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नारायणपुर में कांग्रेस के दबंग नेता विक्रम बैस की गोली मार की गई हत्या

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नारायणपुर बखरुपारा में अज्ञात लोगों ने की हत्या, मौके पर पहुँची पुलिस, बीच मौहल्ले में मारी गोली

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ब्लाक काँग्रेस उपाध्यक्ष एवं मालक परिवहन संघ के सचिव पद पर थे विक्रम बैस, अज्ञात लोगों ने मारी तीन गोली

नारायणपुर – जिला मुख्यालय नारायणपुर में सोमवार रात्री 10.30 के मध्य नगर के बीच बखरुपारा वार्ड में दो पहिया वाहन में सवार होकर कुछ अज्ञात हमलावर काँग्रेस नेता एवं परिवहन संघ के सचिव को 3 गोली मारी और भाग निकले।
प्राप्त जानकारी अनुसार विक्रम बैस रात्रि यूनियन से निकलकर अपने घर की ओर जा रहे थे घटनास्थल से घर महज 500 मीटर की दूरी पर थी, अज्ञात हमलावर जो उनका पीछा करते हुए 3 गोली मारी और घटना को अंजाम देकर फरार हो गए। आसपास के लोगों ने गाड़ी से गिरते हुए देखा तुरंत पुलिस को सूचना दिया, आनन फानन में चारपहिया वाहन (कार) से उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत होने की सूचना दी, विक्रम बैस के घटना की खबर फैलते ही नगरवासी कांग्रेस पार्टी के नेता, जनप्रतिनिधि हॉस्पिटल पहुचने लगे इस तरह नगर के अंदर अज्ञात लोगों के द्वारा दबंग नेता विक्रम बैस की गोली मारकर हत्या होना एक बड़ा चर्चा का विषय रहा, इस प्रकार की घटना शहर के बीचों बीच होना नगर में दहशत का माहौल बना हुआ है।
आखिर कौन हो सकता है हमलावर ? ऐसे कई पहलू को लेकर पुलिस जांच में जुटी है शहर के चारो तरफ नाका बंदी कर नगर में लगे सीसीटीवी के माध्यम से तलाश जारी है।

जिला पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार द्वारा घटना की पुष्टि किया, अज्ञात अपराधियों ने नारायणपुर के बखरूपारा में युवक को सर में गोली मारी। इलाज के दौरान जिला अस्पताल में हुई मृत्यु। मृतक का नाम विक्रम बैस पुलिस मौके पर। 3 टीम बनाकर जांच शुरू की गई। जल्द ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा।

कांग्रेस ब्लॉक उपाध्यक्ष एवं परिवहन संघ के सचिव विक्रम बैस का आज सुबह जिला अस्पताल में पीएम कर कांग्रेस कार्यालय ले जाया गया कांग्रेस के पूर्व विधायक चंदन कश्यप एवं काँग्रेस कार्यकर्ता भवन में नम आंखों से श्रद्धांजलि दिया, तत्पश्चात पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थल बखरूपारा ले जाया गया सभी पार्टी के लोग रिश्तेदार नगरवासी निवास स्थान में नम आंखों से अंतिम विदाई के साथ मुक्तिधाम ले जाकर मुखाग्नि दिया, विक्रम बैस घर में अपने माता पिता के इकलौते पुत्र थे, अपने पीछे परिवार में धर्मपत्नी और एक 4 साल की बच्ची भरापूरा परिवार छोड़कर पंचतत्व में विलय हो गए।

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