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चंडीगढ़ प्रशासन से मांगा जवाब,सीएम आवास के सामने की सड़क को आम जनता के लिए का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट आदेश पर लगाई रोक

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Answer sought from Chandigarh administration, issue of making road in front of CM residence open to general public, Supreme Court stays order

मुख्यमंत्री भगवंत मान के सरकारी आवास के सामने की सड़क को आम जनता के लिए खोले जाने की मांग को लेकर पंजाब सरकार अब सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. बता दें कि राज्य सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. आज इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी.

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आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने पिछले दिनों चंडीगढ़ पुलिस को 1 मई से ट्रॉयल के आधार पर पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास के सामने के रोड के एक हिस्से को आम आदमी के लिए खोलने का निर्देश दिया था. ताकि भीड़ को कम किया जा सके. पिछले महीने की 22 तारीख को हाईकोर्ट ने कहा था कि सड़क को शुरुआत में कार्य दिवसों पर सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खोला जाना चाहिए.

हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में यातायात व्यवस्था और बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों पर स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए थे. हाईकोर्ट ने पहले कहा था कि 1980 के दशक में आतंकवाद के समय सड़क बंद कर दी गई थी और तब से चीजें बदल गई हैं. कोर्ट ने लोगों को ही रही असुविधा को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन से पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास के सामने बंद सड़क के मुद्दे पर पुनर्विचार करने को कहा था.

चंडीगढ़ प्रशासन से मांगा जवाब

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार दोनों ने सड़क खोलने का विरोध किया है।
यह सड़क खतरे की आशंका को देखते हुए साल 1980 के दशक में बंद कर दी गई थी और अब तक बंद है। पीठ ने पंजाब सरकार द्वारा दायर याचिका पर केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासन को नोटिस जारी कर 2 सितंबर तक जवाब भी मांगा है।
उच्च न्यायालय के निर्देश द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन को ट्रायल के आधार पर एक मई से सेक्टर-2 में मुख्यमंत्री (CM Bhhagwant Mann) के आवास के सामने की सड़क को जनता के लिए खोलने के लिए कहा गया था। जिसके बाद पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज कर आदेश को चुनौती दी।

साल 1980 के दशक से बंद है सड़क

बता दें कि यह सड़क आम जनता के लिए 1980 के दशक में बंद कर दी गई थी। हाई कोर्ट ने 22 अप्रैल को आदेश में कहा था कि सुखना झील को चंडीगढ़ के नयागांव से जोड़ने वाली पांच सौ मीटर की सड़क को शुरुआत में (ट्रायल के आधार पर) कार्य दिवसों पर सुबह सात बजे से लेकर शाम सात बजे तक खोला जाए ताकि सड़क पर भीड़ और यातायात को मैनेज किया जा सके। सड़क बंद होने के बाद से नयागांव और सुखना लेक के बीच आवाजाही करने वाले लोगों को शहर के निकटवर्ती सेक्टरों से होकर लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है।

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