Sacrificial tradition will end in this famous temple, devotees should fulfill their wishes before Kartik Krishna Pratipada.
छत्तीसगढ़ के पूर्वांचल में स्थित विख्यात चंद्रपुर के चंद्रहासिनी मंदिर में बलि प्रथा पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है । मंदिर के न्यासियों ने जनभावना और मानवीय संवेदना को ध्यान में रखते हुए पशु बलि की कुरीति पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। प्रतिबंध 18/10/2024 कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से प्रभावी हो जायेगा । ज्ञात हो कि सदियों से चली आ रही पशु बलि के विरुद्ध समाज के विज्ञ एवं प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा , मंदिर के सेवादारों एवं श्रद्धालुओं द्वारा समय समय पर मंदिर प्रबंधन के समक्ष आपत्तियां प्रतुत की जाती रही हैं। व्यक्तिगत रूप से भी और कई संगठनों द्वारा भी बलि प्रथा की कुरीति पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया जाता रहा है । चंद्रहासिनी मंदिर प्रबंधन ने इस संबंध में उक्त तिथि के पूर्व श्रद्धालुओं से मनौती संबंधी विधान पूर्ण कर लेने का निवेदन किया है । चंद्रहासिनी मंदिर प्रबंधन के इस निर्णय का व्यापक स्तर पर स्वागत और समर्थन किया गया है । बलि प्रथा के आलोचकों ने इस निर्णय के लिए मंदिर प्रबंधन का साधुवाद करते हुए आशा व्यक्त की है कि छत्तीसगढ़ के सभी मंदिर इस निर्णय का अनुकरण करते हुए बलि प्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त करें ।