Biography of Anusha Pillai…Journey from engineering to UPSC Collector came to congratulate
रायपुर। UPSC के लिए चयनित अनुषा पिल्ले ने रायपुर के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (NIT) से Metallurgy Engineeg में डिग्री हासिल की हैं। 2021 में उन्होंने पहली बार spring में डिग्री हासिल की और 2023 में यूपीएससी मेन्स में 202वीं रैंक हासिल की। अनुषा, आईपीएस रहे संजय पिल्ले और एसीएस रेणु पिल्ले की बेटी हैं।
कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सुश्री अनुषा पिल्ले के चयनित होने पर उनके घर पहुँचकर बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
यू पी एस सी द्वारा घोषित 2024 के परिणाम में अनुषा पिल्ले ने 202वीं रैंक हासिल की है। अनुषा सेवा निवृत्त डीजी संजय पिल्ले एवं अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले की सुपुत्री है।
इस अवसर पर नगर निगम के आयुक्त अबिनाश मिश्रा एवं जिला पंचायत के सीईओ विश्वदीप एडीएम देवेन्द्र पटेल उपस्थित थे।
यूपीएससी मेन्स-2023 का परिणाम जारी हो चुका है। परीक्षा में इस बार छत्तीसगढ़ के दो प्रतिभागियों ने स्थान बनाने में कामयाबी हासिल की है। इनमें से अनुषा पिल्ले ने 202 रैंक और शिवम कुमार सिंह ने 637 रैंक हासिल किया है।
अनुषा पिल्ले छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस रेणु पिल्ले और आईपीएस संजय पिल्ले की बेटी हैं। अनुषा के भाई अक्षय पिल्ले ने 2021 यूपीएससी 51 रैंक हासिल किया था। वर्तमान में अक्षय पिल्लै उड़ीसा कैडर के आईएएस अफसर हैं।
NIT से बीटेक किया है
अनुषा बचपन से ही काफी मेधावी रही है। वो बताती है कि 10वीं में उन्हें 96% नंबर मिले थे, हालांकि 12वीं में वो थोड़ा घट गया, उन्हें 93%अंक मिले। इसके बाद वो JEE की तैयारी की और फिर उनका सेलेक्शन NIT रायपुर में हो गया। रायपुर NIT से उन्होंने धातुकर्म (Metallurgy Engineer) में डिग्री हासिल की।
पहले प्रयास में प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं, दूसरे प्रयास में बनेगी IPS
अनुषा कहती है कि इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद उन्होंने एक साल तक तैयारी की। 2022 में उन्होंने पहला अटेम्प दिया, लेकिन दुर्भाग्य वो प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर सकी। इस नाकामी ने अनुषा को इतना मजबूत बनाया कि, वो हर बाधा को तोड़ती हुई चली गयी। अनुषा यहां अन्य अभ्यर्थियों को सलाह भी देती है, वो कहती है कि अभ्यर्थी यहां जल्दबाजी कर जाते हैं। मेरा मानना है कि ग्रेजुएशन के बाद तैयारी के लिए खुद को समय देना चाहिये। कम से कम एक से दो साल..लेकिन कई ऐसे अभ्यर्थी भी होते हैं, जो जल्दबाजी में बिना सिलेबस पूरा हुए ही एग्जाम देते हैं। मैंने हालांकि 1 साल दिया था, लेकिन फिर भी मेरा प्रीलिम्स नहीं हुआ। इसके बाद मैंने मेहनत की और देखिये आज रिजल्ट आपके सामने हैं।
सोशल मीडिया से रखा खुद को दूर
