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आज 50 देशों में फैला है 20 तरह का कारोबार, ताले से शुरू हुआ अंतरिक्ष तक पहुंचा, ऐसा रहा 127 साल पुराने गोदरेज का सफर

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Today 20 types of businesses are spread in 50 countries, it started from a lock and reached space, this was the journey of 127 year old Godrej.

हमने अक्सर गोदरेज (Godrej) के प्रोडक्ट को खरीदा या फिर उसका विज्ञापन देखा होगा। आज दुनिया में गोदरेज ग्रुप का कारोबार काफी मशहूर है। फर्नीचर,ताले, रियल एस्टेट, केमिकल, जनरल और हेवी इंजीनियरिंग, होम एवं पर्सनल केयर, इन्फ्रा-लॉजिस्टिक, पावर से लेकर एनर्जी तक गोदरेज ग्रुप का व्यापार फैला हुआ है।
देश के इतने बड़े व्यापार करने वाला ग्रुप एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, ग्रुप के बंटवारे पर परिवार द्वारा मंजूरी मिल गई है। आइए, जानते हैं कि विश्व में जानेमाने गोदरेज ग्रुप की शुरुआत कैसे हुई थी।

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कब शुरू हुआ था गोदरेज ग्रुप

गोदरेज ग्रुप की स्थापना अर्देशिर गोदरेज ने की। वह पेशे से वकील थे, लेकिन उन्होंने वर्ष 1897 में वकालत छोड़कर ताला बनाने का कारोबार शुरू किया था। इससे पहले उन्होंने सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट का कारोबार शुरू किया था जो फ्लॉप हो गया।
19वीं सदी में भारत में इंग्लैंड से ताले आते थे। इन तालों में एक स्प्रिंग होती थी जो टूट जाती थी। इस कमी की पहचान करने के बाद अर्देशिर गोदरेज ने ताला बनाना शुरू किया था। उनके द्वारा बनाए गए तालों की खास बात यह थी कि यह इंग्लैंड से आने वाले ताले से सस्ता होता था और मजबूत भी होता है। ताले के बिजनेस में तेजी आने के बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

शुरू किया स्वदेशी साबुन का बिजनेस

अर्देशिर गोदरेज स्वतंत्रता संग्राम के समर्थक थे। उन्होंने स्वदेशी आंदोलन से प्रेरित होकर छवि नाम से साबुन लॉन्च किया। माना जाता है कि यह दुनिया का पहला वेजिटेबल साबुन है जिसमें जानवरों के फैट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इस तरह के स्वदेशी प्रोडक्ट बनाने के लिए उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों जैसे महात्मा गांधी और एनी बेसेंट से तारीफ भी मिली।

1923 में शुरू हुआ लॉकर का बिजनेस

वर्ष 1923 तक में बाजार में गोदरेज को लोकप्रियता मिल गई थी। इस समय देश में चोरी के मामलों में तेजी देखने को मिली, जिसको को समझते हुए अर्देशिर गोदरेज ने अलमारी बनाना शुरू कर दिया है। वह अलमारी में लॉकर भी बनाते थे। लॉकर वाली अलमारी लोगों को काफी पसंद आई और गोदरेज का लॉकर हिट हो गया।
जब देश आजाद हुआ तब कई कंपनियों के कारोबार में तेजी देखने को मिली । इन कंपनियों में से एक गोदरेज भी था। वर्ष 1951 में देश में आम चुनाव होने वाले थे। इस चुनाव के लिए मतपेटियों बनाने का ऑर्डर गोदरेज को मिला। गोदरेज ग्रुप ने इस चुनाव के लिए 17 लाख मतपेटियां बनाई थी।
गोदरेज ने ताले से शुरू हुए कारोबार को आगे बढ़ाना जारी रखा। कंपनी ने धीरे-धीरे फ्रिज, रियल एस्टेट, एग्रीकल्चर, रिटेल और स्पेस सेक्टर में पैर जमाना शुरू किया। कंपनी ने इन सभी सेक्टर में खूब तरक्की हासिल की है। वर्ष 2028 में चंद्रयान मिशन के लिए कई उपकरण की मैन्यूफैक्चरिंग गोदरेज ग्रुप द्वारा की गई।
वर्तमान में गोदरेज ग्रुप दुनिया के 50 देशों में बिजनेस कर रहा है। आज कंपनी के 20 से ज्यादा तरह के कारोबार हैं।

अखबार पढ़ते-पढ़ते आया आइडिया

सर्जिकल ब्‍लेड बनाने का बिजनेस न चल पाने के बाद भी आर्देशिर गोदरेज कई दिन तक खाली बैठे रहे. दरअसल, उनका बिजनेस न चल पाने में अंग्रेजी हुकूमत का बड़ा हाथ था. गोदरेज अपने प्रोडक्‍ट पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखना चाहते थे जिसके लिए अंग्रेज राजी नहीं थे.
एक दिन आर्देशिर गोदरेज की नजर अखबार पढ़ते हुए एक खबर गई. ये खबर बंबई में चोरी की घटनाओं से जुड़ी थी. बंबई के पुलिस कमिश्नर ने लोगों को अपने घर और दफ्तर की सुरक्षा बेहतर करने के लिए कहा था. यही खबर पढ़कर आर्देशिर के दिमाग में ताले बनाने का आइडिया आया. ऐसा नहीं है कि उस वक्त ताले नहीं थे. लेकिन वे मजबूत नहीं थे.

कर्ज ले शुरू किया काम

आर्देशिर ने कर्ज लेकर बॉम्बे गैस वर्क्स के बगल में एक गोदाम खोला और वहां ताले बनाने का काम शुरू कर दिया. इसके साथ ही साल 1897 में जन्म हुआ ‘गोदरेज’ कंपनी का. कुछ समय बाद उनके छोटे भाई पिरोजशा भी इस व्यवसाय में शामिल हुए और उन्हें गोदरेज ब्रदर्स के नाम से जाना जाने लगा. गोदरेज ने खूब मजबूत ताले बनाए, जो कुछ समय में ही मार्केट में हिट हो गए.

1918 में बनाया वेजिटेबल ऑयल शॉप

आर्देशिर गोदरेज ताला बनाने के काम तक ही सीमित नहीं रहे. साल 1918 में उन्‍होंने दुनिया का पहला वेजिटेबल ऑयल शॉप बनाया. इसका नाम छवि रखा. यह दुनिया का ऐनिमल फैट के बिना बनाए जाने वाला पहला पहला साबुन था. साल 1923 में गोदरेज ने फर्नीचर बिजनेस में कदम रखा. गोदरेज का यह बिजनेस इतना बहुत कामयाब हुआ और कुछ ही वर्षों में गोदरेज फर्नीचर भारत में घर-घर पहचाने जाने वाला ब्रांड बन गया. साल 1951 में पहले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच गोदरेज ने 17 लाख बैलट बॉक्स तैयार किए. साल 1952 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गोदरेज ने नहाने के लिए सिंथॉल साबुन लांच किया.

फ्रिज बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी

गोदरेज ने साल 1958 में फ्रिज बनाने की शुरुआत की. गोदरेज भारत की फ्रिज बनाने वाली पहली कंपनी थी. साल 1974 में Godrej ने बालों को कलर करने वाला डाई पेश किया. 1990 के दशक में गोदरेज ने रियल एस्टेट बिजनेस में कदम रखा. साल 1991 में गोदरेज ने खेती से जुड़े कारोबार की शुरुआत की. साल 2008 में गोदरेज ने चंद्रयान-1 के लिए लॉन्च व्हीकल और लूनर आर्बिटर तैयार किए.

 

 

 

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