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चुनावी बॉन्ड पूरे नंबर क्यों नहीं दिए..SBI को चुनावी बॉन्ड नंबर पब्लिश करने का आदेश दिया,

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Why were the electoral bonds not given in full? Ordered SBI to publish the electoral bond numbers.

इलेक्टोरल बॉन्ड  मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को फटकार लगाते हुए नोटिस  जारी किया है. अदालत ने बैंक से पूछा है कि बॉन्ड नंबरों का खुलासा क्यों नहीं किया. बैंक ने अल्फा न्यूमिरिक नंबर क्यों नहीं बताया. अदालत ने एसबीआई को बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया है. अदालत का आदेश है कि सील कवर में रखा गया डेटा चुनाव आयोग को दिया जाए, क्योंकि उनको इसे अपलोड करना है. अदालत ने कहा कि बॉन्ड खरीदने और भुनाने की तारीख बतानी चाहिए थी.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईसी में अपलोड करने के लिए डेटा जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बॉन्ड नंबरों से पता चल सकेगा कि किस दानदाता ने किस पार्टी को चंदा दिया. अब मामले में अगली सुनवाई सोमवार को यानी कि 18 मार्च को होगी. पहले इस मामले पर आज ही सुनवाई होनी थी और इसकी लाइव स्ट्री मिंग भी की जानी थी. लेकिन अब सोमवार को मामले पर सुनवाई होगी,
किस कंपनी ने किस पार्टी को दिया कितना डोनेशन?

इलेक्टोरल बॉन्ड 1 लाख रुपये, 10 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये के खरीदे गए हैं. हालांकि, दी गई जानकारी में ये पता लगाने का कोई तरीका नहीं है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को डोनेशन दिया है. सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट  ने SBI को मंगलवार शाम तक इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा डेटा सौंपने को कहा था.
इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है। अदालत ने नोटिस जारी कर पूछा है कि बॉन्ड नंबरों का खुलासा क्यों नहीं किया। बैंक ने अल्फा न्यूमिरिक नंबर क्यों नहीं बताया। अदालत ने एसबीआई को बॉन्ड नंबर का खुलासा…

बिजनेस डेस्कः इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है। अदालत ने नोटिस जारी कर पूछा है कि बॉन्ड नंबरों का खुलासा क्यों नहीं किया। बैंक ने अल्फा न्यूमिरिक नंबर क्यों नहीं बताया। अदालत ने एसबीआई को बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया है।

अदालत का आदेश है कि सील कवर में रखा गया डेटा चुनाव आयोग को दिया जाए, क्योंकि उनको इसे अपलोड करना है। कोर्ट ने कहा कि ईसी में अपलोड करने के लिए डेटा जरूरी है। अब मामले में अगली सुनवाई सोमवार को यानी कि 18 मार्च को होगी।

चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को बॉन्ड नंबरों का खुलासा करने का आदेश दिया है. SBI से कहा गया है कि वे बॉन्ड के यूनिक नंबर भी सार्वजनिक करे. अदालत ने नोटिस जारी कर पूछा है कि बॉन्ड नंबरों का खुलासा क्यों नहीं किया. बैंक ने अल्फा न्यूमिरिक नंबर क्यों नहीं बताया. अदालत ने एसबीआई को बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बॉन्ड नंबरों से पता चल सकेगा कि किस डोनर ने किस पार्टी को चंदा दिया. अब मामले में अगली सुनवाई सोमवार को यानी कि 18 मार्च को होगी.  इन बड़ी कंपनियों ने राजनीतिक दलों को दिल खोलकर दिया चंदा, यहां देखें पूरी लिस्ट.

बता दें कि अभी SBI ने केवल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों की जानकारी और भुनाने वाली पार्टियों के नाम जारी किए हैं. इससे पता नहीं चल रहा है कि किसी कंपनी द्वारा खरीदे गए बॉन्ड को किस राजनीतिक पार्टी ने भुनाया है.

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (15 मार्च) को स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय स्टेट बैंक को बॉन्ड की खरीद और मोचन के संबंध में पहले ही बताए गए विवरणों के अलावा, चुनावी बांड संख्या का भी खुलासा करना होगा. अदालत का आदेश है कि सील कवर में रखा गया डेटा चुनाव आयोग को दिया जाए, क्योंकि उनको इसे अपलोड करना है. कोर्ट ने कहा कि ईसी में अपलोड करने के लिए डेटा जरूरी है.

 

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