्रकार की भर्ती करने के लिए राज्य शासन ने ,जिला प्रशासन ने किसी प्रकार से लिखित में आदेश जारी नहीं किया है भर्ती प्रक्रिया में छ ग शासन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भर्ती नियम 1977 और सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश का पालन नहीं किया गया है जांच अधिकारी एवं प्राचार्य शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अड़भार के जांच रिपोर्ट पत्र क्रमांक 665 दिनांक 10.09 .2022 जांच अधिकारी एवं प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल बाराद्वार सकरेली के पत्र 950 दिनांक 16 .08.20 22 के जांच रिपोर्ट से इसकी पुष्टि होती है ।इस संबंध में व्याख्याता ओ पी कैवर्त के शिकायत पत्र दिनांक 18.07.20 22 के अनुसार 09 बिंदुओं की जांच करने तत्कालीन कलेक्टर तारन सिन्हा के निर्देश होने के बावजूद भी जिले के सजेस विद्यालयों की अब तक जांच नहीं किया गया है श्रीमती सरोजिनी सोना, श्री राजमल सोना जो वर्ष 2011 से से अंशकालीन सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे सजेस शक्ति के पूर्व हिंदी माध्यम विद्यालय में 10 वर्षों से सेवा दे रहे थे इन्होंने अपने आवेदन दिनांक 16 .09 .2020, 28. 11.20 20 ,15 .12 .2020, 16.01.2021 28.09. 2021 और 18 .07. 2022 सभी उच्चाधिकारियों को प्रस्तुत कर अंशकालीन सफाई कर्मचारी के पद पर रखने निवेदन किया था परंतु उनके स्थान शंकर कुमार नायक और सुमित्रा बाई को अंशकालीन सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्ति दे दिया गया है । 14 माह तक अनुपस्थित व्याख्याता का अनुपस्थित कार्य दिवस का वेतन भुगतान के लिए रू 405079.00 देयक दिनांक 24. 11.20 22 को जिला कोषालय में प्रस्तुत किया गया था फिर से 22.03.20 23 को प्रस्तुत कर दिनांक 23.0 3.20 23 को भुगतान कर दिया गया था इनके विरुद्ध जांच अधिकारी एवं सजेस चंद्रपुर प्राचार्य के पत्र क्रमांक 568 दिनांक 13.03 .2023 और सजेस प्राचार्य कसेरपारा शक्ति के पत्र क्रमांक 380 दिनांक0 5.12 .2022 द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट जिसमें अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा किया गया है और इनके 14 माह को अनुपस्थित माना है इस पर कार्यवाही क्यों नहीं किया गया इसका जवाब नहीं दिया गया है ।माननीय न्यायालय ने अपने पारित आदेश दिनांक 22 .03 .2023 में संबंधित के ज्वाइनिंग और वेतन भुगतान की स्थिति की जानकारी चाहा था परंतु अनुपस्थित कार्य दिवस का वेतन भुगतान करने का कोई आदेश निर्देश नहीं दिया गया था। इस प्रकार से प्रभारी डीईओ शक्ति ने विधानसभा में लगातार गलत जानकारी प्रस्तुत कर ,अपनी गड़बड़ियों को छुपा कर ,सदन को गुमराह कर रहे हैं जहां एक ओर कलेक्टर दर पर कर्मचारी नियुक्ति में गड़बड़ी,शिक्षकों की पदोन्नति एवं पदांकन
में नियमानुसार पदस्थापना नहीं करने के कारण उपसंचालक स्तर के अधिकारी निलंबित हो चुके हैं जैसा कि सदन में जानकारी दी गई है तो वहीं वर्ष 2009 के प्राचार्य एवं प्रभारी डीईओ श्री खरे जो ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 382 दिनांक 26 .02.2024 प्राप्त होते ही इतना बौखला जाते हैं कि माननीय जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध अमर्यादित टिप्पणी करते हुए कहा गया कि 5000 रू में बिकने वाले विधायक मेरा क्या उखाड़ लेंगे। ऐसा सुनने में आ रहा है। ये विगत 14 वर्षों से गणवेश घोटाला ,छात्रवृत्ति घोटाला ,बिजली घोटाला, शिक्षकों की पोस्टिंग घोटाला जैसे गड़बड़ियों से सुर्खियों में बने हुए हैं । निलंबित हो चुके हैं, इनके पांच वर्षों तक वेतन वृद्धि रोका गया गया था और अब विधानसभा में भी ग़लत जानकारी दे रहे हैं।सदन की गरिमा को प्रभावित कर रहे हैं अब देखना यह है कि हमारे संविधान के रक्षक माननीय महा महिम राज्यपाल महोदय,माननीय विधानसभा अध्यक्ष ,माननीय मुख्यमंत्री , माननीय स्कूल शिक्षा मंत्री इस पर क्या संज्ञान लेते हैं सभी जनमानस को इसका इंतजार है।

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