Sapna Gill accused of molestation, court sent summons, big trouble for Prithvi Shaw playing IPL
मुंबई की एक सत्र अदालत ने मंगलवार को सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर सपना गिल की याचिका पर क्रिकेटर पृथ्वी शॉ को समन जारी किया, जिसमें उन्होंने क्रिकेटर के खिलाफ अपनी शिकायत के संबंध में एक मजिस्ट्रेट के आदेशों को चुनौती दी है. अंधेरी की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने इस महीने की शुरुआत में गिल की याचिका पर उस घटना को लेकर पुलिस जांच का आदेश दिया था, जिसमें एक पब में कथित तौर पर उसके साथ छेड़छाड़ करने के लिए शॉ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी.
हालांकि, अदालत ने गिल की एक अन्य याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें शॉ और उसके दोस्त के खिलाफ उनकी शिकायत पर मामला दर्ज करने में विफल रहने के लिए पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. दोनों आदेशों से असंतुष्ट होकर, सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर ने यहां मलाड की एक सत्र अदालत के समक्ष एक समीक्षा आवेदन दायर किया है. पृथ्वी शॉ इस वक्त इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजी टीम दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा हैं.
वकील अली काशिफ खान के माध्यम से दायर गिल के समीक्षा आवेदन में दावा किया गया है कि 3 अप्रैल को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश अनियमित और अवैध है और अदालत ने इसे पारित करने में “गंभीर गलती” की है. मंगलवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी जी ढोबले ने शॉ को समन जारी किया. अदालत ने यहां हवाईअड्डा पुलिस को भी समन जारी किया, जिसने गिल के पहली बार संपर्क करने पर मामला दर्ज नहीं किया था.
बाद में पुलिस द्वारा क्रिकेटर के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करने पर उसने मजिस्ट्रेट अदालत का रुख किया. गिल ने अपनी शिकायत में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (छेड़छाड़), 509 (शब्द, इशारा या किसी महिला की गरिमा का अपमान करने का इरादा) और 324 (जानबूझकर खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. शॉ और उसके दोस्त आशीष यादव पर कथित तौर पर बल्ले से हमला करने का आरोप है.
पुलिस जांच का आदेश, बढ़ी गिरफ्तारी की मांग
अंधेरी की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने इस महीने की शुरुआत में गिल की याचिका पर पुलिस जांच का आदेश दिया था। वकील अली काशिफ खान के माध्यम से दायर गिल के समीक्षा आवेदन में दावा किया गया है कि 3 अप्रैल को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश अनियमित और अवैध है और अदालत ने इसे पारित करने में ‘गंभीर गलती’ की है।
6 जून को होगी अगली सुनवाई
मंगलवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी जी ढोबले ने शॉ को समन जारी किया। अदालत ने यहां हवाईअड्डा पुलिस को भी समन जारी किया, जिसने गिल के पहली बार संपर्क करने पर मामला दर्ज नहीं किया था। मामले की अगली सुनवाई 6 जून को होगी।
मारपीट का भी है मामला
गिल को फरवरी 2023 में एक होटल में सेल्फी लेने को लेकर हुई बहस के बाद शॉ पर हुए हमले के सिलसिले में कुछ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। मामले में जमानत मिलने के बाद गिल ने शॉ, उसके दोस्त आशीष यादव और अन्य के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत लेकर अंधेरी के हवाईअड्डा पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया था।
बल्ले से हुआ था हमला
बाद में पुलिस द्वारा क्रिकेटर के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करने पर उसने मजिस्ट्रेट अदालत का रुख किया। गिल ने अपनी शिकायत में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (छेड़छाड़), 509 (शब्द, इशारा या किसी महिला की गरिमा का अपमान करने का इरादा) और 324 (जानबूझकर खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। शॉ और उसके दोस्त आशीष यादव पर कथित तौर पर बल्ले से हमला करने का आरोप है।