Home Blog सिंगापुर-हांगकांग दो देशों में बैन, भारत में भी जांच शुरू लोगों से...

सिंगापुर-हांगकांग दो देशों में बैन, भारत में भी जांच शुरू लोगों से इस्तेमाल न करने की अपील, MDH और Everest मसाले क्या इससे कैंसर का खतरा? जानें पूरा मामला

0

Singapore-Hong Kong banned in two countries, investigation started in India too, appeal to people not to use MDH and Everest spices, is there risk of cancer? Know the whole matter

भारत के लगभग हर घर में MDH और एवरेस्ट के मसालों का इस्तेमाल होता है. लेकिन इसके मसालों ( MDH And Everest Spiec Ban) के सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में बैन कर दिया गया है. इनके चार मसालों को दोनों देशों ने बैन किया है. अब भारत में भी MDH और एवरेस्ट के मसालों पर बैन होने की तलवार लटक रही है. जानकारी के अनुसार, खाद्य सुरक्षा नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एमडीएच(MDH) और एवरेस्ट(Everest) सहित सभी ब्रांडों के मसालों के पाउडर के नमूने लेने शुरू कर दिए हैं.

हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में बैन

एक रिपोर्ट के अनुसार, एवरेस्ट और एमडीएच के चार मसालों में पेस्टिसाइट एथिलीन ऑक्साइड और कीटनाशक है. जिससे कैंसर होने का खतरा बना रहता है . इसलिए हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में बैन कर दिए गए हैं.

FSSAI करेगी मसालों की जांच

जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत काम करने वाले FSSAI घरेलू बाजार में बेचे जाने वाले मसालों की गुणवत्ता की जांच करेगा. वहीं देश के सभी खाद्य आयुक्तों को इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है. सभी मसालों के नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. सिर्फ एमडीएच (MDH) और एवरेस्ट (Everest) ही नहीं बल्कि सभी मसाला कंपनियों से नमूने लिए जाएंगे और इसकी जांच की जाएगी. गभग 20 दिनों में रिपोर्ट लैब से रिपोर्ट आ जाएगी

MDH और Everest के मसालों में पाए गए एथिलीन ऑक्साइड

दरअसल, हांगकांग सरकार के सेंटर फॉर फूड सेफ्टी (CFS) ने भारतीय मसालों की टेस्टिंग की थी. जिसमे उन्होंने भारतीय ब्रैंड MDH के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और एवेरेस्ट फिश करी पाउडर में हानिकारक तत्व पाया. मसालों में कार्सिनोजेनिक कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड होने की बात कही थी. यह कीटनाशक कैंसर उत्पन्न करता है. इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने एथिलीन ऑक्साइड को ग्रुप 1 कार्सिनोजेन के रूप में क्लासिफाई किया है. जिसके बाद CFS ने MDH प्राइवेट लिमिटेड और Everest फूड प्रोडक्ट्स लिमिटेड के मसालों पर रोक लगाने का आदेश दिया. साथ ही इन उत्पादों को न खरीदने और व्यापारियों से नहीं बेचने को कहा है.

खाद्य सुरक्षा केंद्र के आदेश के बाद हांगकांग और सिंगापुर ने MDH और Everest के मसालों पर बैन लगा दिया. साथ ही अपने नागरिकों से इन मसालों का इस्तेमाल न करने की सलाह दी. सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने ऐसे मसालों को वापस लेने का निर्देश दिया है. बता दें एमडीएच का मद्रास करी पाउडर, एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच सांभर मसाला मिक्स और एमडीएच करी पाउडर मिक्स मसाला पर रोक लगी है.

भारत में होगी मसालों की जांच

हांगकांग और सिंगापुर में मसालों पर बैन लगने के बाद अब भारत में भी केंद्र सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं. फूड सेफ्टी रेग्युलेटर ‘भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण’ (FSSAI) ने मसालों की जांच कर रही है. इतना ही नहीं एमडीएच और एवरेस्ट मसालों की भी जांच की जा रही है. कंपनियों के प्रोडक्शन यूनिट से सैंपल लिए जाएंगे. केंद्र सरकार का कहना है यदि मसालों में हानिकारक तत्त्व पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी .

भारत सरकार ने सभी मसालों की जांच के आदेश दिए

सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में मसालों को लेकर विवाद के बाद भारत सरकार ने भी फूड कमिश्नर्स से सभी कंपनियों के मसालों का सैंपल कलेक्ट करने को कहा है। सूत्रों ने कहा कि देश के सभी फूड कमिश्नर्स को इस मामले को लेकर अलर्ट कर दिया गया है।
मसालों के सैंपल कलेक्शन की प्रोसेस शुरू कर दी गई है। तीन से चार दिनों में MDH और एवरेस्ट समेत देश की सभी कंपनियों की मसाला मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से सैंपल्स कलेक्ट कर लिए जाएंगे। इनकी लैब रिपोर्ट करीब 20 दिनों में आएगी।​​​​​​​​​​​​​​

हानिकारक तत्व होने पर कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी

भारत में फूड आइटम्स में एथिलीन ऑक्साइड के इस्तेमाल पर बैन है। भारतीय मसालों में हानिकारक तत्व पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आपराधिक कार्यवाही का भी प्रावधान है। सरकार ने मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के तहत स्पाइस बोर्ड से अपील की है कि वह जागरूकता फैलाए कि उत्पादों में कोई हानिकारक तत्व नहीं मिलाया जाना चाहिए।

पहले भी होती रही है सैंपलों की टेस्टिंग, इस बार ज्यादा सैंपल कलेक्ट करेंगे
सूत्रों ने ये भी कहा कि वे हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर की घटनाओं से पहले भी सैंपलों की टेस्टिंग कर रहे थे। दावा किया कि अब तक भारतीय बाजार में उपलब्ध विभिन्न ब्रांडों के मसालों में कोई हानिकारक तत्व नहीं पाए गए हैं। यह सैंपल लेने की एक सतत प्रक्रिया है। इस बार हम पहले जो भी सैंपल ले रहे थे, उससे कहीं अधिक तेजी और अधिक संख्या में सैंपल लेंगे।

कीटनाशक है एथिलीन ऑक्साइड, इससे कैंसर का खतरा

स्पाइस बोर्ड एथिलीन ऑक्साइड को 10.7 सेल्सियस से ऊपर के तापमान पर ज्वलनशील, रंगहीन गैस के रूप में परिभाषित करता है। यह कीटाणुनाशक, स्टरलाइजिंग एजेंट और कीटनाशक के रूप में काम करता है। इसका इस्तेमाल चिकित्सा उपकरणों को स्टरलाइज करने और मसालों में माइक्रोबियल कंटेमिनेशन को कम करने के लिए किया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) एथिलीन ऑक्साइड को ‘ग्रुप 1 कार्सिनोजेन’ के रूप में वर्गीकृत करती है। यानी यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि यह मनुष्यों में कैंसर का कारण बन सकता है। एथिलीन ऑक्साइड से लिम्फोमा और ल्यूकेमिया जैसे कैंसर हो सकते हैं। पेट और स्तन कैंसर भी हो सकता है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here