गांव नगरीय निकायों में शालात्यागी और अप्रवेशी बच्चों की पहचान के लिए सर्वे दल घर-घर देगा दस्तक
बीजापुर@रामचन्द्रम एरोला – जिला प्रशासन बीजापुर द्वारा शालात्यागी एवं अप्रवेशी बच्चों के लिए शिक्षा से जोड़ने के महाअभियान “स्कूल वेंडे वर्राट पडूंम” की शुरूआत कलेक्टर अनुराग पाण्डेय द्वारा की गई। नवोदय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में अभियान की शुरूआत करते हुए कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए सकारात्मक वातावरण तैयार करने में यह अभियान एक मिसाल बनेगा। कार्यक्रम में एसडीएम बीजापुर जागेश्वर कौशल, एसडीएम उसूर भूपेन्द्र गावड़े, डीईओ रमेश निषाद, डीएमसी विजेन्द्र राठौर सहित सभी विकासखण्डों के बीईओ, बीआरसी, संकुल समन्वयक सहित शिक्षक-शिक्षिकाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।नवोदय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर ने स्कूल फिर चलें अभियान “स्कूल वेंडें वर्राट पडूंम” की शुरूआत कर सर्वे के संबंध में सर्वेदल के सदस्यों से विस्तारपूर्वक चर्चा की। शालात्यागी एवं अप्रवेशी बच्चें जिले में काफी तादाद में हैं जिनके कारणों को जानना शासन और प्रशासन के लिए आवश्यक है तभी उन कारणों का निदान कर शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की जा सकती है। शिक्षा के क्षेत्र में विकास किए बिना हम सामाजिक और आर्थिक रूप से किसी भी समाज के विकास की परिकल्पना नहीं कर सकते। बच्चों की शिक्षा में बाधक तत्व जो हैं उन्हें जिम्मेदारी से जानना पहला प्रयास है इसके बाद हम उन्हे शिक्षा से जोड़ने के विकल्प पर योजना बनाकर बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। जिला प्रशासन सभी विभागों से समन्वय कर बच्चों के भविष्य को सवारने की दिशा में पहल कर रहा है इसमें हमारे सभी मैदानी अमले की मेहनत ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमने देखा है कि प्राथमिक से लेकर हाईस्कूल तक बच्चों के पढ़ाई से वंचित रहने और छोड़ने के पीछे अलग-अलग कारण होते हैं उन्हें दूर करने के लिए दूरगामी सोच के साथ कार्य करने की जरूरत है। जिले में ऐसे बहुत से गांव है जहां कतिपय कारणों से शिक्षा व्यवस्था की पहुंच नहीं है हम इस अभियान के जरिये घर-घर दस्तक देकर प्रत्येक बच्चे तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। यह अभियान बीजापुर के बच्चों के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए मिसाल बनकर आदर्श स्थापित करेगा।इस अवसर पर बीजापुर के तोड़का, भैरमगढ़ के जब्बे, उसूर के मोदकपाल, और भोपलपटनम के सर्वे दल से सवांद स्थापित कर कलेक्टर ने अभियान के संबंध में फीडबैक प्राप्त किया और उन्हे बेहतर कार्य के लिए मार्गदर्शन दिया।कार्यक्रम के सम्पन्न होने के पश्चात कलेक्टर ने धनोरा गांव का भ्रमण कर सर्वे की वस्तुस्थिति का जायजा लिया और शालात्यागी बच्चों को शिक्षा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।