अनुषा बताती है कि वो स्कूल-कालेज में भी सोशल मीडिया से दूर रहती थी। उनका कोई इंस्टा-फेसबुक का एकाउंट नहीं है। शायद कामयाबी की ये एक वजह भी है, कि मैंने खुद को फोकस अपने लक्ष्य पर रखा। अनुषा बताती है कि 8-9 घंटे की रूटिन पढ़ाई करती थी, हालांकि एग्जाम टाइमिंग में उनका ये ड्यूरेशन बढ़ जाता था। ये पूछे जाने पर दूसरों को यूपीएससी में 7-8 साल का वक्त लग जाता है, ऐसा नहीं लगता कि आपको कामयाबी काफी जल्दी मिल गयी। अनुषा कहती है कि, ये बात सही है कि मुझे कामयाबी जल्दी मिली, लेकिन अगर मन में ठान ले, तो फिर कामयाबी मिल ही जाती है।
स्कूल में बैडमिंटन में नेशनल खेल चुकी है अनुषा
अनुषा पिल्ले को बैडमिंटन का बेहद शौक है। वो हर दिन कम से कम 1 घंटे बैडमिंटन खेलती है। अनुषा कहती है कि बैडमिंटन से मेरा फिटनेस भी होता है और मेरा शौक भी पूरा होता है। स्कूल में बैडमिंटन में वो स्टेट भी खेल चुकी है। हालांकि इंजीनियरिंग के बाद वो स्टडी पर फोकस हो गयी।
अनुषा ने खुद से तैयारी कर हासिल की कामयाबी
UPSC के लिए लोग कहां-कहां जाकर तैयारी नहीं करते हैं, लेकिन अनुषा ने खुद अपने दम पर कामयाबी हासिल की। उन्होंने ऑनलाइन क्लासेस जरूर ली, लेकिन बाकी की पूरी तैयारी सेल्फ स्टडी से की। अनुषा कहती है कि उन्होंने रायपुर में रहते हुए ही पूरी तैयारी की और कामयाबी हासिल की, मुझे इसकी काफी खुशी है।
अनुषा IPS से खुश, लेकिन बेहतर रैंक के लिए करेगी प्रयास
अनुषा कहती है कि वो यूं तो IPS से खुश हैं, लेकिन फिर भी वो आगे प्रयास करेगी, कि उनका रैंक बेहतर हो। ये पूछे जाने पर पापा की वर्दी ज्यादा प्रभावित करती है या फिर मां का एडमिनिस्ट्रेटिव वर्क…हंसते हुए अनुषा कहती है, दोनों…..हालांकि वो जरूर कहती है कि वर्दी का अलग क्रेज है, उससे प्रभावित हुए बिना कोई नहीं रह सकता। अनुषा ने होम कैडर का प्रीफ्रिरेंस में रखा है, लेकिन वो ये जरूर कहती है कि देखना होगा उन्हें कैडर क्या मिलता है। अगर होम कैडर मिल गया तो काफी अच्छा रहेगा।
इंटरव्यू में छत्तीसगढ़ से रिलेटेड सवाल पूछे
अनुषा से nwnews24 की टीम ने पूछा, कि आखिर इंटरव्यू को लेकर अभ्यर्थी के मन में इतना खौफ क्यों होता है। अनुषा कहती है कि खौफ जैसी बात नहीं है, आपको बस खुद पर आत्मविश्वास बनाये रखना आना चाहिये। आप पैनल के सवाल को टू द प्वाइंट जवाब दीजिये। अपनी बातों को अच्छे से रखने की कला आनी चाहिये। ये पूछे जाने पर आपकी कुछ इंटरव्यू से जुड़ी यादें हो आपकी तो हमारे लिए बतायें… जवाब में अनुषा बोलती है कि उन्हें छत्तीसगढ़ से रिलेटेड ज्यादा सवाल पूछा गया था। छत्तीसगढ़ में ट्राइबल, प्रोवर्टी के अलावे मेरे इंजीनियिंग के सबजेक्ट से जुड़े कुछ सवाल थे। भिलाई स्टील प्लांट और नगरनार के बारे में पूछा गया। हॉबी में मैने बुक के बारे में लिखा था, तो मुझे किताबों के बारे में पूछा। कुल मिलाकर पैनल काफी सपोर्टिंव था और मैंने अच्छे से सभी का जवाब भी दिया।