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अमेरिका ने 31% फीसदी मसाले लौटाए, मसालों पर मुसीबत, हांगकांग-सिंगापुर और भी कई देशों में MDH-Everest की मुश्किलें बढ़ी

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America returned 31% of spices, trouble on spices, problems of MDH-Everest increased in Hong Kong-Singapore and many other countries.

भारतीय मसाला निर्माताओं एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ उत्पादों पर लगातार चिंताएं जताई जा रही हैं. इस बीच इन चिंताओं के कारण साल्मोनेला संदूषण के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका में महाशियान दी हट्टी (MDH) प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्यात किए गए मसाले से संबंधित शिपमेंट के लिए इनकार दरों में वृद्धि दर्ज की गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह महीनों में, अमेरिकी सीमा शुल्क अधिकारियों ने MDH के 31% मसाला शिपमेंट को अस्वीकार कर दिया, जबकि पिछले साल यह 15% था. साल्मोनेला संदूषण पर इनकार की दर में वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब सिंगापुर और हांगकांग दोनों ने मसाला मिश्रणों में कथित कार्सिनोजेनिक कीटनाशक पाए जाने पर एमडीएच और एवरेस्ट फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की कुछ वस्तुओं की बिक्री निलंबित कर दी थी.

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रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) MDH और एवरेस्ट उत्पादों पर जानकारी इकट्ठा कर रहा है. FDA के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को रॉयटर्स को बताया, “FDA रिपोर्टों से अवगत है और स्थिति के बारे में अतिरिक्त जानकारी इकट्ठा कर रहा है.” हांगकांग और सिंगापुर के कदमों के बाद भारत में दो सबसे लोकप्रिय मसाला ब्रांड भी गुणवत्ता मानकों के लिए भारतीय नियामक की जांच के दायरे में हैं.

भारत में उद्योग नियामक, मसाला बोर्ड ने मसाला निर्माताओं MDH और एवरेस्ट के कुछ उत्पादों में कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशकों की रिपोर्ट सामने आने के बाद गुणवत्ता मानकों के अनुपालन के लिए उनकी सुविधाओं का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है. बोर्ड ने बुधवार को कहा कि उसने हांगकांग और सिंगापुर में संबंधित अधिकारियों से एमडीएच और एवरेस्ट निर्यात पर डेटा मांगा था और इस मुद्दे का “मूल कारण” खोजने के लिए कंपनियों के साथ काम कर रहा था.

आखिर क्यों हांगकांग-सिंगापुर में बिक्री पर रोक?

गौरतलब है कि पहले हांगकांग में MDH के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और करी पाउडर पर खतरनाक कीटनाशकों के इस्तेमाल की बात कहते हुए बिक्री पर रोक लगाई गई थी, इसके बाद Everest Brand के एक प्रोडक्ट की सेल भी रोक दी गई थी. इनमें एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स में कीटनाशक के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले एथिलीन ऑक्साइड को मिलाने की बात कही गई थी, जिससे कैंसर का खतरा होता है.
हांगकांग के बाद सिंगापुर ने भी इन दोनों कंपनियों के मसाला ब्रांड्स को राडार पर ले लिया. दोनों देशों की ओर से दावा किया गया था कि उन्होंने कई मसाला मिश्रणों में कार्सिनोजेनिक कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की उपस्थिति का पता लगाया है.

अमेरिका की FDA ने भी शुरू की जांच

हांगकांग और सिंगापुर के बाद अब अमेरिका भी इन मसाला ब्रांड्स को लेकर अलर्ट मोड में आ गया है. यही नहीं मालद्वीव ने भी इन मासालों की बिक्री पर रोक लगा दी है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने MDH और Everest मसालों में इस तरह के कीटनाशक के इस्तेमाल का पता लगाने के लिए अपनी जांच शुरू कर दी है. रिपोर्ट में एफडीए प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि इन मासलों में केमिकल के इस्तेमाल की रिपोर्ट्स के बाद वह मामले में जानकारी जुटा रहे हैं.

MDH ने कहा- ये आरोप निराधार

एक ओर जहां एक के बाद एक देशों में इन दो भारतीय मसाला ब्रांड्स की मुश्किलें बढ़ रही हैं, तो वहीं इस तरह के आरोपों को एमडीएच और एवेरेस्ट की ओर से निराधार करार दिया गया है. MDH एमडीएच ने अपने प्रोडक्ट्स में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल के इस्तेमाल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ये दावे पूरी तरह से निराधार-झूठे हैं और इनका कोई ठोस सबूत नहीं है.
इससे पहले Everest की ओर से कहा गया था कि उसके मसाले सुरक्षित हैं और इनका का निर्यात भारत के मसाला बोर्ड की लैब्स से जरूरी मंजूरी और अनुमोदन मिलमने के बाद ही किया जाता है.

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