The photo of Sanwar, not the pond, remains in the headlines.
सतीश शुक्ला लैलूंगा
जुनाडीह में स्थित झोझामुड़ा तलाब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही
लैलूंगा @ नगर पंचायत लैलूंगा के वार्ड नं 02 व 03 में स्थित झोझामुड़ा तलाब आज तक अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है भाजपा सरकार से ही इस तलाब की कायाकल्प के लिए वार्ड वासियों ने कई बार गुहार लगाते रहे सरकार चले गई कांग्रेस के सरकार बनने के बाद भी प्रयास किया गया परंतु कायाकल्प के नाम पर खाना पूर्ति की गई अब पुनः प्रदेश में भाजपा की सरकार है। वार्ड वासियों का एक बार फिर उम्मीद जाग उठी हैं की सुर्खियां बटोर चुकी झोझा मुड़ा तलाब का कायाकल्प हो सके ज्ञातव्य हो की प्राचीन तलाब प्रशासनिक स्वीकृति के अभाव में जिर्णोद्वार को तरसते हुए दिन प्रतिदिन अपना अस्तित्व खोने की कगार पर पहुंच रहे हैं वहीं दूसरी और नगर पंचायत लैलूंगा में सरोवर धरोहर योजना के अंतर्गत नगर के प्राचीन
तालाबों को सहेजने के नाम पर प्रशासन द्वारा लाखों रुपए की स्वीकृति किए जाने के बाद भी नगर पंचायत लैलूंगा के विभाग के अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत और फर्जी बिल वाउचर के जरिए से स्वीकृत राशि का आहरण कर कागजों में ही तालाबों को कायाकल्प कर दिया गया है इसकी बानगी नगर के प्राचीनतम तलाबो में शुमार झोझा मुड़ा तलाब में देखी जा सकती है जहां विगत वर्षों लगभग ₹ 11 लाख की स्वीकृति के बाउजूद सम्बंधित तालाबों को सहजने की दिशा में कोई काम नहीं हुआ और इधर स्वीकृति राशि की पूरी तरह बंदरबांट कर तालाबों को कागजों में ही चुस्त दुरुस्त किया जा चुका है गौरतलब है कि विगत वर्षों में भाजपा शासनकाल के दौरान आपको बता दे जुनाडीह झोझामुड़ा तलाब के जीर्णोद्धार सौंदर्यीकरण के नाम पर 11 लाख की स्वीकृति के बाद कुछ दिन काम कराकर पूरी राशि को भरष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया जबकि आज के स्थिति तालाब जलकुम्भी से पूरी तरह ढक चुका है। लगभग 15 सालो से उपेक्षा दंस झेल रही झोझा मुड़ा तलाब पर अब तक किसी जनप्रतिनिधि एवं नगर प्रशासन का नजर नही पड़ा है जुनाडीह मोहल्ले वाले सहित इंदिरा नगर,नावापारा,गांधी नगर हाई स्कूल पारा के रहवासियों के लिए एक मात्र निस्तारी का साधन है वार्ड वासियों को दशकर्म,छट्टी,धार्मिक अनुष्ठान में तलाब का अधिक उपयोगी साबित होता है। परंतु आज तक इस तलाब को किसी नेताओ ने कायाकल्प नही कराया अब देखेने वाली बात यह होगी कि वर्तमान सरकार भ्रस्टाचार करने के लिए अधिकारी पर मेहरबान रहते है या प्राचीन तलाबो का कायाकल्प किया जाता है ।